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जयपुर: कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान में बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। इनमें सचिन पायलट भी शामिल हैं। बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने की कार्रवाई शुरू की जा रही है, जिसके तहत पार्टी ने राजस्थान विधानसभा स्पीकर से उनकी विधानसभा सदस्यता को रद्द करने की कार्रवाई का आग्रह किया है। कांग्रेस की शिकायत पर स्पीकर ने इन बागी विधायकों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। विधायकों को जवाब देने के लिए 17 जुलाई (शुक्रवार) तक का वक्त दिया गया है। अनुमान है कि लगभग 15 विधायकों के खिलाफ पार्टी ने कार्रवाई का फैसला किया है। कांग्रेस के इस फैसले से राजस्थान सरकार के अल्पमत में आने की संभावना है।

वहीं सचिन पायलट और कांग्रेस के अन्य बागी विधायकों की आज होने वाली बैठक रद्द कर दी गई है। सचिन पायलट और 18 अन्य बागी विधायकों को पार्टी ने नोटिस जारी कर पूछा कि उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए अयोग्य क्यों नहीं ठहराया जाना चाहिए और वे कांग्रेस विधायक दल की दो बैठकों में शामिल क्यों नहीं हुए।

जयपुर: राजस्थान के वर्तमान राजनीतिक हालात को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार (15 जुलाई) को जयपुर में एक बैठक बुलाई है। प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता वसुंधरा राजे की अगुवाई में यह बैठक होगी। फिलहाल वो धौलपुर में हैं और बुधवार को उनके वापस आने के बाद यह बैठक शुरू होगी। मंगलवार (14 जुलाई) को प्रदेश में दिनभर चले घटनाक्रम में कांग्रेस ने सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री पद से, तो विश्वेंद्र सिंह को पयर्टन मंत्री, रमेश मीणा को खाद्य मंत्री पद से हटा दिया। पार्टी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा, “पायलट और कुछ मंत्री साथी दिग्भ्रमित होकर भाजपा के षडयंत्र के जाल में उलझकर कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश में शामिल हो गए।”

राजस्थान के इस ताजा संकट ने कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। हाल के वर्षों में उसे कर्नाटक और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में अपनी सत्ता गंवानी पड़ी है। हालांकि राजस्थान की मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए लगता है कि कांग्रेस के पास राजस्थान में सरकार बचाने के लिए आवश्यक आंकड़े हैं। बागी कांग्रेस नेता सचिन पायलट से भाजपा की कोई बातचीत चल रही है, इस बारे में भाजपा की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

नई दिल्ली: राजस्थान के घमासान के बीच सचिन पायलट को मंगलवार को डिप्टी सीएम पद से हटा दिया गया। उनसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का दर्जा भी ले लिया गया है। पार्टी के इस फैसले के बाद सचिन पायलट की पहली प्रतिक्रिया आई है। फैसला सामने आने के बाद सचिन पायलट ने ट्विटर पर एक ट्वीट में कहा, 'सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं'। सचिन पायलट की ओर से पूरे मामले पर यह पहली सीधी-सीधी प्रतिक्रिया है। मंगलवार को रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पायलट को उनके पदों से हटाने की घोषणा की है। इसके बाद ट्विटर पर पायलट की यह पहली प्रतिक्रिया आई है।

बता दें कि मंगलवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायक दल की दूसरी बैठक बुलाई थी। इसके पहले सोमवार को कांग्रेस ने सचिन पायलट को संदेश दिया था कि पार्टी बातचीत करने के लिए उनका स्वागत करती है। पार्टी के दरवादे अब भी उनके लिए खुले हुए हैं। लेकिन मंगलवार को भी पायलट मीटिंग में नहीं आए, जिसके बाद एक मीटिंग में पायलट और उनके समर्थन में उतरे पार्टी के मंत्रियों विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को उनके पदों से हटा दिया गया।

जयपुर: कांग्रेस पार्टी ने सचिन पायलट को राजस्थान के उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया है। इसके अलावा उनके गुट के 2 मंत्रियों को भी अशोक गहलोत कैबिनेट से हटा दिया गया है। साथ ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से भी पायलट की छुट्टी कर दी गई है। पर्यवेक्षक बनाकर जयपुर भेजे गए रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यह घोषणा की है। सुरजेवाला ने नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा करते हुए कहा कि किसान के घर में जन्मे और ओबीसी समाज से आने वाले राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा को यह जिम्मेदारी दी गई है।

रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि सचिन पायलट और उनके कुछ मंत्री साथी भाजपा के षड्यंत्र में भटकर कर कांग्रेस पार्टी की चुनी गई सरकार को गिराने का साजिश कर रहे हैं। यह अस्वीकार्य है। इसलिए बड़े दुखी मन से कांग्रेस पार्टी ने कुछ फैसले लिए हैं। सचिन पायलट, विश्वेंद्र सिंह को और रमेश मीणा को उपमुख्यमंत्री और मंत्री पद से हटाया जा रहा है। विश्वेन्द्र सिंह के पास पर्यटन और देव स्थान मंत्रालय था तो मंत्री रमेशचंद मीणा खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग, उपभोक्ता मामले विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। लगातार दूसरे दिन कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट गुट को पार्टी से बाहर निकालने का प्रस्ताव पारित किया गया।

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