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गुवाहाटीः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कल देर शाम मणिपुर कैबिनेट के साथ बैठक में पांच अहम फैसले हुए, जिन्हें शांति प्रक्रिया के तहत पूरे राज्य में तुरंत लागू किया जाएगा। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। इन फैसलों से राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद मिलने की उम्मीद की जा रही है, जहां 3 मई से कर्फ्यू लगा हुआ है और इंटरनेट निलंबित है। सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने कुकी आदिवासी नेताओं के साथ एक बैठक में सीबीआई द्वारा हिंसा की जांच की भी बात कही है।
सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट मीटिंग में कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने, राहत कार्यों में तेजी लाने, जातीय संघर्ष में मारे गए लोगों के परिवारों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने के साथ ही अफवाहों को दूर करने के लिए बीएसएनएल की टेलीफोन लाइन को फिर से खोलने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया।
सूत्रों ने कहा कि शाह ने अधिकारियों को राज्य में शांति भंग करने वाली गतिविधियों को लेकर सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं।
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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): मणिपुर में जारी हिंसा के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल (डेलिगेशन) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिला और राज्य में शांति बहाली की मांग की। इस दौरान कांग्रेस के मणिपुर के तमाम नेता उसके साथ थे। डेलिगेशन ने राष्ट्रपति को चार पन्ने की रिपोर्ट सौंपी।
बीजेपी पर लगाया- 'ध्रुवीकरण का आरोप'
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी (भाजपा) की ध्रुवीकरण की राजनीति को लेकर मणिपुर जल रहा है। मणिपुर में 3 मई से हिंसा हो रही है और बीजेपी को इसकी कोई परवाह नहीं है। क्योंकि बीजेपी का सारा ध्यान कर्नाटक चुनाव में था। कांग्रेस डेलिगेशन ने 12 प्वाइंट्स में एक्शन प्लान बनाकर राष्ट्रपति को सौंपा है, जिसको फॉलो कर राज्य में हिंसा को रोका जा सकता है। राष्ट्रपति भवन में भारत के माननीय राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने एआईसीसी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित किया। कांग्रेस ने कहा कि जब राज्य के मुख्यमंत्री इबोबी सिंह थे, तब मणिपुर में ऐसा नहीं होता था। आज मणिपुर के हालात से आप वाकिफ हैं।
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इंफाल: मणिपुर में हिंसा के बाद पूरे राज्य में सेना और असम राइफल्स की गश्ती बढ़ा दी गई है। भारतीय सेना ने बताया कि दोनों दलों के जवानों ने इंफाल पूर्व और चुराचांदपुर में दो समुदायों के बीच गोलीबारी की घटनाओं को रोका। सेना ने कहा कि हथियारबंद बदमाशों ने फायरिंग की और ऊंचे इलाकों की तरफ भाग निकले। उन्होंने कहा कि कोई हताहत नहीं हुआ है। ऑपरेशन चल रहा है।
इधर, हिंसा से जूझ रहे मणिपुर में मामले का समाधान निकालने के लिए गृहमंत्री अमित शाह 29 मई को राज्य का दौरा करेंगे। वे यहां तीन दिनों तक रुकेंगे। उनके दौरे से पहले गुरुवार रात इंफाल के कोंग्वा इलाके में कर्फ्यू के बीच हजारों की संख्या में स्थानीय लोग एकत्रित हुए और उन्होंने केंद्रीय मंत्री राजकुमार रंजन सिंह के आवास पर धावा बोल दिया।
वहां मौजूद सुरक्षा बलों को उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। इस दौरान मंत्री और उनका परिवार वहां नहीं था। मंत्री के आवास को किसी भी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है। भीड़ में बड़ी संख्या में महिला और पुरुष मौजूद थे।
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इंफालः मणिपुर की राजधानी इंफाल में फिर से हिंसा भड़कने की खबर है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार को कई जगहों पर आगजनी के चलते कर्फ्यू लगा दिया गया है। न्यू लम्बुलेन के लोकल मार्केट में जगह को लेकर मैतेई और कुकी समुदाय के बीच झगड़ा हुआ। इसके बाद उपद्रवियों ने कुछ घरों में आग लगा दी। हिंसा को देखते हुए सेना को बुलाया गया। वहीं, चेकॉन इलाके में हिंसा भड़कने के बाद सोमवार को मणिपुर के एक पूर्व विधायक और दो अन्य को बंदूकों के साथ गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल, इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया और 26 मई तक इंटरनेट भी बैन कर दिया गया है।
मणिपुर में मैतई आरक्षण विवाद को लेकर कई दिनों से हिंसा और तनाव का माहौल है। कुछ दिनों तक शांति के बाद सोमवार को फिर से हिंसा भड़की है। 15 मई तक हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 73 तक पहुंच गई थी। दंगाइयों ने यहां कई घरों को आग के हवाले कर दिया था। इससे पहले 3 मई को मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में हिंसा भड़क उठी थी। 4 मई को यहां हालात बेकाबू हो गए थे।
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