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मुंबई: बीएमसी चुनाव में खंडित जनादेश आने के एक दिन बाद वरिष्ठ भाजपा नेता नितिन गडकरी ने कहा कि मुंबई नगर निगम पर नियंत्रण के लिए उनकर पार्टी और शिवसेना के पास हाथ मिलाने के अलावा और ‘कोई विकल्प’ नहीं है। गडकरी ने कहा, ‘अब स्थिति ऐसी है कि दोनों पार्टियों के लिए साथ आने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।’ उन्होंने बताया, ‘इस बारे में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे लेंगे। दोनों परिपक्व हैं और मैं आश्वस्त हूं कि वे सही निर्णय लेंगे।’गडकरी ने एक मराठी टीवी चैनल से कहा, ‘मुझे लगता है कि दोनों पार्टियों के नेता सूझबूझ और परिपक्वता का परिचय देक निर्णय लेंगे।’ उन्होंने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को निशाना बनाने की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘अगर हमारे (भाजपा) साथ दोस्ती रहेगी तब सामना में लिखी जा रही बातें नहीं लिखी जानी चाहिए। ऐसे में कैसे दोस्ती हो सकती है जब सामना रोजाना प्रधानमंत्री और हमारी पार्टी अध्यक्ष के बारे में अपमानजनक बातें गडकरी ने बताया, ‘मुझे लगता है कि भाजपा और शिवसेना के बीच इतनी कड़वाहट नहीं आई है कि इन चीजों से बचा नहीं जा सकता।’उन्होंने कहा कि शिवसेना को ध्यान रखना चाहिए कि दोनों पार्टियों के बीच सामना के कारण संबंध खराब नहीं होने चाहिए।
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मुंबई: बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव के नतीजों के सामने आने के बाद मुंबई में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के घर शुक्रवार को पार्टी नेताओं की बैठक हुई। सूत्रों के अनुसार, आज की बैठक में बीएमसी में बहुमत जुटाने पर चर्चा हुई। बीजेपी के साथ गठबंधन या समर्थन के बिना ही बीएमसी में सरकार पर बनाने पर विचार किया गया। पार्टी सूत्रों के अनुसार, उद्धव ने अब शनिवार को पार्टी नेताओं की बैठक फिर बुलाई है और बहुमत जुटाने को लेकर इसमें चर्चा की जा सकती है। उधर, अपने गढ़ मुंबई के बीएमसी चुनाव में 82 सीटें जीतने वाली भाजपा की बढ़त से बेफिक्र शिवसेना ने शुक्रवार को जोर देकर कहा कि नगर निकाय का मेयर उनकी पार्टी का ही बनेगा। इसके साथ ही सेना ने अब पराये हो चुके अपने पुराने सहयोगी भाजपा पर छल से उन्हें अस्थिर करने का भी आरोप लगाया। शिवसेना ने देश की सबसे रईस नगर निकाय के लिये भाजपा से गठबंधन नहीं करने की संकेत दिए हैं। सेना ने कहा कि भगवा पार्टी से उसकी लड़ाई जारी रहेगी और वह कठिन रास्ते पर चलती रहेगी, चाहे इसका परिणाम कुछ भी हो। दरअसल, बीएमसी चुनाव में शिवसेना के खाते में 84 सीटें आईं और भाजपा ने 82 सीटें जीतीं। लेकिन दोनों ही 114 के जादुई आंकड़े को छूने में असफल रहे। मुंबई में खंडित जनादेश के बाद अब राजनीतिक गणना के बदलने की उम्मीद है क्योंकि कोई भी दल अपने बूते देश के सबसे धनी नगर निकाय पर शासन करने की स्थिति में नहीं है।
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मुंबई: बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के लिए हुए चुनाव की मतगणना पूरी हो गई है। बीएमसी और ठाणे को छोड़कर भाजपा सभी जगह नंबर वन पार्टी बनकर सामने आई है। हालांकि बीएमसी के परिणामों ने सारे सत्ता समीकरणों को उलझा कर रख दिया है। कांटे की टक्कर में शिवसेना को 84 और भाजपा को 82 सीटें मिली हैं, जबकि 31 सीटें लेकर कांग्रेस तीसरे नंबर पर है, 9 सीटों के साथ एनसीपी चौथे और 7 सीटों के साथ राज ठाकरे की मनसे पांचवे स्थान पर रही। मुंबई निकाय चुनाव नतीजों पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा,''हमारी पार्टी मुंबई में नंबर 1 है। '' वहीँ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि "यह एक अभूतपूर्व जीत है. मैं महाराष्ट्र के लोगों को धन्यवाद देता हूं. यह पारदर्शिता के लिए किया गया मतदान है। " उन्होंने चुनावों में पार्टी के अच्छे प्रदर्शन का श्रेय पीएम नरेंद्र मोदी के विकास के एजेंडा को दिया। बीएमसी चुनावों में कांग्रेस को नंबर तीन की स्थिति पर संतोष करना पड़ा. पार्टी के खाते में 31 सीटें आईं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को नौ तो राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना को सिर्फ सात सीटों से संतोष करना पड़ा। एआईएमआईएम को तीन, समाजवादी पार्टी को छह, अखिल भारतीय सेना को एक और अन्य को चार सीटें मिली हैं।
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मुंबई: महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पंकजा मुंडे ने अपने संसदीय क्षेत्र बीड जिले में स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद राज्य की देवेंद्र फडणवीस नीत सरकार से इस्तीफे की आज पेशकश की।यद्यपि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रावसाहेब दानवे ने इस मामले को कमतर करने का प्रयास किया। हालांकि सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया। दानवे ने कहा, ‘मेरी पंकजा मुंडे से बात हुई। जीत हम पर कभी भी हावी नहीं होती और हम कभी भी हार से दुखी नहीं होते। हम उनके रूख :इस्तीफे: पर निर्णय करेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे निजी तौर पर उनके इस्तीफे के पीछे कोई उपयुक्त कारण नहीं दिखता। मुझे लगता है कि उनके इस्तीफे से मुद्दों का समाधान नहीं होगा।’ उन्होंने कहा, ‘वह एक वरिष्ठ नेता और हमारी कोर टीम का हिस्सा हैं। वह जिला परिषद परिणामों से उदास हैं और हम उनकी चिंताओं का आपसी सलाह से हल निकालने का प्रयास करेंगे।’ भाजपा नेता ने पार्टी में अंदरूनी खींचतान की खबरों को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘भाजपा में कोई अंदरूनी खींचतान नहीं है। हम सब साथ काम कर रहे हैं। उनके इस्तीफे का भाजपा से और उनकी निराशा से कोई लेनादेना नहीं है।
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