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सागर: मध्य प्रदेश के सागर जिले के रहली की एक अदालत ने 10 साल की बच्ची से दुष्कर्म मामले में दोषी व्यक्ति को मंगलवार को फांसी की सजा सुनाई है। मामले में अदालत ने केवल छह दिन सुनवाई की और अपराध के मात्र 27 दिन बाद फैसला सुनाया है। जिला एवं सत्र न्यायालय रहली के अतिरिक्त जिला जज (एडीजे) सुधांशु सक्सेना ने 10 वर्षीय लड़की से दुष्कर्म करने के दोषी नरेश परिहार (40) निवासी मुहली को मृत्युदंड की सजा से दंडित किया है।

लोक अभियोजक पीएल रावत ने बताया कि अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा, ‘भारतीय सामाजिक व्यवस्था में बेटियों को देवी तुल्य माना गया है। बालिकाओं को यदि समुचित सुरक्षा प्रदान नहीं की गई और दुराचारी व्यक्ति समाज में उपस्थित रहें, तो बच्चियों का भविष्य भयाकांत एवं असुरक्षित हो जाएगा।’ उन्होंने कहा कि अदालत ने यह फैसला अभियोजन पक्ष के 24 लोगों एवं बचाव पक्ष के एक व्यक्ति की गवाही और साक्ष्यों के आधार पर विचार करके दिया।

रावत ने कहा कि रहली पुलिस थानांतर्गत 18 जुलाई को नरेश परिहार ने एक नाबालिग को बच्ची के घर भेजकर उसे अपने घर बुलाया और उसके साथ कथित रूप से दुष्कर्म किया। मामले में आरोपी के खिलाफ भादंवि की धारा 376 (ए), 376 (बी), 342 एवं पॉक्सो एक्ट के तहत रहली थाने में मामला दर्ज किया गया था। मामले में अदालत ने शीघ्र सुनवाई की।

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