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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

मुंबई: देश में इन दिनों अजान और आरती के समय लाउडस्पीकर के इस्तेमाल का मुद्दा गरमाया हुआ है। इस विवाद के बीच महाराष्ट्र में जमीयत-उलमा-ए-हिंद इकाई ने राज्य की सभी मस्जिदों से इस संबंध में राज्य सरकार से अनुमति लेने की अपील की। सोमवार को महाराष्ट्र के गृह विभाग ने धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर पहले के अदालती आदेशों को लागू करने का फैसला किया। इसके बाद से धार्मिक स्थलों के लिए लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति लेना जरूरी हो गया है।

महाराष्ट्र इकाई के जमीयत-उलेमा-ए-हिंद सचिव गुलज़ार आज़मी ने मीडिया को बताया कि राज्य की अधिकतर मस्जिदों ने लाउडस्पीकर के उपयोग के लिए पुलिस विभागों से अनुमति ली है। हालांकि, मैं अभी भी मस्जिदों से अपील करता हूं। गुलज़ार आज़मी ने कहा कि राज्य में जिन्होंने अज़ान के लिए मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की अनुमति नहीं ली है, उन्हें अनुमति लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में पुलिस बहुत सहयोगी है। आजमी ने जोर देकर कहा कि पुलिस विभाग इसकी अनुमति दे रहा है।

मुंबई: लाउडस्पीकर मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार सक्रिय हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र के सभी धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर लगाने से पहले अब सरकार की परमिशन लेने की जरूरत होगी। बिना परमिशन के लाउडस्पीकर लगाने वालों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। लाउडस्पीकर मुद्दे पर आज महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल महाराष्ट्र के डीजीपी के साथ बैठक करेंगे। सभी पुलिस कमिश्नर और अधिकारी के साथ बैठक कर उन्हें निर्देश दिया जा सकता है। गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल की ओर से कहा गया है कि लाउडस्पीकर मुद्दे पर राज्य के डीजीपी सभी पुलिस आयुक्तों से मिलकर चर्चा करेंगे और एक गाइडलाइन तैयार कर सभी को दी जाएगी। राज्य में किसी को कानून व्यवस्था बिगाड़ने नहीं दी जाएगा।

इस बीच नाशिक पुलिस कमिश्नर ने एक आदेश देते हुए कहा है कि 3 मई तक सभी धार्मिक जगहों पर लाउडस्पीकर लगाने से पहले परमिशन लेनी होगी। सभी धार्मिक स्थल में मंदिर, गुरुद्वारा, मस्जिद, चर्च आदि शामिल हैं। सभी को लॉडस्पीकर लगाने की लिखित इजाजत लेनी होंगी।

पुणे: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे आगामी 5 जून को अपने तमाम समर्थकों के साथ अयोध्या में रामलला के दर्शन करने जाएंगे। वहीं शिवसेना के नेता और मंत्री आदित्य ठाकरे ने भी मई महीने की शुरुआत में अयोध्या जाने की बात कही है। ऐसे में अब शिवसेना और मनसे के बीच में हिंदुत्व की लड़ाई शुरू हो चुकी है। दोनों ही पार्टियां खुद को हिंदू और हिंदुत्व का रहनुमा साबित करने में जुटी हुई हैं। राज ठाकरे ने आज पुणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात की आधिकारिक घोषणा की है।

मस्जिद पर लगे लाउड स्पीकर को हटाने का अल्‍टीमेटम

राज ठाकरे ने महाराष्ट्र समेत देश के तमाम हिंदू हिंदुओं से यह अपील की है कि वे तैयार रहें। अगर 3 मई तक मुस्लिम समाज के लोग मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटाते हैं तो हम भी उन्हें लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा लगाएंगे। ठाकरे ने कहा कि लाउडस्पीकर की वजह से सिर्फ हिंदुओं को ही तकलीफ नहीं हो रही है। बल्कि इसके शिकार मुस्लिम समाज के लोग भी हो रहे हैं।

मुंबई: शिव सेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि श्रीराम के नाम पर सांप्रदायिक आग भड़काना "भगवान राम के विचारों" का अपमान है। उन्होंने कहा, "यहां तक ​​​​कि भगवान राम भी मध्य प्रदेश के खरगौन की हिंसा पर बेचैन होंगे, जहां रामनवमी पर भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया था।"

उन्होंने भाजपा पर चुनाव जीतने के लिए देश को तोड़ने और समाज में धार्मिक कलह बोने की रणनीति अपनाने का आरोप लगाया। शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में अपने साप्ताहिक कॉलम "रोखठोक" में, राउत ने लिखा, "अगर कोई कट्टरवाद की आग को भड़काना चाहता है और चुनाव जीतने के लिए शांति भंग करना चाहता है, तो वे दूसरे विभाजन के बीज बो रहे हैं।" शिवसेना नेता संजय राउत सामना के कार्यकारी संपादक हैं।

10 अप्रैल को रामनवमी पर देश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक झड़पों का उल्लेख करते हुए राउत ने कहा कि यह एक अच्छा संकेत नहीं है।

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