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शिलांग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शनिवार को एक बार फिर नया अंदाज देखने को मिला। पीएम ने शनिवार सुबह मेघालय के गांव मावफलांग का दौरा किया और वहां सांस्कृतिक नृत्य और संगीत वाद्य यंत्रों का आनंद लिया। इस मौके पर पीएम ने स्थानीय लोगों से बातचीत की और उनके वाद्य यंत्रों पर हाथ भी आजमाए। गौरतलब है कि पीएम ने शुक्रवार को पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेल संपर्क को सुधारने के लिए मणिपुर और मिजोरम के लिए यात्री ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई। ट्रेनों में भैरबी-सिलचर और जिरिबम-सिलचर यात्री ट्रेनें शामिल हैं जो मिजोरम और मणिपुर को रेल मार्ग की बड़ी लाइन के नक्शे पर लाएंगी, वहीं कामाख्या-कटरा एक्सप्रेस असम को सीधे जम्मू-कश्मीर से जोड़ेगी। यहां पोलो मैदान पर एक सार्वजनिक समारोह के दौरान ट्रेनों को हरी झंडी दिखाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमने पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेलवे नेटवर्क के विकास के लिए 10 हजार करोड़ रुपये मंजूर किये हैं।' उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय क्षेत्र में रेल नेटवर्क के विस्तार के लिए मौजूदा साल में पांच हजार करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बना रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार रेल मार्गों के अलावा क्षेत्र में सड़कों, दूरसंचार, बिजली और जलमार्गों को उन्नत करने के लिए एक मिशन नीति लाई है।

उन्होंने कहा, 'यह क्षेत्र के आर्थिक विकास को मजबूती देगा।' इससे पहले शुक्रवार को दिन में रेलवे अधिकारियों ने पूर्वोत्तर परिषद की बैठक में कहा कि क्षेत्र में 2011-12 में 68 किलोमीटर रेल मार्ग पर परिचालन शुरू होता था जो 2015-16 में 537 किलोमीटर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि 63,045 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली 25 चालू रेलवे परियोजनाओं पर इस साल एक अप्रैल के बाद से 29,095 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं। भारतीय रेलवे के 2020 के विजन दस्तावेज के अनुसार मेघालय में तेतलिया-बैरहिनाट मार्ग के लिए समयसीमा अगले साल की शुरुआत की निर्धारित की गई है।

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