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हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

पुणे: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने नोटबंदी के बाद के हालात पर ‘गुमराह करने’को लेकर आज (बुधवार) केंद्र की राजग सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि लोगों की परेशानियां अगले कुछ महीने तक जारी रहेंगी। पवार ने बारामती में संवाददाताओं से कहा, ‘सिर्फ एक दिन बचा है और फिर 50 दिनों की मियाद पूरी हो जाएगी। देखते हैं क्या होता है। बहरहाल, मेरी जानकारी के मुताबिक हालात कुछ महीने तक नहीं बदलेंगे।’उन्होंने कहा कि नोटबंदी से लोगों की जिंदगी पर असर पड़ा है। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह पहले से नकदी की व्यवस्था करे, लेकिन यह सरकार ऐसा करने में विफल रही। पवार ने कहा, ‘मैंने पहले कहा था कि डॉक्टर ने सर्जरी अच्छी की लेकिन सर्जरी के बाद देखभाल करने में नाकाम रहा। अब खतरा यह है कि इससे अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा।’

मुंबई: नोटबंदी के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ हमले जारी रखते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को सवाल किया कि प्रधानमंत्री की ओर से मांगी गई 50 दिन की अवधि अब खत्म हो रही है, ऐसे में उन्हें अब क्या करना चाहिए। उत्तर महाराष्ट्र के धुले में एक रैली को संबोधित करते हुए उद्धव ने सवाल किया, नरेंद्र मोदी ने कहा था कि मुझे 50 दिन का वक्त दीजिए (ताकि नोटबंदी के बाद हालात सामान्य हो सकें), या फिर मुझे कोड़े मारिए। 30 दिसंबर को 50 दिन पूरे हो रहे हैं, हमें 31 दिसंबर को क्या करना चाहिए। उन्होंने भरोसा जताया कि बहन्न मुंबई नगर निगम में शिवसेना सत्ता में बरकरार रहेगी। उन्होंने दावा किया कि आगामी चुनाव में शिवसेना अधिकतम नगर निगम पर जीत दर्ज करेगी और अधिकतम मेयर चुनाव जीतेंगे। मुंबई तट के पास शिवाजी स्मारक के भूमि-पूजन समारोह में प्रधानमंत्री के भाषण का हवाला देते हुए उद्धव ने कहा कि प्रधानमंत्री का भाषण सुनने के कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि क्या इसका (लगातार भाषण देने का) कोई अंत है इस बीच, महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के एक वरिष्ठ मंत्री ने नाम का खुलासा ना करने की शर्त पर कहा कि उनकी पार्टी अपने दम पर बहन्न मुंबई नगर निगम का अहम चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।

मुंबई: शीना बोरा हत्याकांड में मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी अपने पिता की मृत्योपरांत रस्मों में शामिल होने के लिए मंगलवार को बायकला जेल से बाहर आई। अंतिम रस्में मुलुंड में होनी हैं। विशेष सीबीआई अदालत ने पिछले हफ्ते उन्हें उनके खुद के आवास समेत मुंबई में कहीं भी 27 दिसंबर को सुबह सात बजे से शाम सात बजे के बीच इन रस्मों में शामिल होने की इजाजत दी थी। इंद्राणी ने अपने गृहनगर जाने के लिए अंतरिम जमानत का आवेदन दिया था जिसे अदालत ने अस्वीकार कर दिया था। गत 15 दिसंबर को उनके पिता उपेंद्र बोरा का निधन हो गया था। इंद्राणी सुबह साढ़े सात बजे भारी पुलिस सुरक्षा के बीच जेल से निकली जहां से उन्हें उपनगर मुलुंड स्थित ब्राह्मण सेवा समिति हॉल जाना था। विशेष न्यायाधीश एच एस महाजन ने 22 दिसंबर को कहा था कि इंद्राणी को सुबह के वक्त पुलिस सुरक्षा में बायकला जेल से बाहर लाया जा सकता और शाम सात बजे तक वापस जेल में लाना होगा। इस दौरान वह मीडिया से बात नहीं करेंगी। इंद्राणी ने रस्मों में शामिल होने के लिए असम जाने के लिए अंतरिम जमानत मांगी थी लेकिन सीबीआई ने इसका विरोध किया था। एजेंसी ने इंद्राणी के बेटे मिखाइल द्वारा सीबीआई को भेजा गया वह ईमेल दिखाया था जिसमें उसने कहा था कि वह नहीं चाहता है कि इंद्राणी गुवाहाटी जाए। सीबीआई ने कहा कि इंद्राणी का इरादा अभियोजन पक्ष के गवाहों को प्रभावित करना है और हिरासत से उसके फरार होने की आशंका भी है।

मुंबई: मुंबई कांग्रेस प्रमुख संजय निरूपम ने पुलिस द्वारा उन्हें नजरबंद किए जाने का दावा किया, लेकिन पुलिस ने उनके इस आरोप को खारिज किया है। निरूपम की रविवार को यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनसभा स्थल पर पार्टी कार्यकर्ताओं के ‘मौन’ मार्च का नेतृत्व करने की योजना थी। मुंबई पुलिस ने कहा कि निरूपम के घर के बाहर पुलिसकर्मियों की तैनाती कुछ बड़ी परियोजनाओं के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री के दौरे के मद्देनजर शहरभर में किए गए सुरक्षा प्रबंधों का हिस्सा थी। निरूपम ने कहा, ‘मेरे घर के बाहर भारी पुलिस बंदोबस्त है और मुझे बाहर जाने से रोका जा रहा है।’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘वर्तमान लोकतांत्रिक व्यवस्था में विपक्षी नेताओं को असल में नजरबंद रखा जा रहा है।’ निरूपम के आरोप के बारे में पूछे जाने पर मुंबई पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी अशोक दूधे ने कहा, ‘हमने प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने तथा किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए पूरे शहर में पुलिसकर्मी तैनात किए हैं, खासकर प्रधानमंत्री के काफिले के मार्ग पर।’ कांग्रेस नेता ने कहा कि कुछ ज्वलंत मुद्दों को उठाने के लिए मोर्चे की शांतिपूर्ण मार्च निकालने की योजना थी। इस बीच, महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने निरूपम और कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस की कार्रवाई को लोकतंत्र पर ‘धब्बा’ करार दिया तथा कहा कि इससे भाजपा की ‘फासीवादी’ मनोवृत्ति का पता चला है। चव्हाण ने अपने बयान में कहा, ‘विपक्षी दलों की आवाज को दबाना भारतीय लोकतंत्र पर एक धब्बा है और यह अत्यंत निन्दनीय है।

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