ताज़ा खबरें
संभल हिंसा: सपा सांसद बर्क और पार्टी विधायक के बेटे पर मुकदमा
संसद में अडानी के मुद्दे पर हंगामा, राज्यसभा पूरे दिन के लिए स्थगित
संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा:अब तक 4 लोगों की मौत
निज्जर हत्याकांड: कनाडा में चार भारतीयों के खिलाफ सीधे होगा ट्रायल

मुंबई: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार गिरने और शिवसेना में टूट होने के बाद जनता से जुड़ने और पार्टी की खोई राजनीतिक साख दोबारा बनाने के लिए पार्टी नेता और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत आदित्य राज्य के विभिन्न इलाकों का दौरा कर रहे हैं। वे खासकर उन विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं, जहां के विधायकों ने पार्टी से बगावत की है। ये दौरा वो उस वक्त कर रहे हैं, जब शिवसेना का ठाकरे गुट अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है।

पिछले डेढ़ महीनों से आमतौर पर शांत रहने वाले 32 वर्षीय आदित्य ठाकरे, जो मुंबई में वर्ली विधानसभा से विधायक हैं, बहुत अधिक सक्रिय दिख रहे हैं। वह 'निष्ठा यात्रा' और 'शिव संवाद' कार्यक्रम के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं तक भी पहुंच रहे हैं।

बतौर मंत्री उन्हें अक्सर पैंट और शर्ट में देखा जाता था। कभी-कभी एक ही रंग के फॉर्मल जूते और बंडी भी पहनते थे। लेकिन अब, वे माथे पर लाल तिलक लगाए दिख रहे हैं।

मुंबई: बिहार के सीएम नीतीश कुमार की ओर से भाजपा का साथ छोड़कर आरजेडी संग सरकार बनाने से शिवसेना खुश हो गई है। उद्धव ठाकरे की लीडरशिप वाली शिवसेना का कहना है कि नीतीश कुमार के इस कदम ने भाजपा के लिए तूफान खड़ा किया है, जो आने वाले समय में चक्रवात में तब्दील होगा। शिवसेना ने कहा कि इससे देश भर में माहौल बनेगा और 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यह आंधी चक्रवात में तब्दील होगी। शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में नीतीश की तारीफ करते हुए लिखा है कि यह फैसला काफी अच्छा है।

'सामना' में शिवसेना ने लिखा कि भाजपा ने नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को तोड़ने का प्रयास किया था, लेकिन उन्होंने उलटा झटका देते हुए उससे संबंध ही खत्म कर लिए। यही नहीं शिवसेना ने इसी बहाने एकनाथ शिंदे पर फिर से हमला बोला है। शिवसेना ने कहा कि एकनाथ शिंदे ने तो दिल्ली दरबार के आगे अपना माथा टेक दिया। यही नहीं शिवसेना ने कहा कि एकनाथ शिंदे को यह समझना चाहिए कि नीतीश कुमार ने रास्ता दिखाया है कि बिना भाजपा के भी रहा जा सकता है।

पुणे: महाराष्ट्र में बाजी मारने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बिहार में तगड़ा झटका लगा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा से गठबंधन तोड़कर लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और अन्य दलों के साथ मिलकर नई सरकार बन ली है। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री और तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले लिए हैं। नीतीश कुमार के भाजपा से अलग होने वाले फैसले की सराहना करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मुखिया शरद पवार ने भाजपा पर निशाना साधा है।

पवार ने कहा कि भाजपा अपने सहयोगी दलों को खत्म करने की कोशिश कर रही है। नीतीश कुमार ने भाजपा से अलग होकर अपने राज्य में बिहार जैसे हालात का टाल दिया है। पवार ने दावा किया भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हाल ही में अपने संबोधन में कहा था कि क्षेत्रीय दलों का कोई भविष्य नहीं है और वो सफर नहीं कर पाएंगी। उन्होंने कहा कि केवल भाजपा ही देश में मौजूद रहेगी। राकांपा अध्यक्ष ने आगे कहा, इस बयान से यह बात साफ है, जो नीतीश कुमार की भी शिकायत थी कि भाजपा अपने सहयोगियों को धीरे-धीरे खत्म कर रही है।

मुंबई: शिवसेना के बागी विधायक संजय राठौड़ को महाराष्ट्र कैबिनेट में शामिल करने पर अब सवाल उठने लगे हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और भाजपा की सरकार बनने के बाद यह पहला मौका है जब शिंदे के फैसले पर भाजपा की तरफ से सवाल उठाए जा रहे हैं। भाजपा की राज्य इकाई की उपाध्यक्ष चित्रा वाघ ने ट्वीट कर सवाल उठाए हैं। उन्होंने लिखा कि 'यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि महाराष्ट्र की बेटी पूजा चव्हाण की मौत का कारण बने संजय राठौड़ को फिर से मंत्री का पद दिया गया है... मैं उनके खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखूंगी।'

पूरे घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने फैसले का बचाव किया है। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, ‘‘एमवीए सरकार के दौरान उन्हें (राठौड़) क्लीन चिट दे दी गयी थी, इसलिए उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। पुलिस ने उन्हें क्लीन चिट दी थी। अगर किसी को और कुछ कहना है तो उसकी बात भी सुनी जा सकती है।''

संजय राठौड़ के मंत्री बनने के बाद से एक भाजपा नेता किरीट सोमैया का एक पुराना वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि आत्महत्या वास्तव में संजय राठौड़ द्वारा की गयी "हत्या" थी।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख