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इंफालः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि सरकार मणिपुर में जल्द से जल्द शांति बहाल करने और विस्थापित लोगों की उनके घरों में वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। शाह ने जातीय हिंसा प्रभावित राज्य की अपनी यात्रा के तीसरे दिन मणिपुर में कुकी और मेइती समुदायों के शिविरों का दौरा करने के बाद यह बात कही।

उन्होंने ट्वीट किया, "कांगपोकपी में एक राहत शिविर का दौरा किया और वहां कुकी समुदाय के सदस्यों से मुलाकात की। हम मणिपुर में जल्द से जल्द शांति बहाल करने और उनकी अपने घरों में वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"

गृह मंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने मणिपुर के कांगपोकपी में नागरिक संस्थाओं के साथ एक बैठक बुलाई थी और 'वे मणिपुर में समुदायों के बीच सद्भाव बहाली में सरकार के साथ सक्रिय रूप से भाग लेने के इच्छुक हैं।' इससे पहले, उन्होंने पूर्वोत्तर राज्य में सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए तेंगनोपाल जिले में मोरेह सीमावर्ती नगर में एक समीक्षा बैठक की, जहां लगभग एक महीने से छिटपुट हिंसा हो रही है।

गुवाहाटी: पिछले एक माह में 80 से ज़्यादा लोगों की जान ले लेने वाले जातीय संघर्ष के बाद तनाव को कम करने की कोशिश के तहत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बुधवार को भारत-म्यांमार सीमा पर स्थित मणिपुर के सीमावर्ती कस्बे मोरेह का दौरा करने वाले हैं।

सोमवार देर रात को इम्फाल पहुंचे अमित शाह ने बढ़ती जातीय हिंसा को रोकने के लिए कुकी और मैतेई समुदाय के विभिन्न नेताओं, शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों और मणिपुर कैबिनेट के साथ बैठकें कीं। पूर्वोत्तर भारत के इस राज्य में अमन बहाली के उद्देश्य से केंद्रीय गृहमंत्री ने मंगलवार को कुल 9 बैठकें कीं, जिनमें एक सर्वदलीय बैठक भी शामिल थी।

मोरेह कस्बा जारी अशांति से बेहद प्रभावित है और गृहमंत्री का दौरा बुधवार सुबह लगभग 10 बजे शुरू हुआ, जहां वह कुकी नागरिक समाज समूहों के साथ बातचीत करेंगे और मौजूदा सुरक्षा उपायों का आकलन करेंगे।

इसके बाद दोपहर 1 बजे के आस-पास अमित शाह कांगपोकपी जिले का दौरा करेंगे। जो कुकी-बहुल इलाका है, लेकिन वहां मैतेई समुदाय के भी कई गांव हैं।

गुवाहाटीः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कल देर शाम मणिपुर कैबिनेट के साथ बैठक में पांच अहम फैसले हुए, जिन्हें शांति प्रक्रिया के तहत पूरे राज्य में तुरंत लागू किया जाएगा। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। इन फैसलों से राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद मिलने की उम्मीद की जा रही है, जहां 3 मई से कर्फ्यू लगा हुआ है और इंटरनेट निलंबित है। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने कुकी आदिवासी नेताओं के साथ एक बैठक में सीबीआई द्वारा हिंसा की जांच की भी बात कही है।

सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट मीटिंग में कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने, राहत कार्यों में तेजी लाने, जातीय संघर्ष में मारे गए लोगों के परिवारों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के साथ ही अफवाहों को दूर करने के लिए बीएसएनएल की टेलीफोन लाइन को फिर से खोलने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया।

सूत्रों ने कहा कि शाह ने अधिकारियों को राज्य में शांति भंग करने वाली गतिविधियों को लेकर सख्‍ती से निपटने के निर्देश दिए हैं।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): मणिपुर में जारी हिंसा के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल (डेलिगेशन) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिला और राज्य में शांति बहाली की मांग की। इस दौरान कांग्रेस के मणिपुर के तमाम नेता उसके साथ थे। डेलिगेशन ने राष्ट्रपति को चार पन्ने की रिपोर्ट सौंपी।

बीजेपी पर लगाया- 'ध्रुवीकरण का आरोप'

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी (भाजपा) की ध्रुवीकरण की राजनीति को लेकर मणिपुर जल रहा है। मणिपुर में 3 मई से हिंसा हो रही है और बीजेपी को इसकी कोई परवाह नहीं है। क्योंकि बीजेपी का सारा ध्यान कर्नाटक चुनाव में था। कांग्रेस डेलिगेशन ने 12 प्वाइंट्स में एक्शन प्लान बनाकर राष्ट्रपति को सौंपा है, जिसको फॉलो कर राज्य में हिंसा को रोका जा सकता है। राष्ट्रपति भवन में भारत के माननीय राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने एआईसीसी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित किया। कांग्रेस ने कहा कि जब राज्य के मुख्यमंत्री इबोबी सिंह थे, तब मणिपुर में ऐसा नहीं होता था। आज मणिपुर के हालात से आप वाकिफ हैं।

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