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मुंबई: देश में आपातकाल लगाए जाने के 41 साल पूरे होने के मौके पर वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्‍यन स्वामी का प्रस्तावित व्याख्यान रविवार को रद्द कर दिया गया। यह व्याख्यान दक्षिण मुंबई में एक निजी कॉलेज में होना था और स्वामी इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे। 'आपातकाल: भविष्य के लिए सीख' विषय पर आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के लिए महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख रावसाहेब दानवे और मुंबई के पार्टी प्रमुख आशीष शेलार सहित अन्य नेताओं को निमंत्रित किया गया था। यह पूछे जाने पर कि कार्यक्रम को क्यों रद्द किया गया, एक वरिष्ठ भाजपा अधिकारी ने कहा, 'अपरिहार्य कारणों के चलते स्वामी रविवार को मुंबई आने की स्थिति में नहीं थे इसलिए कार्यक्रम रद्द किया गया।' हालांकि आशीष शेलार से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया, 'मुंबई भाजपा ने इस कार्यक्रम को रद्द करने का निर्णय किया।' हालांकि उन्होंने इसके लिए कोई कारण बताने से इनकार किया। उल्लेखनीय है कि बीते दिनों स्वामी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली, मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन और आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास पर निशाना साधा और उनकी टिप्पणियां कथित रूप से भाजपा को रास नहीं आई हैं।

पुणे: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि शहरीकरण को समस्या नहीं बल्कि गरीबी दूर करने का एक अवसर माना जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि शहरों को अधिक जनभागीदारी के साथ व्यापक और आंतरिक तौर पर जोड़कर मजबूत बनाया जाना चाहिये। सरकार के अग्रणी स्मार्ट शहरी मिशन के तहत देशभर के 20 शहरों में इसकी शुरआत करने के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुये मोदी ने कहा, एक समय था जब देश में शहरीकरण को एक समस्या माना जाता था। लेकिन मैं अलग तरीके से सोचता हूं। हमें शहरीकरण को एक समस्या नहीं मानना चाहिये बल्कि इसे एक अवसर के रूप में लेना चाहिये। उन्होंने कहा, आर्थिक क्षेत्र में काम करने वाले लोग शहरों को आर्थिक वृद्धि के केन्द्र के रूप में मानते हैं, यदि किसी में गरीबी कम करने की क्षमता है तो वह हमारे शहर हैं। यही वजह है कि गरीब स्थानों से लोग निकलकर शहरों में जाते हैं, क्योंकि उन्हें वहां काम के अवसर मिलते हैं। मोदी ने कहा, अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने शहरों को मजबूती दें ताकि इससे कम से कम समय में ज्यादा-से-ज्यादा गरीबी दूर की जा सके और विकास के लिये नये मार्ग इसमें जोड़ें जा सकें। यह संभव है, यह कोई मुश्किल काम नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने पुणे में 14 स्मार्ट सिटी परियोजनाएं शुरू की और देश में अन्य स्मार्ट शहरों में 69 अन्य कार्य शुरू किये। उन्होंने टुकड़ों में काम करने के बजाए व्यापक, आंतरिक संपर्क तथा दष्टिकोण उन्मुख तरीके से कार्य करने की अपील की।

मुंबई: बंबई हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से राज्य में मुर्गों की लड़ाई पर रोक लगाने को कहा है और इस तरह के आयोजन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है जो प्रथमदृष्टया गैरकानूनी हैं। न्यायमूर्ति एस एस केमकर और न्यायमूर्ति एम एस कर्णिक की पीठ ने राज्य सरकार से मुर्गों की लड़ाई रोककर पशु क्रूरता रोकथाम कानून को सख्ती से लागू करने को कहा। पीठ ने बुधवार को पशु प्रेमी एन जी जयसिम्हा की जनहित याचिका का निस्तारण किया जिन्होंने उल्हासनगर के पास एक गांव में कुछ समय पहले हुई मुर्गों की लड़ाई के खिलाफ उच्च न्यायालय का रख किया था। याचिका में कहा गया था कि पशु क्रूरता रोकथाम कानून का उचित तरीके से पालन होना चाहिए और लोगों को इसके प्रावधानों के बारे में जागरक किया जाएा ताकि पशुओं के खिलाफ क्रूरता को रोका जा सके। इसमें कहा गया कि मुर्गों की लड़ाई से इन पक्षियों को नुकसान होता है और इसलिए इनका आयोजन नहीं होना चाहिए।

मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने कहा कि योग को विश्व पटल पर स्थापित करना सराहनीय प्रयास है, लेकिन इस प्राचीन भारतीय पद्धति को अपनाने से क्या लोगों को महंगाई के दर्द से राहत मिलेगी। पार्टी ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में लिखा है, '130 देशों को 'नरेंद्रसन' करवाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी प्रशंसा के पात्र हैं। दुनिया झुकती है, झुकानेवाला चाहिए। इस युक्ति की तर्ज पर प्रधानमंत्री मोदी ने 130 देशों को योग के बहाने जमीन पर लिटा दिया।' उसने लिखा है, 'अब पाकिस्तान को हमेशा के लिए लिटा देने की जरूरत है। पाकिस्तान को लिटाने का 'योग' सिर्फ शस्त्र बल से हो सकता है। पाकिस्तान हमेशा के लिए 'शवासन' योग का पात्र है।' संपादकीय में कहा गया है कि गैर-बीजेपी शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री मोदी का विरोध कर सकते हैं लेकिन योग एक ऐसा विज्ञान है, जिसका विरोध नहीं किया जाना चाहिए। मुखपत्र में कहा गया है, 'योग के जरिये बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है लेकिन दैनिक जीवन की महंगाई और भ्रष्टाचार की वेदना को इसके माध्यम से भूला जा सकता है क्या? इस पर रोशनी डाली गयी होती तो उचित होता।' गौरतलब है कि पिछले साल संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया था। वहीं दूसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के दिन भारत और दुनिया भर में लाखों लोगों ने योग किया और प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कोई धार्मिक गतिविधि नहीं है।

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