ताज़ा खबरें
हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

भोपाल: मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल लालजी टंडन को इस्तीफा सौंप दिया है। कमलनाथ ने शक्ति परीक्षण का सामना किए बिना ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। शुक्रवार को संभावित फ्लोर टेस्ट से पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेस में कहा कि वह आज राज्यपाल लालजी टंडन को अपना इस्तीफा सौंप देंगे। मध्य प्रदेश में जारी सियासी गतिरोध के बीच आज दोपहर 12 बजे शुरू हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कमलनाथ ने भाजपा पर सरकार गिराने की साजिश करने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य की जनता धोखा देने वाले बागियों को माफ नहीं करेगी।

इस्तीफा देने से पहले उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस की। जिसमें उन्होंने अपनी एक साल, तीन महीने और चार दिन की सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने कहा कि भाजपा शुरुआत से ही सरकार गिराने की कोशिश में लगी हुई थी। वहीं कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी निशाना साधा। कमलनाथ ने कहा कि एक महाराज के साथ मिलकर भाजपा ने राज्य सरकार को गिराने की साजिश रची। उन्होंने कहा, मैंने हमेशा विकास में विश्वास किया है। हमारे विधायकों को कर्नाटक में बंधक बनाया गया।

मुझे जनता ने पांच साल के लिए बहुमत दिया था। प्रदेश पूछ रहा है कि मेरा कसूर क्या है। 15 महीनों से भाजपा साजिश रच रही है। भाजपा सरकार को गिराने की कोशिश में लगी रही। चुनाव में कांग्रेस को सबसे ज्यादा वोट मिले थे। विधायकों को खरीदने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए। भाजपा ने किसानों के साथ धोखा किया।

वहीं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी हार स्वीकार करते हुए कहा था कि सरकार के पास जरूरी संख्या नहीं है।

गौरतलब है कि गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश पर बड़ा फैसला सुनाते हुए कमलनाथ सरकार को आज शाम पांच बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया है। इसके बाद अब कमलनाथ सरकार को शुक्रवार शाम पांच बजे तक किसी भी हाल में फ्लोर टेस्ट करना होगा। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट कोर्ट ने गुरूवार को अपने आदेश में कहा कि अगर बागी विधायक फ्लोर टेस्ट के लिए विधानसभा आने चाहते हैं तो कर्नाटक और मध्य प्रदेश के डीजीपी उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कराए। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने पूरी कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग कराने को भी कहा है। कोर्ट ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि विधानसभा का एकमात्र एजेंडा बहुमत साबित करने का होगा और किसी के लिए भी बाधा उत्पन्न नहीं की जानी चाहिए।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख