ताज़ा खबरें
संसद में अडानी और संभल पर हंगामा,दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित
किसान आंदोलन: एसकेएम नेता डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत मे लिया
कन्नौज में एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटना, सैफई में तैनात पांच डॉक्टरों की मौत
दिल्ली-यूपी में बढ़ी ठंड, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी; तमिलनाडु में तूफान

मुंबई: शिवसेना ने लोकसभा चुनाव में राजग को बहुमत मिलने के बाद विपक्ष पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री मोदी की उपलब्धियां गिनाई। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के सम्पादकीय में कहा कि विपक्ष ने बेरोजारी, किसान संकट के मुद्दे उठाए और लोगों ने उसका समाधान करने के लिए मोदी को चुना। संपादकीय में दावा किया गया, ‘‘ लोगों को लगा कि कांग्रेस को 60 साल मिले तो मोदी को पांच साल और क्यों ना दिए जाएं।’’ उसने कहा कि पश्चिम बंगाल में ‘‘हिंदूत्व’’ की जीत हुई और मोदी के खिलाफ नकारात्मकता फैलाने वाली पार्टियों को लोगों ने दरवाजा दिखाया।

शिवसेना ने दावा किया कि विपक्षी खेमा काफी तनाव में है क्योंकि उनके पास मोदी के कद से मेल खाने वाला कोई नेता नहीं है। संपादकीय में कहा गया कि महाराष्ट्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण और सुशील कुमार शिंदे और शरद पवार के पोते पार्थ पवार को हार का मुंह देखना पड़ा। राकांपा की केवल सुप्रिया सुले ही जीत का स्वाद चख पाईं। उसने कहा कि शिवसेना ने भी कई महत्वपूर्ण सीटें खोईं लेकिन कुछ नए चेहरों को जीत भी मिली। समाचार पत्र ने कहा कि लोगों ने ‘‘चौकीदार’’ में अपना भरोसा जताया, जिसे कांग्रेस ने ‘‘चोर’’ बताया था।

नागपुर: एग्जिट पोल के नतीजों में भाजपा को भारी बहुमत मिलने के अनुमानों के अगले ही दिन यानी सोमवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और आरएसएस के सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी की मुलाकात हुई। इस मीटिंग के बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। ऐसा इसलिए क्‍योंकि हालिया महीनों में नितिन गडकरी कई बार अपनी स्‍वतंत्र राय रखते रहे हैं। वैसे नितिन गडकरी संघ के बेहद करीबी नेता माने जाते हैं। दो घंटे चली उस मीटिंग में बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय भी मौजूद थे।

भाजपा नेता और पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने हालांकि कहा कि बैठक चुनाव को लेकर नहीं बल्कि अंत्योदय योजना के संबंध में थी। इसके साथ ही कैलाश विजयवर्गीय से जब पूछा गया कि क्‍या वह पार्टी अध्‍यक्ष बनने की रेस में है तो उन्‍होंने साफ कर दिया कि मैं पार्टी के अध्‍यक्ष पद की दौड़ में नहीं हूं। इससे पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि एग्जिट पोल अंतिम परिणाम नहीं हैं लेकिन राजग सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों के दम पर भाजपा के एक बार फिर से सत्ता में आने का संकेत देते हैं।

मुंबई: राकांपा प्रमुख शरद पवार ने एग्जिट पोल में भाजपा-नीत राजग की जीत के आकलन को गलत बताते हुए सोमवार को इन्हें नौटंकी कहा। उन्होंने कहा कि 23 मई को लोकसभा चुनावों के लिए वोटों की गिनती होने के साथ ही सच्चाई सामने आ जाएगी।पूर्व केन्द्रीय मंत्री दक्षिण मुंबई में शाम को आयोजित इफ्तार की दावत में बातचीत कर रहे थे। पवार ने कहा, ''देश में अजीब माहौल है... कल शाम छह बजे के बाद से सभी टीवी चैनलों और अखबारों को देखने के बाद कुछ बेचैनी जैसी स्थिति है।

उन्होंने कहा, ''लोग मुझे फोन कर रहे हैं... मैंने उनसे कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को नियंत्रित करने वाले (एग्जिट पोल के जरिए) कुछ अलग तस्वीर पेश कर रहे हैं। सच्चाई दो दिन में (23 मई) सामने आ जाएगी। राकांपा प्रमुख ने कहा कि चुनाव आते-जाते रहेंगे, किसी का जीतना तो किसी का हारना तय है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की केदारनाथ-बदरीनाथ यात्रा पर चुटकी लेते हुए पवार ने कहा, ''लेकिन मैंने पहले ऐसा कभी नहीं देखा है कि जिनके कंधों पर देश की जिम्मेदारी है वह चुनाव के बाद दिल्ली छोड़कर हिमालय में चले गए हों।

मुंबई: शिवसेना ने लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए एकजुट होने की कोशिश करने वाले विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि कई छोटे दलों के समर्थन से ‘‘रेंगने वाली’’ गठबंधन सरकार देश हित में नहीं है। शिवसेना ने विपक्षी दलों का गठबंधन तैयार करने की तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू की कोशिश को लेकर उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह इधर से उधर भाग कर स्वयं को व्यर्थ ही थका रहे हैं क्योंकि इस ‘‘संभावित गठबंधन’’ के 23 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद टिके रहने की कोई गारंटी नहीं है।

लोकसभा चुनाव के लिए मतदान रविवार को समाप्त हुआ था और मतगणना बृहस्पतिवार को होगी। अधिकतर एक्जिट पोल ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनने का अनुमान जताया है। कुछ एक्जिट पोल ने भाजपा नीत राजग को 300 से अधिक सीट मिलने का अनुमान व्यक्त किया है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में छपे संपादकीय में कहा, ‘‘इस महागठबंधन में प्रधानमंत्री पद के कम से कम पांच उम्मीदवार हैं।... मौजूदा संकेतकों के बाद उनका मोहभंग होने की आशंका दिखाई दे रही है।’’

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख