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ठाणे: हथकरघा उद्योग के लिए मशहूर शहर भिवंडी में आज (रविवार) दो मंजिला एक इमारत ध्वस्त हो गई, जिसमें दबकर दो लोगों की मौत हो गई। आशंका है कि मलबे में अभी भी 7-8 लोग दबे हो सकते हैं। बचाव कर्मियों ने मलबे से चार व्यक्तियों को बाहर निकाला। अधिकारियों ने बताया कि कुछ और लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। एक सप्ताह में शहर में इमारत ध्वस्त होने की यह दूसरी घटना है। ठाणे नगर निगम में क्षेत्रीय आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रमुख संतोष कदम ने पत्रकारों को बताया कि यह इमारत कल्याण रोड के हनुमान टेकड़ी इलाके में थी और सुबह करीब आठ बजे ध्वस्त हो गई। आशंका है कि सात या आठ व्यक्ति मलबे में फंसे हैं। कदम ने बताया कि ठाणे और कल्याण से आपदा नियंत्रण दल सूचना मिलते ही मौके के लिए रवाना हो गए। स्थानीय दमकल कर्मी भी वहां बचाव कार्यों में लगे हैं। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) का एक दल भी बुलाया गया है। कदम के अनुसार, बचाव एवं राहत अभियान जारी है। अभी यह नहीं पता चल पाया है कि इमारत में कितने परिवार रहते थे। भिवंडी की तहसीलदार वैशाली लंबाते के अनुसार, दमकल कर्मियों ने मलबे से चार लोगों को बाहर निकाला है। उन्होंने बताया कि यह इमारत ‘‘खतरनाक इमारत’’ श्रेणी में आती थी और बहुत पुरानी हो चुकी थी। अधिकारी ने बताया कि स्थानीय निकाय ने इमारत में रह रहे लोगों को इसे खाली करने के लिए नोटिस भी जारी किए थे।

मुंबई: शिवसेना ने महाड त्रासदी को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्हें दुर्घटनास्थलों के हवाई दौरों को रोकना चाहिए और उसने पालक मंत्रियों को राज्य के भीतर विमान से उड़ान भरने से रोकने की मांग की ताकि मंत्री महाराष्ट्र की सड़कों एवं पुलों की हालत समझ सकें। शिवसेना ने यह भी कहा कि सरकार का महत्वाकांक्षी ‘मेक इन महाराष्ट्र’ कार्यक्रम अच्छी गुणवत्ता वाली सड़कों एवं पुलों के निर्माण के साथ शुरू होना चाहिए जिनके अभाव में कोई भी अन्य देश यहां निवेश करने का इच्छुक नहीं होगा।’ उसने कहा, ‘एक दूसरे पर दोषारोपण करने और महाड त्रासदी पर केवल बैठकें करने के बजाए इस मसले पर गंभीर विचार किए जाने की आवश्यकता है।’ पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में छपे एक संपादकीय में कहा, ‘साथ ही, यदि मुख्यमंत्री वास्तव में राज्य की सड़कों एवं पुलों की स्थिति समझना चाहते हैं और उचित लेखा परीक्षा कराना चाहते हैं तो उन्हें एवं अन्य मंत्रियों को राज्य का दौरा करते समय विमानों एवं हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल बंद करने की आवश्यकता है।’ उसने कहा, ‘जिले के पालक मंत्रियों को उनके जिलों में विमान से जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्हें टूटी फूटी सड़कों एवं पुलों से यात्रा करने और उसके बाद लेखा परीक्षा करने दीजिए क्योंकि जब मंत्रियों को जीवन का खतरा होगा तो लेखा परीक्षा एवं मरम्मत दोनों काम हो जाएंगे।’

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाड में पुल गिरने की घटना की न्यायिक जांच का आदेश दिया है। इस घटना में तीन लोग डूब गये थे जबकि 19 अन्य लापता हैं। मंगलवार की देर रात रायगढ़ जिले में महाड के निकट ब्रिटिश काल के एक पुल के ध्वस्त हो जाने से राज्य परिवहन की दो बसों समेत कई वाहन सावित्री नदी के उफान में बह गये थे। नदी से आज तीन शव बरामद किये गये। इस मुद्दे पर राज्य विधानसभा में हुई चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने आज कहा, ‘मामले की न्यायिक जांच करायी जायेगी।’’ उन्होंने कहा कि आईआईटी विशेषज्ञों के एक दल को आज घटनास्थल पर भेजा गया है। फडणवीस ने कहा कि पुराने पुलों की संरचनात्मक ऑडिट के लिए निर्देश जारी किये गये हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि प्रारंभिक संरचनात्मक ऑडिट भी कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और तत्कालीन उपमुख्यमंत्री को पुल की जर्जर स्थिति के बारे में शिकायत मिली थी। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि सरकार को तलाशी अभियान का दायरा बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक शव दुर्घटनास्थल से 100 किलोमीटर की दूरी पर मिला है, जिससे ये पता चलता है कि तलाशी अभियान का दायरा बढ़ाये जाने की जरूरत है।

मुंबई: रायगढ़ जिले में महाड़ के नजदीक अंग्रजों के जमाने के एक पुल के ध्वस्त हो जाने के कारण सावित्री नदी में बह गई दो बसों और उनमें सवार 22 लोगों का पता लगाने के लिए आज सुबह 300 किलोग्राम का चुंबक नदी में डाला गया है। एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि नौसेना के गोताखोरों ने आज सुबह फिर अभियान शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि प्रभावित इलाके में आज तटीय सुरक्षा के चेतक हेलीकॉप्टर ने भी खोज शुरू कर दी है। लापता वाहनों का पता लगाने के लिए आज सुबह एक क्रेन के जरिए 300 किलोग्राम के चुंबक को नदी में डाला गया है। एक स्थानीय अधिकारी ने बताया कि चुंबक में कुछ फंसा है जिसे नदी से बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है। मुंबई से 170 किलोमीटर दूर महाड़ के नजदीक देर मंगलवार को हुई इस घटना में 22 लोगों को लेकर जा रही दो सरकारी बसें बह गयी थी। कल 14 घंटे की सघन तलाश और बचाव अभियान के बावजूद कोई भी जीवित व्यक्ति या शव नहीं मिल सका था। माना जा रहा है कि दो बसों के अलावा, कई अन्य वाहन भी उफनती नदी में बह गये हैं। इससे पहले खबर आयी थी कि सघन तलाशी के दौरान दो शव बरामद किए गये हैं। हालांकि बाद में जिला पुलिस ने स्पष्ट किया कि कल रात तक कोई शव बरामद नहीं किया गया। रायगढ़ जिला के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सचिन पाटिल ने कल देर शाम बताया, यह गलत खबर थी, अभी तक कोई भी शव बरामद नहीं किया गया है।

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