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मुंबई: दो राज्यमंत्री के पद मिलने से शिवसेना के नाखुश होने की खबरों को खारिज करते हुए पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आज (शुक्रवार) कहा कि यह भाजपा के साथ पहले से तय फार्मूले पर आधारित है और शिवसेना ने कैबिनेट बर्थ की मांग नहीं की या ‘‘ब्लैकमेल’’ में संलिप्त नहीं रही। ठाकरे ने शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा नहीं लेने को भी तवज्जो नहीं दिया, जिसमें मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मंत्रालय में दस नए चेहरों को शामिल किया और भाजपा के राम शिंदे को कैबिनेट रैंक में पदोन्नति दी। सहयोगी शिवसेना को राज्यमंत्री के दो पद ही दिए गए। सरकार के गठन के दौरान बनाए गए फार्मूले के मुताबिक दिए पद ठाकरे ने कहा, ‘‘किसी विचित्र कारण के बारे में सोचने की जरूरत नहीं है कि मैं शपथ ग्रहण समारोह में क्यों नहीं शामिल हुआ। यह याद करने की जरूरत है कि शिवसेना जब सरकार में शामिल हुई तो हमने एक फार्मूला बनाया। इसी के मुताबिक हमें राज्यमंत्री के दो पद मिले। यही आश्वासन हमें दिया गया था और इसे पूरा किया गया।’’ वह बीएमसी संचालित नायर अस्पताल का दौरा करने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे। ठाकरे ने कहा कि यह कयास लगाया जाना कि भाजपा ने उनकी पार्टी को कैबिनेट बर्थ नहीं दिया, यह विपक्षी दलों का हथकंडा है जो नहीं चाहते कि शिवसेना सरकार का हिस्सा बनी रहे। उद्धव ने कहा, ‘‘हमने कैबिनेट पद की मांग नहीं की थी। जो निर्णय हुआ था वह अब हो रहा है।

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज (शुक्रवार) अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर 11 नए मंत्रियों का शामिल किया जिनमें से 10 नए चेहरे हैं। इस विस्तार में शिवसेना के किसी नेता को कैबिनेट दर्जा नहीं मिलने से पार्टी नाराज है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में हुए फेरबदल में तो शिवसेना की सिरे से उपेक्षा की गई थी लेकिन फडणवीस ने शिवसेना के दो विधायकों को राज्यमंत्री का दर्जा दिया है। बहरहाल, भाजपा ने शिवसेना के किसी नेता को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देने की पार्टी की मांग को नहीं माना। आज सुबह विधानभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की गैरमौजूदगी से पार्टी की नाराजगी बिलकुल स्पष्ट थी। छह विधायकों ने कैबिनेट मंत्री के बतौर शपथ ली उनमें से एक राम शिंदे को गृह राज्यमंत्री (ग्रामीण) के पद से पदोन्नत कर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। शिवसेना के मराठवाड़ा क्षेत्र के जालना से विधायक अजरुन खोतकर और उत्तरी महाराष्ट्र के जलगांव से विधायक गुलाबराव पाटिल को कनिष्ठ मंत्री बनाया गया है। पाटिल भाजपा के पूर्व मंत्री एकनाथ खड़से के गृह नगर जलगांव से हैं जबकि खोतकर भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष रावसाहब दानवे के गृह जिल जालना से हैं। भाजपा की चुनाव पूर्व सहयोगी स्वाभिमानी पार्टी के सादाभाउ खोत और राष्ट्रीय समाज पार्टी (आरएसपी) के महादेव जानकर ने भी शपथ ली है। जानकर कैबिनेट मंत्री बने हैं।

मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल के विस्तार और उसमें फेरबदल के एक दिन बाद राजग की सहयोगी शिवसेना ने आज (बुधवार) भाजपा पर कटाक्ष किया कि जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडलों में काम करने वाले लोगों की तरह क्षमतावान लोगों को खोजना इन दिनों बहुत मुश्किल है। मंत्रिमंडल के विस्तार में उपेक्षा से नाराज शिवसेना ने कल कहा था कि जिस तरह विस्तार की कवायद की गई उससे वह आहत है। साथ ही पार्टी ने प्रधानमंत्री के ‘चयन मानकों’ पर भी सवाल उठाए थे। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में आज संपादकीय में कहा है ‘ नरेंद्र मोदी अपनी सरकार के अकेले चेहरे हैं। इससे तुलना करें तो इंदिरा गांधी और जवाहरलाल नेहरू के पास बाबासाहेब अंबेडकर, बाबू जगजीवन राम, यशवंतराव चव्हाण और शंकरराव चव्हाण जैसे ज्यादा उत्कृष्ट सदस्य थे।’’ संपादकीय में आगे कहा गया है ‘‘मानव संसाधन विकास मंत्रालय को उसका नाम पी वी नरसिंह राव की वजह से मिला। मनमोहन सिंह की वजह से दुनिया को पता चला कि भारत में वित्त मंत्री है जो काम करता है। जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में जैसे क्षमतावान लोग थे वैसे लोग आज नहीं मिल सकते। इस परिदृश्य में मोदी के पास अपने मंत्रिमंडल की पूरी जिम्मेदारी खुद उठाने के अलावा और दूसरा कोई विकल्प नहीं है।’ यह तथ्य रेखांकित करते हुए कि, मंत्रिमंडल में शामिल किए गए ज्यादातर सदस्य भाजपा के हैं, शिवसेना ने कहा कि यह कवायद केवल प्रमुख पार्टनर को लेकर थी इसलिए शिवसेना, अकाली दल और तेदेपा जैसे राजग सहयोगियों को अतिरिक्त स्थान न मिलने पर बुरा नहीं मानना चाहिए।

मुंबई: दहेज प्रताड़ना के एक मामले में राधे मां को राहत मिल गई है। कांदीवली पुलिस ने राधे मां को इस मामले में आरोपी नहीं बनाया है। हालांकि इस मामले में पुलिस ने राधे मां से पूछताछ जरूर की थी। कांदीवली पुलिस ने स्थानीय अदालत में जो आरोपपत्र दाखिल किया है उसमें सुखविन्दर कौर उर्फ राधे मां का नाम नहीं है। अधिकारी ने कहा, चूंकि हमें कौर के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला है, इसलिए उसे मामले में आरोपी नहीं बनाया गया है। पुलिस ने इस मामले में शिकायत करने वाली महिला के पति और ससुराल वालों समेत छह लोगों को आरोपी बनाया गया है। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने दस दिन पहले आरोप पत्र दाखिल किये हैं। पिछले साल 32 वर्षीय महिला ने अपने ससुरालवालों और राधे मां के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया था। उसने राधे मां पर ससुरालवालों को उकसाने का अरोप लगाया था। पुलिस ने इस संबंध में राधे मां से पूछताछ भी की थी। हालांकि उन्होंने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों को खारिज किया था।

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