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मुंबई: महाराष्ट्र चुनाव की मुनादी हो चुकी है और सभी पार्टियों की तैयारियां जोरों पर हैं, मगर विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शिवसेना को बड़ा झटका लगा है। महाराष्ट्र में शिवसेना में टिकट बंटवारे से कई पार्षद और कार्यकर्ता नाराज हैं। यही वजह है कि महाराष्ट्र के 26 शिवसेना पार्षदों और करीब 300 कार्यकर्ताओं ने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को अपना इस्तीफा भेजा है। आगामी महाराष्ट्र चुनाव में सीट बंटवारे से ये पार्षद और कार्यकर्ता नाराज बताए जा रहे हैं।

गौरतलब है कि महाराष्ट् में 21 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। महाराष्ट्र विधानसभा में सीटों की संख्या 288 है। इसमें 234 सामान्य सीटें हैं, जबकि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए क्रमशः 29 और 25 सीटें आरक्षित हैं। चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को एक ही चरण में चुनाव कराने की घोषणा की है। मतों की गिनती 24 अक्ट्रबर को होगी। लोकसभा चुनाव 2019 में भारी बहुमत के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सत्ता में वापसी के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल नौ नवंबर को खत्म हो रहा है।

मुंबई: शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को अयोध्या के विवादित स्थल पर राम मंदिर बनाने का रास्ता साफ करने के लिए कानून बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि पार्टी के लिए राम मंदिर का मुद्दा राजनीति से ऊपर है और इसका आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से कोई संबंध नहीं है। उद्धव ने 21 अक्टूबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा से गठबंधन के फैसले का बचाव किया जिसमें वह छोटे सहयोगी के रूप में शामिल हुई है।

मुंबई के शिवाजी पार्क में मंगलवार रात को शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर पर नहीं बोलने की सलाह दी थी क्योंकि मामला उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है। उद्धव ने कहा, ‘‘लेकिन यह मामला पिछले 35 साल से लंबित है। अदालतें उस दिन बंद रहती हैं जिस दिन राम ने रावण का वध किया और उस दिन भी जब राम अयोध्या लौटे थे, लेकिन वहां मुद्दा यह है कि क्या राम ने अयोध्या में जन्म लिया था?’’

मुंबई: उपनगरीय क्षेत्र गोरेगांव के आरे कॉलोनी में मेट्रो परियोजना के लिए पेड़ कटाई पर विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर लगायी गयी निषेधाज्ञा मंगलवार को हटा ली गयी। पुलिस ने बताया कि क्षेत्र में स्थिति सामान्य हो गयी है और लोगों की आवाजाही और यातायात सामान्य है।

पुलिस ने शनिवार को पेड़ों की कटाई के खिलाफ कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध प्रदर्शन को देखते हुए क्षेत्र में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी थी। प्रदर्शनकारी मेट्रोशेड को स्थानांतरित करने की मांग कर रहे थे। यह शेड मेट्रो परियोजना 3 का हिस्सा है।

बंबई उच्च न्यायालय द्वारा आरे कॉलोनी को वन क्षेत्र घोषित करने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज करने के कुछ घंटों बाद मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमएमआरसीएल) ने डिपो बनाने के लिए क्षेत्र में पेड़ काटने शुरु किए। मुंबई पुलिस के प्रवक्ता प्रणय अशोक ने मीडिया से कहा, ‘‘आज हमने आरे कॉलोनी में धारा 144 हटा ली है। अब क्षेत्र में सब कुछ सामान्य है।’’ स्थानीय निवासी श्याम भोइर ने बताया कि इलाके में अब सब कुछ सामान्य है।

नई दिल्ली: मुंबई की आरे कॉलोनी में पेड़ काटे जाने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रोक जरूर लगाई। मगर लगता है कि यह आदेश आने में थोड़ी देर हो गई। मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने सोमवार को बताया कि उसे 2185 पेड़ काटने की अनुमति मिली थी और वह 2141 पेड़ काट चुका है। यानी कि अब मात्र 44 और पेड़ों को काटा जाना बाकी था। सुप्रीम कोर्ट की रोक पर मुंबई मेट्रो ने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश का सम्मान करते हुए पेड़ों की कटाई रोक दी गई है। मुंबई मेट्रो के प्रवक्ता ने कहा कि अब भविष्य में और पेड़ नहीं काटे जाएंगे।

हालांकि काटे गए पेड़ों को हटाकर जगह साफ व अन्य निर्माण कार्य जारी रहेंगे। प्रवक्ता ने कहा, 'हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं और अब आरे मिल्क कॉलोनी में कार शेड साइट के आसपास कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा।' इससे पहले मुंबई के आरे कॉलोनी में मेट्रो शेड के निर्माण के लिए पेड़ काटे जाने के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस अशोक भूषण की विशेष पीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पेड़ों की कटाई पर तत्काल रोक लगा दी।

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