जोधपुर: हैदराबाद में वेटरनरी महिला डॉक्टर से रेप-हत्या मामले में चारों आरोपियों के एनकाउंटर के अगले दिन चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे की टिप्पणी आई है। हैदराबाद एनकाउंटर मामले के मद्देनजर भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा कि अगर यह बदले के इरादे से किया गया है तो न्याय कतई न्याय नहीं हो सकता है। यदि बदले की भावना से यह किया जाए तो न्याय अपना चरित्र खो देता है। हालांकि, सीजेआई ने अपनी टिप्पणी में कहीं भी हैदराबाद एनकाउंटर मामले का जिक्र नहीं किया है।
बता दें कि हैदराबाद एनकाउंटर पर एक पक्ष जहां इसकी वाहवाही कर रहा है तो वहीं दूसरा पक्ष पुलिस की इस कार्रवाई की आलोचना। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने जोधपुर में कहा कि देश में हाल की घटनाओं ने नए जोश के साथ पुरानी बहस छेड़ दी है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि आपराधिक न्याय प्रणाली को अपनी स्थिति पर पुनर्विचार करना चाहिए और आपराधिक मामलों को निपटाने में ढिलाई के रवैये में बदलाव लाना चाहिए।
सीजेआई शरद अरविंद बोबडे ने आगे कहा कि, लेकिन, मुझे नहीं लगता कि न्याय तुरंत हो सकता है या होना चाहिए और न्याय कभी भी बदला नहीं हो सकता है। मेरा मानना है कि अगर बदले को न्याय समझा जाता है तो न्याय अपना चरित्र खो देता है।
हैदराबाद में वेटरनरी महिला डॉक्टर से रेप-हत्या मामले में चारों आरोपियों के एनकाउंटर के अगले दिन चीफ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे की टिप्पणी आई है।
गौरतलब है कि हैदराबाद में वेटरनरी महिला डॉक्टर से गैंगरेप-हत्या के चारों आरोपियों को शुक्रवार को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया। बता दें कि शुक्रवार की सुबह पुलिस चारों आरोपियों को लेकर क्राइम सीन रीक्रिएट करने गई थी। पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनर ने दावा किया कि इस दौरान आरोपियों ने पुलिसवालों पर हमला किया, जिसके जवाबी कार्रवाई में चारों आरोपी मारे गए।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है, जिसमें तेलंगाना में महिला डॉक्टर से गैंगरेप-हत्या मामले के आरोपियों के एनकाउंटर में शामिल पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने, जांच और एक्शन करने की मांग की गई है।