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बीड: अजित पवार से अब भी ये सवाल किया जाता है कि आखिर उन्‍होंने शरद पवार का साथ छोड़कर भाजपा का दामन क्‍यों थामा? महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने रविवार को कहा कि राजनीति में कोई स्थायी दुश्मन और दोस्त नहीं होता है और उनका गुट राज्य में लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए भाजपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के गठबंधन में शामिल हुआ है। हाल ही में महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क बढ़ाने के केंद्र सरकार के हालिया फैसले पर एकनाथ शिंदे सरकार को घेरा था, जिस पर अजित पवार ने सफाई दी।

अजित पवार के इस बयान ने एक बार फिर सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि आखिर वह कब तक इस पाले में रहेंगे? बीड में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए अजित पवार ने कहा, "हम लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए महायुति (बीजेपी, शिंदे के नेतृत्व वाली सेना के साथ अजित पवार का गठबंधन) में शामिल हुए हैं। हमने राज्य के विकास के लिए यह निर्णय लिया है।

मुंबई: शिवसेना यूबीटी नेता और सामना के कार्यकारी संपादक संजय राउत ने अपने साप्ताहिक कॉलम 'रोखठोक' के जरिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साधा है। राउत ने सामना में लिखा कि आज देश चलाने वाली सभी एजेंसियों पर एक गुट का कब्जा है। महाराष्ट्र के साथ पूरा देश धोखाधड़ी के शतरंज में फंस गया है। साथ ही उन्होंने बीजेपी के साथ जुड़े राजघरानों पर मुगलों के गुलाम होने का आरोप भी लगाया।

बीजेपी से जुड़े लोगों को ही मिलता है अभयदान

संजय राउत ने सनी देओल के बंगले को लेकर बैंक के नोटिस की वापसी पर भी हमला बोला। राउत ने लिखा, बीजेपी के एक सांसद व अभिनेता सनी देओल ने कर्ज नहीं चुकाया, तो जुहू स्थित बंगले की नीलामी किए जाने की घोषणा कर दी गई। लेकिन बैंक ने 24 घंटे में ही तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए नीलामी रद्द कर दी। इसके 15 दिन पहले ही कला निर्देशक नितिन देसाई को आत्महत्या करनी पड़ी। लेख में कहा गया है कर्ज के चलते नितिन देसाई के स्टूडियो की जब्ती कार्रवाई शुरू हो गई थी, जिससे उन्हें आत्महत्या के लिए रास्ता चुनना पड़ा।

मुंबई: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने अपने मुखपत्र सामना में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला बोला है। सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि बीजेपी ईवीएम हैक करके चुनाव जीतती है। इसके साथ ही चुनाव आयोग को भी निशाने पर लिया है और कहा कि चुनाव आयोग से अब कोई अपेक्षा नहीं की जा सकती। सत्ता पक्ष ने ईवीएम के साथ ही चुनाव आयोग को भी हैक कर रखा है।

चुनाव आयोग को बताया कठपुतली

संपादकीय में लिखा गया है कि सत्य को कितना भी दबाने की कोशिश करें, वो लावे की तरह बाहर आ ही जाता है। बीजेपी सांसद डी अरविंद ने कहा है कि मतदाताओं तुम कोई भी बटन दबाओ, वोट बीजेपी को ही जाएगा। इसका सीधा अर्थ यह है कि बीजेपी ईवीएम हैक करके चुनाव जीतती है।

चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए मुखपत्र लिखता है कि 'चुनाव आयोग अब निष्पक्ष नहीं रहा। बीजेपी की केंद्र सरकार का काम करने वाला ही बन चुका है। चुनाव आयोग में ‘गुजरात मॉडल’ के अधिकारियों को लाकर उनसे मनचाहे अच्छे-बुरे काम करवाए जा रहे हैं।

पुणे: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के संस्थापक शरद पवार ने रविवार को भतीजे अजित पवार के साथ महाराष्ट्र सरकार में शामिल हुए पार्टी नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ नेता प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के घेरे में थे और वह जांच का सामना नहीं करना चाहता थे, इस वजह से सरकार में शामिल हो गए।

बता दें कि अजित पवार और उनके कई समर्थकों ने शरद पवार को झटका देते हुए एकनाथ सरकार को अपना समर्थन दे दिया था। जिसके बाद अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। ऐसे में शरद पवार ने पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में इस घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए बागी नेताओं पर निशाना साधा।

एनसीपी संस्थापक ने कहा कि हाल ही में हमारे कुछ लोग सरकार में शामिल हुए हैं। वे कह रहे हैं कि वे विकास के मुद्दे पर गए थे, लेकिन इसका कोई खास मतलब नहीं था। उनमें से कुछ ईडी जांच के घेरे में थे और जांच का सामना नहीं करना चाहते थे, लेकिन कुछ लोग जो अनिल देशमुख जैसे थे उन्होंने जेल जाना स्वीकार कर लिया।

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