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मुंबई: शीना बोरा हत्याकांड में मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी अपने पिता की मृत्योपरांत रस्मों में शामिल होने के लिए मंगलवार को बायकला जेल से बाहर आई। अंतिम रस्में मुलुंड में होनी हैं। विशेष सीबीआई अदालत ने पिछले हफ्ते उन्हें उनके खुद के आवास समेत मुंबई में कहीं भी 27 दिसंबर को सुबह सात बजे से शाम सात बजे के बीच इन रस्मों में शामिल होने की इजाजत दी थी। इंद्राणी ने अपने गृहनगर जाने के लिए अंतरिम जमानत का आवेदन दिया था जिसे अदालत ने अस्वीकार कर दिया था। गत 15 दिसंबर को उनके पिता उपेंद्र बोरा का निधन हो गया था। इंद्राणी सुबह साढ़े सात बजे भारी पुलिस सुरक्षा के बीच जेल से निकली जहां से उन्हें उपनगर मुलुंड स्थित ब्राह्मण सेवा समिति हॉल जाना था। विशेष न्यायाधीश एच एस महाजन ने 22 दिसंबर को कहा था कि इंद्राणी को सुबह के वक्त पुलिस सुरक्षा में बायकला जेल से बाहर लाया जा सकता और शाम सात बजे तक वापस जेल में लाना होगा। इस दौरान वह मीडिया से बात नहीं करेंगी। इंद्राणी ने रस्मों में शामिल होने के लिए असम जाने के लिए अंतरिम जमानत मांगी थी लेकिन सीबीआई ने इसका विरोध किया था। एजेंसी ने इंद्राणी के बेटे मिखाइल द्वारा सीबीआई को भेजा गया वह ईमेल दिखाया था जिसमें उसने कहा था कि वह नहीं चाहता है कि इंद्राणी गुवाहाटी जाए। सीबीआई ने कहा कि इंद्राणी का इरादा अभियोजन पक्ष के गवाहों को प्रभावित करना है और हिरासत से उसके फरार होने की आशंका भी है।

एजेंसी के मुताबिक इंद्राणी, उसके पूर्व पति संजीव खन्ना और ड्राइवर श्याम राय ने अप्रैल 2012 में इंद्राणी की पूर्व शादी से हुई बेटी शीना की हत्या की थी।

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