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इंदौर: नागरिकता संशोधन कानून जब से अस्तित्व में आया है देशभर में कई जगहों पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। यूपी, दिल्ली और पश्चिम बंगाल में प्रदर्शन ने हिंसक रूप भी ले लिया था। साथ ही इसे लेकर पूरा विपक्ष मोदी सरकार को घेरने में जुटा है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में विपक्ष राष्ट्रपति से मिलकर इसे वापस लेने की गुहार भी लगा चुका है। वहीं, भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने इंदौर में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर हमला बोला।

नड्डा ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी को रविवार को चुनौती देते हुए कहा कि वह इस कानून के प्रावधानों पर केवल 10 पंक्तियां बोलकर दिखाएं। सीएए के समर्थन में यहां भाजपा की तरफ से आयोजित आभार सम्मेलन में नड्डा ने कहा, मैं राहुल से कहना चाहता हूं कि वह सीएए के प्रावधानों पर केवल 10 लाइन बोल दें। वह बस दो लाइन उन प्रावधानों पर भी बोलकर दिखायें जिनसे तथाकथित तौर पर देश का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश का नेतृत्व करने की चाह रखने वालों को सीएए के बारे में बुनियादी बातें तक पता नहीं हैं।

उन्होंने कहा, देश में पिछले एक हफ्ते के दौरान सीएए के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों में सार्वजनिक संपत्ति को काफी नुकसान पहंचा है। लेकिन क्या राहुल ने इस नुकसान की निंदा करते हुए कोई बयान दिया। कांग्रेस और भाजपा के बीच विचारधारा की लड़ाई हो सकती है। आपकी (राहुल की) सीमित बुद्धि के कारण किसी विषय पर आपके विचार हमसे अलग हो सकते हैं। लेकिन यह कहां तक उचित है कि आप हिंसा पर एक भी शब्द नहीं बोलें।

नड्डा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सीएए पर जनता को गुमराह करते हुए एक वर्ग विशेष के लोगों को उकसा रही है और वोट बैंक को देश से ऊपर रखकर हिंसा की आग पर राजनीति की रोटियां सेंक रही है। उन्होंने कहा, राहुल इस सवाल का भी जवाब दें कि क्या उन्होंने वर्ष 1947 में हुए भारत के विभाजन का इतिहास पढ़ा है? उनके वक्तव्यों से तो कतई नहीं लगता कि उनके दिल में देश के उस बंटवारे का कोई दर्द है जब बर्बर नरसंहार के बीच लाखों लोगों को अपनी जान की सलामती और स्त्रियों को अपनी आबरू बचाने के लिये मातृभूमि को अचानक छोड़ना पड़ा था।

पड़ोसी मुल्कों से आये हिन्दू और सिख शरणार्थियों की मौजूदगी वाले कार्यक्रम में नड्डा ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पर हमला जारी रखते हुए कहा, अपने राजनीतिक जीवन में क्या राहुल ने पाकिस्तान और बांग्लादेश से धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आये शरणार्थियों से मुलाकात का कोई प्रयास किया है। उन्होंने सीएए की पैरवी करते हुए कहा, मौजूदा नरेंद्र मोदी सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति से नए नागरिकता कानून की अवधारणा साकार हो सकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह स्पष्ट शब्दों में कह चुके हैं कि मुस्लिम समुदाय के एक भी वैध नागरिक की नागरिकता नहीं छीनी जायेगी।

नड्डा ने दावा किया कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी इस विचार का सार्वजनिक तौर पर समर्थन किया था कि धार्मिक प्रताड़ना के कारण पाकिस्तान से भारत आये लोगों को भारतीय नागरिकता दी जानी चाहिए।

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