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नई दिल्ली/इंफाल: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मणिपुर में हाल ही में 3 मई से शुरू हुई हिंसा के पीछे कथित साजिश की जांच के लिए 6 एफआईआर दर्ज की हैं और एक विशेष जांच दल का गठन किया है। कुकी और मैतेई समुदायों ने 80 से अधिक लोगों की जान ले ली है और 35,000 से अधिक लोगों को विस्थापित कर दिया है।

सीबीआई की जांच के लिए मणिपुर सरकार द्वारा चुने गए छह मामलों में यह पता लगाने के लिए एक सामान्य साजिश का मामला शामिल है कि क्या जातीय हिंसा पूर्व नियोजित थी। यह हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में 3,700 से अधिक केस दर्ज किए गए। इंफाल पश्चिम जिले में सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए, इसके बाद कांगपोकपी और बिष्णुपुर का स्थान है।

मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने संकेत दिया कि मणिपुर में स्थिति शांतिपूर्ण और नियंत्रण में है, पिछले 48 घंटों में हिंसा की कोई घटना नहीं हुई है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि गृह मंत्रालय (एमएचए) ने मणिपुर में विस्थापित लोगों की सहायता के लिए 101.75 करोड़ रुपये के राहत पैकेज को मंजूरी दी है।

इंफाल: मणिपुर सरकार ने हिंसा प्रभावित राज्य में शांति और सार्वजनिक व्यवस्था की गड़बड़ी को रोकने के प्रयास में इंटरनेट और डेटा सेवाओं पर प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से पांच दिनों के लिए और बढ़ा दिया है। मणिपुर सरकार द्वारा जारी नए आदेशों की घोषणा की गई। जिसमें राज्य में इंटरनेट सेवाओं के निलंबन को पांच दिनों यानि 10 जून की दोपहर 3 बजे तक के लिए और बढ़ा दिया गया है।

3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (एटीएसयूएम) की एक रैली के बाद मणिपुर में हिंदू मेइती और आदिवासी कूकी, जो ईसाई हैं, उनके बीच हिंसा भड़क उठी थी। पिछले एक महीने से पूरे राज्य में हिंसा की स्थिति है और केंद्र सरकार को स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अर्धसैनिक बलों को तैनात करना पड़ा है। राज्य में शांति बहाल करने के लिए सेना और असम राइफल्स के करीब 10 हजार जवानों को तैनात किया गया है।

इससे पहले मणिपुर के इंफाल पश्चिम जिले में सोमवार सुबह हथियारबंद लोगों के दो समूहों के बीच हुई गोलीबारी में तीन लोगों की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए।

इंफाल: मणिपुर में जारी हिंसा के बीच उग्रवादियों की गोलीबारी में एक बीएसएफ जवान शहीद हो गया। वहीं दो अन्य जवान घायल हो गए। सेना के अधिकारियों ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान की मौत हो गई, जबकि सेरो इलाके में सुरक्षा बलों और विद्रोहियों के एक समूह के बीच 5-6 जून की रात हुई गोलीबारी में असम राइफल्स के दो जवान घायल हो गए।

भारतीय सेना के स्पीयर कोर ने एक बयान में कहा, "बीएसएफ का एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया, जबकि असम राइफल्स के दो जवानों को सामान्य इलाके सेरू में गोली लगी।" घायल जवानों को विमान से मंत्रीपुखरी ले जाया गया है।

उन्होंने कहा, "असम राइफल्स, बीएसएफ और पुलिस द्वारा मणिपुर में सुगनू/सेरौ के क्षेत्रों में व्यापक अभियान चलाए गए। 5-6 जून की रात भर सुरक्षा बलों और विद्रोहियों के समूह के बीच रुक-रुककर गोलीबारी हुई, सुरक्षा बलों ने प्रभावी ढंग से जवाबी कार्रवाई की।" सेना के अधिकारियों ने कहा कि सेना, असम राइफल्स, पुलिस और सीएपीएफ ने शनिवार को पूरे मणिपुर में पहाड़ी और घाटी क्षेत्र में एरिया डोमिनेशन ऑपरेशन शुरू किया।

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने मणिपुर में हुई जातीय हिंसा की जांच के लिए गुवाहाटी उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अजय लांबा की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है। इसके अन्य दो सदस्यों में पूर्व आईएएस हिमांशु शेखर दास और पूर्व आईपीएस आलोक प्रभाकर शामिल हैं। केन्द्र सरकार ने इस बारे में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। आपको बता दें कि गुरुवार को ही गृह मंत्री अमित शाह ने इस बारे में घोषणा की थी। उन्होंने आशंका जताई थी कि हिंसा भड़काने की कोशिश किसी साजिश का भी हिस्सा हो सकती है।

हिंसा के हालात में दिख रहा है सुधार

मणिपुर में कई दिनों की हिंसा और कर्फ्यू के बाद हालात में सुधार दिख रहे हैं। शनिवार को मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने बताया कि राज्य में शांति लौट रही है और सामान्य स्थिति बहाल हो रही है। पिछले 24 घंटे में मणिपुर में फायरिंग और आगजनी की कोई घटना नहीं हुई है। इसके अलावा, असम राइफल्स सहित संयुक्त सुरक्षा बलों ने पिछले 24 घंटों में कई अभियानों में 35 हथियार और 88 बम बरामद किए हैं।

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