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नई दिल्ली: भारतीय सेना ने हिंसा प्रभावित मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लोगों से उनके प्रयासों का समर्थन करने का आग्रह किया है। सेना ने कल देर शाम कहा कि महिला कार्यकर्ता जानबूझकर पूर्वोत्तर राज्य में मार्गों को अवरुद्ध कर रही हैं और सुरक्षा बलों के अभियानों में हस्तक्षेप कर रही हैं। इसने ट्विटर पर ऐसे उदाहरणों को उजागर करते हुए एक वीडियो साझा किया, जिसमें पिछले सप्ताह का गतिरोध भी शामिल है। जब सेना को - मणिपुर के इथम गांव में 1,200 लोगों की महिलाओं के नेतृत्व वाली भीड़ से घिरे होने के बाद - नागरिकों की जान बचाने के लिए 12 उग्रवादियों को छोड़ना पड़ा।

भारतीय सेना के स्पीयर कोर ने एक ट्वीट में कहा, "मणिपुर में महिला कार्यकर्ता जानबूझकर मार्गों को अवरुद्ध कर रही हैं और सुरक्षा बलों के संचालन में हस्तक्षेप कर रही हैं। इस तरह का अनुचित हस्तक्षेप जीवन और संपत्ति को बचाने के लिए गंभीर परिस्थितियों के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा समय पर प्रतिक्रिया के लिए हानिकारक है। भारतीय सेना आबादी के सभी वर्गों से शांति बहाल करने के हमारे प्रयासों का समर्थन करने की अपील करती है।“

इंफाल: भारतीय सेना ने रविवार को मणिपुर के इथम गांव में महिला की नेतृत्व में जुटे 1,200 से अधिक लोगों की भीड़ से घिरे होने के कारण 12 उग्रवादियों को रिहा कर दिया। सेना ने एक बयान में कहा कि लगभग एक दिन तक चले गतिरोध को खत्म करने के लिए नागरिकों की जान जोखिम में नहीं डालने का फैसले लेते हुए उग्रवादियों को रिहा कर दिया गया।

सेना ने कहा, "महिलाओं के नेतृत्व वाली क्रोधित भीड़ के खिलाफ कार्रवाई की संवेदनशीलता और इस तरह की कार्रवाई के कारण होने वाले संभावित परिणाम को ध्यान में रखते हुए, सभी 12 कैडरों को स्थानीय नेता को सौंपने का एक समझदारी वाला फैसला लिया गया।"

सेना ने "परिपक्व निर्णय" लेने के लिए ऑपरेशन के प्रभारी कमांडर की भी सराहना की, जिसने "भारतीय सेना का मानवीय चेहरा" दिखाया।

बता दें कि शनिवार को सेना ने मैतेई उग्रवादी समूह कांगलेई यावोल कन्ना लुप (केवाईकेएल) के 12 उग्रवादियों को पकड़ा था।

इंफाल: मणिपुर में भीड़ ने राज्य सरकार में मंत्री एल सुसींद्रो के इंफाल पूर्वी जिले के चिनगारेल स्थित निजी गोदाम में आग लगा दी। पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी। भीड़ ने उपभोक्ता एवं खाद्य मामलों के मंत्री सुसींद्रो के इसी जिले के खुरई इलाके में स्थित आवास और अन्य संपत्तियों को भी शुक्रवार रात आग के हवाले करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा बलों के वक्त पर पहुंचकर उन्हें रोक दिया। पुलिस ने कहा कि सुरक्षा बलों ने आधी रात तक आंसू गैस के कई गोले दागे, ताकि भीड़ को मंत्री के खुरई स्थित ‍आवास का घेराव करने से रोका जा सके।

घटना में किसी के भी हताहत होने की जानकारी नहीं है। इससे पहले, राज्य की महिला मंत्री नेमचा किपगेन के इंफाल पश्चिम जिले के लामफेल इलाके स्थित घर को 14 जून की रात को अज्ञात लोगों ने जला दिया था। इसके अगले दिन केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर पर हमला किया गया था और उसे जलाने की कोशिश की गई थी।

गौरतलब है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों में हुए जातीय संघर्ष में अब तक 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

इंफाल: मणिपुर में बीते कुछ दिनों से रुक रुक कर हो रही हिंसा के बाद बुधवार की शाम एक बम धमाका हुआ है। अभी तक मिल रही जानकारी के अनुसार इस धमाके में तीन लोग घायल हुए हैं। धमाके में घायल हुए लोगों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मिल रही जानकारी के अनुसार धमाके में जो तीन लोग घायल हुए हैं, उनमें से एक की हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस के अनुसार क्वाक्टा में यह बम धमाका शाम साढ़े सात बजे हुआ है। इस धमाके के लिए एक एसयूवी कार का इस्तेमाल किया गया था। पुलिस फिलहाल इस पूरे मामले की जांच में जुटी है।

बम को एक एसयूवी कार में रखा गया था। बता दें कि क्वाक्टा राज्य के सबसे खराब हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में से एक है। इस धमाके में घायल हुए तीन लोगों में से एक की हालत गंभीर बनी हुई है। सभी घायलों का फिलहाल इलाज चल रहा है। इस धमाके के बाद अधिकारियों ने कहा कि संयुक्त सुरक्षा बलों ने बुधवार को इंफाल पश्चिम जिले के लीमाखोंग इलाके में कथित तौर पर विद्रोहियों द्वारा इस्तेमाल किए गए एक बंकर को नष्ट कर दिया है।

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