ताज़ा खबरें
'संघर्ष विराम में नहीं थी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता': विदेश सचिव मिस्री
मंत्री शाह को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, जांच के लिए एसआईटी गठित

इंफाल: मणिपुर में हिंसा के बाद पूरे राज्य में सेना और असम राइफल्स की गश्ती बढ़ा दी गई है। भारतीय सेना ने बताया कि दोनों दलों के जवानों ने इंफाल पूर्व और चुराचांदपुर में दो समुदायों के बीच गोलीबारी की घटनाओं को रोका। सेना ने कहा कि हथियारबंद बदमाशों ने फायरिंग की और ऊंचे इलाकों की तरफ भाग निकले। उन्होंने कहा कि कोई हताहत नहीं हुआ है। ऑपरेशन चल रहा है।

इधर, हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में मामले का समाधान निकालने के लिए गृहमंत्री अमित शाह 29 मई को राज्य का दौरा करेंगे। वे यहां तीन दिनों तक रुकेंगे। उनके दौरे से पहले गुरुवार रात इंफाल के कोंग्वा इलाके में कर्फ्यू के बीच हजारों की संख्या में स्थानीय लोग एकत्रित हुए और उन्होंने केंद्रीय मंत्री राजकुमार रंजन सिंह के आवास पर धावा बोल दिया।

वहां मौजूद सुरक्षा बलों को उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इस दौरान मंत्री और उनका परिवार वहां नहीं था। मंत्री के आवास को किसी भी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है। भीड़ में बड़ी संख्या में महिला और पुरुष मौजूद थे।

इंफालः मणिपुर की राजधानी इंफाल में फिर से हिंसा भड़कने की खबर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार को कई जगहों पर आगजनी के चलते कर्फ्यू लगा दिया गया है। न्यू लम्बुलेन के लोकल मार्केट में जगह को लेकर मैतेई और कुकी समुदाय के बीच झगड़ा हुआ। इसके बाद उपद्रवियों ने कुछ घरों में आग लगा दी। हिंसा को देखते हुए सेना को बुलाया गया। वहीं, चेकॉन इलाके में हिंसा भड़कने के बाद सोमवार को मणिपुर के एक पूर्व विधायक और दो अन्य को बंदूकों के साथ गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल, इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया और 26 मई तक इंटरनेट भी बैन कर दिया गया है।

मणिपुर में मैतई आरक्षण विवाद को लेकर कई दिनों से हिंसा और तनाव का माहौल है। कुछ दिनों तक शांति के बाद सोमवार को फिर से हिंसा भड़की है। 15 मई तक हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 73 तक पहुंच गई थी। दंगाइयों ने यहां कई घरों को आग के हवाले कर दिया था। इससे पहले 3 मई को मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में हिंसा भड़क उठी थी। 4 मई को यहां हालात बेकाबू हो गए थे।

इंफाल: मणिपुर में 3 मई को भड़की हिंसा के बाद जानमाल का काफी नुकसान हुआ है। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को जानकारी दी है कि हिंसा में अब तक 60 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 200 से ज्यादा लोग जख्मी हुए हैं। सीएम ने माना कि अब भी 10 हजार लोग फंसे हुए हैं। इसके साथ ही बीरेन सिंह ने कहा कि पहले दिन से पूरे घटनाक्रम पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह नजर बनाए हुए हैं। मणिपुर के सीएम ने हिंसा की चपेट में आए परिवारों के लिए मुआवजे का एलान किया है।

मणिपुर हिंसा पर पहली बार बात करते हुए सीएम एन बीरेन सिंह ने राजधानी इंफाल में मीडिया से कहा, "3 मई को दुर्भाग्यपूर्ण घटना में 60 निर्दोष लोगों ने जान गंवाई। इस हिंसा में 231 लोग जख्मी हुए हैं। 1700 घरों को उपद्रवियों ने जला दिया. मैं राज्य के लोगों से शांति और सौहार्द की अपील करता हूं। जो लोग फंसे हुए हैं, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है।" उन्होंने कहा, "अब तक 20000 फंसे हुए लोगों को निकाला जा चुका है। करीब 10000 लोग अब भी फंसे हुए हैं।

इंफाल: मणिपुर के हिंसा प्रभावित हिस्सों में रविवार सुबह कर्फ्यू में कुछ घंटों की ढील दिए जाने के साथ ही आम जनजीवन पटरी पर लौटता दिखाई दिया। वहीं, सेना के ड्रोन और होलीकॉप्टर हवा में गश्त लगाकर क्षेत्र पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि हिंसा प्रभावित चुराचांदपुर इलाके में सुबह सात से 10 बजे के बीच कर्फ्यू में ढील दी गई और इस दौरान खाद्य पदार्थ, दवाइयां व अन्य जरूरी सामान खरीदने के लिए लोग बड़ी संख्या में घरों से बाहर निकले।

अधिकारियों के मुताबिक, सुबह 10 बजे कर्फ्यू में ढील की मियाद खत्म होने के बाद सेना और असम राइफल्स के जवानों ने शहर में फ्लैग मार्च किया। हिंसा प्रभावित राज्य में सेना के 120 से 125 ‘कॉलम' की तैनाती की गई है।

अब तक 23,000 लोगों को सैन्य छावनियों में स्थानांतरित किया

सूत्रों ने बताया कि मणिपुर में अर्धसैनिक बलों और केंद्रीय पुलिस बलों के करीब 10,000 जवानों को भी तैनात किया गया है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख