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इंफाल: मणिपुर में जारी हिंसा के बीच उग्रवादियों की गोलीबारी में एक बीएसएफ जवान शहीद हो गया। वहीं दो अन्य जवान घायल हो गए। सेना के अधिकारियों ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान की मौत हो गई, जबकि सेरो इलाके में सुरक्षा बलों और विद्रोहियों के एक समूह के बीच 5-6 जून की रात हुई गोलीबारी में असम राइफल्स के दो जवान घायल हो गए।

भारतीय सेना के स्पीयर कोर ने एक बयान में कहा, "बीएसएफ का एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया, जबकि असम राइफल्स के दो जवानों को सामान्य इलाके सेरू में गोली लगी।" घायल जवानों को विमान से मंत्रीपुखरी ले जाया गया है।

उन्होंने कहा, "असम राइफल्स, बीएसएफ और पुलिस द्वारा मणिपुर में सुगनू/सेरौ के क्षेत्रों में व्यापक अभियान चलाए गए। 5-6 जून की रात भर सुरक्षा बलों और विद्रोहियों के समूह के बीच रुक-रुककर गोलीबारी हुई, सुरक्षा बलों ने प्रभावी ढंग से जवाबी कार्रवाई की।" सेना के अधिकारियों ने कहा कि सेना, असम राइफल्स, पुलिस और सीएपीएफ ने शनिवार को पूरे मणिपुर में पहाड़ी और घाटी क्षेत्र में एरिया डोमिनेशन ऑपरेशन शुरू किया।

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने मणिपुर में हुई जातीय हिंसा की जांच के लिए गुवाहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है। इसके अन्य दो सदस्यों में पूर्व आईएएस हिमांशु शेखर दास और पूर्व आईपीएस आलोक प्रभाकर शामिल हैं। केन्द्र सरकार ने इस बारे में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। आपको बता दें कि गुरुवार को ही गृह मंत्री अमित शाह ने इस बारे में घोषणा की थी। उन्होंने आशंका जताई थी कि हिंसा भड़काने की कोशिश किसी साजिश का भी हिस्सा हो सकती है।

हिंसा के हालात में दिख रहा है सुधार

मणिपुर में कई दिनों की हिंसा और कर्फ्यू के बाद हालात में सुधार दिख रहे हैं। शनिवार को मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने बताया कि राज्य में शांति लौट रही है और सामान्य स्थिति बहाल हो रही है। पिछले 24 घंटे में मणिपुर में फायरिंग और आगजनी की कोई घटना नहीं हुई है। इसके अलावा, असम राइफल्स सहित संयुक्त सुरक्षा बलों ने पिछले 24 घंटों में कई अभियानों में 35 हथियार और 88 बम बरामद किए हैं।

इंफाल: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के जातीय संघर्ष से प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य से रवाना होने के एक दिन बाद ही मणिपुर के विभिन्न हिस्सों से शुक्रवार को उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ की घटनाएं सामने आईं। अपनी यात्रा के दौरान शाह ने शांति और सामान्य स्थिति की वापसी की अपील की थी।

एक पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार सुबह बिष्णुपुर जिले के चांदोलपोकपी, तांगजेंग, पोम्बिखोक और कामसन गांवों में उग्रवादियों ने सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ की। उग्रवादियों के हमले के बाद स्थानीय लोगों को तांगजेंग गांव छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। उग्रवादियों ने चुराचांदपुर जिले के बेथेल गांव में घरों को भी आग लगा दी।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि इंफाल पश्चिम जिले के कांगचुप चिंगखोंग इलाके में विद्रोहियों ने एक घर को जला दिया और सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ हुई। हालांकि इन घटनाओं में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।

सरकार ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि राज्य में जातीय हिंसा में कम से कम 98 लोगों की जान चली गई और 310 अन्य घायल हो गए।

इंफाल: केंद्रीय मंत्री अमित शाह मणिपुर दौरे पर हैं। इस दौरान एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्‍होंने कहा कि मणिपुर में जब से भाजपा की डबल इंजन की सरकार बनी है, तब से राज्‍य विकास के पथ पर आगे निकल पड़ा है। लेकिन पिछले दिनों हुई हिंसक घटनाओं में यहां कई लोगों की जान गई। मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए हम काम कर रहे हैं। हिंसा की जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज से कराई जाएगी। शांति समिति का गठन किया जा रहा है।

शांति समिति भी गठित होगी: अमित शाह

अमित शाह ने इंफाल में कहा, "पिछले छह वर्षों से जब से मणिपुर में भाजपा की सरकार आई मणिपुर बंद, कर्फ्यू और हिंसा से मुक्त हो गया था। मणिपुर में डबल इंजन की सरकार ने विकास के सभी पैमानों में अभूतपूर्व सिद्धि हासिल की। पिछले एक महीने में मणिपुर में हिंसक घटनाएं हुई हैं, जिन नागरिकों की हमले की हिंसा में मृत्यु हुई है, उनके परिजनों के प्रति पीएम मोदी, मेरी तरफ से और भारत सरकार की तरफ से संवेदना व्यक्त करता हूं।"

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में मेरी 11 अलग-अलग पार्टियों के नेताओं से विस्तृत बातचीत हुई है।

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