ताज़ा खबरें
महाराष्ट्र के नतीजे पर उद्धव बोले- 'यह सिर्फ एक लहर नहीं, सुनामी थी'
संसद में वायनाड के लोगों की आवाज बनूंगी: चुनाव नतीजे के बाद प्रियंका
झारखंड में 'इंडिया' गठबंधन को मिला बहुमत, जेएमएम ने 34 सीटें जीतीं
पंजाब उपचुनाव: तीन सीटों पर आप और एक पर कांग्रेस ने की जीत दर्ज

जयपुर: राजस्थान में गहलोत मंत्रिमंडल का जल्द विस्तार होने जा रहा है. इसके लिए सभी सियासी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. कल राजस्थान सरकार के तीन मंत्रियों डॉ रघु शर्मा, गोविंद सिंह डोटासरा और हरीश चौधरी ने इस्तीफा दे दिया था. इन तीनों मंत्रियों ने अपने इस्तीफे की चिट्ठी पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी को भेजी है।

राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी अजय माकन ने भी साफ किया है कि ये तीनों अब संगठन में अपनी-अपनी अहम ज़िम्मेदारी निभाएंगे. उन्होंने कहा कि डॉ रघु शर्मा, गोविंद सिंह डोटासरा और हरीश चौधरी ने अपना इस्तीफा लिखकर सोनिया गांधी को भेजा है। इन्होंने खुद मंत्री पद छोड़ने और पार्टी के लिए काम करने की इच्छा जताई है। कांग्रेस पार्टी इन लोगों का सम्मान करती है।

गौरतलब है कि करीब एक साल से राजस्थान कांग्रेस में उभरे मतभेदों को पार्टी आलाकमान ने पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को उचित सम्मान का आश्वासन देकर दूर किया था। उस वक्त पायलट खेमें ने गहलौत सरकार के विश्वास मत के पक्ष में मतदान करके सरकार को बरकरार रखा था।

जयपुर: राजस्थान सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाने का फैसला किया है। इसके बाद ईंधन की कीमतों में 4 से 5 रुपये की कमी आएगी। खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, "आज मंत्रिमण्डल की बैठक में पेट्रोल/डीजल पर वैट की दर को कम करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। इसके बाद आज रात्रि 12 बजे से पेट्रोल में 4 रुपये प्रति लीटर तथा डीजल में 5 रुपये प्रति लीटर दरों में कमी हो जायेगी। इससे राज्य सरकार 3500 करोड़ रुपये वार्षिक राजस्व की हानि वहन करेगी।" हालांकि, दूसरी तरफ गहलोत सरकार ने ईंधन के दाम में राहत देने के बाद बिजली को महंगा कर दिया। राजस्थान में उपभोक्ताओं से तेल सरचार्ज वसूला जाएगा। यह सरचार्ज 33 पैसे प्रति यूनिट की दर से लगाया जाएगा।

दरअसल, 3 नवंबर 2021 को दिवाली से एक दिन पहले केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर पांच रुपये और डीजल पर दस रुपये वैट की कटौती की थी। इसके बाद दो दर्जन से अधिक भाजपा और कांग्रेस शासित राज्यों ने भी अपने यहां वैट में कटौती कर जनता को राहत दी थी। इसके बाद से ही राजस्थान सरकार पर भी वैट घटाने का दवाब था।

जयपुर: बाल विवाह के रजिस्ट्रेशन से जुड़े विवादित बिल को लेकर बैकफुट पर आ चुकी राजस्थान सरकार इसे वापस लेने की तैयार शुरू कर चुकी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह बिल सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के मद्देनजर लाया गया था कि हर शादी का रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। उन्होंने कहा, "लेकिन बिल को लेकर विवाद पैदा हो गया है कि राजस्थान में बाल विवाह का रजिस्ट्रेशन करवाया जा रहा है। हम राज्यपाल से आग्रह करेंगे कि वह सरकार को बिल वापस भेज दें।"

17 सितंबर को राजस्थान विधानसभा में शादियों का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण संशोधन बिल को पारित किया गया था। इसमें बाल विवाह के रजिस्ट्रेशन का भी प्रावधान है। भाजपा ने इसके खिलाफ विधानसभा से वॉकआउट किया था। राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी इसको मंजूरी नहीं दी है और पिछले सप्ताह से ही रोक रखा है, वहीं इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की जा चुकी है।

नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फिर समन कर पूछताछ के लिए बुलाया है। अग्रसेन गहलोत सोमवार को दिल्ली ईडी हेडक्वार्टर में फिर पूछताछ में दूसरी बार शामिल होंगे। बता दें कि उनसे फर्टीलाइजर स्कैम मामले में ईडी की पूछताछ हो रही है। सोमवार को करीब 12 बजे अग्रसेन गहलोत अपने वकीलों के साथ ईडी की पूछताछ में शामिल होंगे।

वह और कुछ अन्य उर्वरक निर्यात में कथित अनियमितताओं से जुड़े हैं। उनसे पहले इस मामले में पूछताछ की गई थी, लेकिन उन्होंने जांच एजेंसी की कार्रवाई से राहत की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। राजस्थान उच्च न्यायालय ने हाल ही में उन्हें जांच में एजेंसी के साथ सहयोग करने के लिए कहा और प्रवर्तन निदेशालय को उनके खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया।

एजेंसी ने पिछले साल जुलाई में राजस्थान में उनके कारोबार पर छापा मारा था। राज्य में अशोक गहलोत और उनके तत्कालीन डिप्टी सचिन पायलट के बीच राजनीतिक लड़ाई के बीच छापे मारे गए थे।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख