ताज़ा खबरें
हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

भोपाल: पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का शुक्रवार (17 अगस्त) की शाम को राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर हिंदू रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। वाजपेयी को उनकी दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्या ने मुखाग्नि दी। इस दौरान स्मृति स्थल पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पक्ष-विपक्ष के सभी बड़े नेता मौजूद रहे। अटल बिहारी वाजपेयी का अस्थि विसर्जन हरिद्वार में होगा। जानकारी के मुताबिक, 19 अगस्त (रविवार) को हरिद्वार में उनकी अस्थियों को प्रभावित किया जाएगा। इसकी तैयारियों में प्रदेश भाजपा संगठन जुटा गया है।

अटल जी के सम्मान में मध्य प्रदेश की सरकार ने एक बड़ा ऐलान किया है, अटल जी प्रेरणा के श्रोत है और आने वाली पीढ़ी को उनसे प्रेरणा मिल सके इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार ने ऐलान किया है। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया है की मध्य प्रदेश के स्कूली किताबों में अटल जी की जीवनी को शामिल किया जायेगा ताकि बच्चे अटल जी के बारे में जान सके और उनको अच्छा व्यक्ति और राष्ट्रवादी बनने की प्रेरणा मिल सके।

भोपाल: अटल बिहारी वाजपेयी, 25 दिसंबर 1924 के दिन ग्वालियर में जन्मे और वो शहर जहां से अटलजी की मीठी यादें जुड़ी हैं। ये शब्द आपको सही जान पड़ेगा जब आप नया बाज़ार के बहादुरा स्वीट्स आएंगे। किसी अखबार ने लिखा था कि बहादुरा के लड्डू पासपोर्ट टू पीएम हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद भी वो लड्डू खाने बहादुरा मिठाई की दुकान पर आते रहे। 47 साल के और अब दुकान के मालिक विकास शर्मा अटलजी को याद करते हुए भावुक हो जाते हैं। कहते हैं, वो पिताजी के बहुत अच्छे दोस्त थे। बैजनाथ जी और 2-3 दोस्तों के साथ बहुत वक्त दुकान में गुजारा करते थे। हमारे यहां दो चीजें बनती थीं लड्डू और गुलाबजामुन। सुबह में कचौड़ी और इमरती वो मुझे कहते थे ऐ इधर आ, जल्दी दे। उस वक्त मुझे अजीब लगता था, लेकिन मेरे पिता कहते थे तुम नहीं समझोगे। अब लगता है मेरा अपना चला गया। हमारे लिये वो परिवार थे।

वाजपेयी जी का जन्म मध्यवर्गीय ब्राह्मण परिवार में शिंदे की छावनी इलाके में हुआ था। मां कृष्णा देवी और पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी। अटलजी लश्कर में स्थित गोरखी माध्यमिक विद्यालय में पढ़े ये वही स्कूल था जहां 1935 से 1937 तक उनके पिता प्राचार्य रहे। ग्वालियर के ही एमएलबी कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद वो पोस्ट ग्रेजुएशन के लिये कानपुर चले गए।

शिवपुरी: मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के सुल्तानगढ़ वॉटर फॉल पिकनिक स्पॉट में फंसे सभी 45 लोगों को बचा लिया गया है। ये लोग स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पिकनिक मनाने के लिए आए थे। पांच लोगों को हैलिकॉप्टर की मदद एयरलिफ्ट किया गया। वहीं, 40 लोगों को रस्सी के सहारे बाहर निकाल लिया गया है।

जानकारी के अनुसार, बुधवार शाम करीब चार बजे 30 से 40 लोग वॉटर फॉल में नहा रहे थे। इसी दौरान बारिश की वजह से जलस्तर बढ़ गया. लोग जान बचाने के लिए भागने लगे। इसी दौरान 11 लोग पानी में बह गए जबकि 34 लोग झरने के बीच में फंस गए। इन सभी को करीब 10 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बचा लिया गया। बताया जा रहा है कि एनडीआरएफ, आईटीबीपी, बीसएफ के जवान और स्थानीय लोगों ने वॉटर फॉल में फंसे लोगों को रस्सी के सहारे निकाला गया।

शिवपुरी: मध्य प्रदेश के शिवपुरी में सुल्तानगढ जलप्रताप पर अचानक बढे पानी के कारण लगभग जिंदा जाने फस गई है। इस सुल्तानगढ जलप्रताप के बीच एक चट्टान पर जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे लगभग 2 दर्जन लोगों को एक दर्शक की भाति पूरे ग्वालियर संभाग का प्रशासन देख रहा हैं। बाढ़ में फंसा ग्वालियर का युवक नितिन परिहार मोबाइल पर बात कर रहा है। उसने परिजनों को फोन करके बोला कि पानी बढ़ता जा रहा है। हम संभल नहीं पाएंगे। प्लीज कुछ करो, हमें बचा लो।

शिवपुरी और ग्‍वालियर के सीमा क्षेत्र स्थित सुल्‍तानगढ़ पोल पर पिकनिक मनाने आए 12 लोग अचानक पानी बढ़ने से 100 फीट ऊंचाई से नीचे गिर गए। घटना शाम 4 बजे के आसपास की है। 15 अगस्‍त का अवकाश होने के कारण यहां पर बड़ी संख्‍या में लोग पिकनिक मनाने एवं प्राकृतिक झरने में नहाने आए थे। इससे पूर्व 6 लोगों को हैलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर बचा लिया गया हैं। बाकी फंसे लोगो ने सोचा होगा के अब हमे बचाने हैलीकॉप्टर आता होगा, लेकिन हैलीकॉप्टर नही आया हैं बताया जा रहा है कि अंधेरा होने के कारण अब हैलीकॉप्टर नही आ सकता है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख