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नई दिल्ली: राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बृहस्पतिवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। एक दिन पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोनिया से मिले थे। करीब 18 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सोनिया ने पायलट से फीडबैक लिया। 13 से 15 मई तक उदयपुर में होने वाले पार्टी के चिंतन शिविर से पहले राजस्थान सत्ता और संगठन में होने वाले बदलावों को लेकर सोनिया और पायलट के बीच चर्चा हुई है। सूत्रों के अनुसार, मुलाकात के दौरान पायलट ने सोनिया से साफ कहा कि राजस्थान को लेकर जो भी निर्णय करने हैं, वह जल्द कर लिए जाएं, जिससे चुनाव में पूरी तैयारी के साथ जा सके।

पायलट ने कहा कि तीन दशक का इतिहास है कि राज्य में कोई भी पार्टी लगातार दूसरी बार सरकार नहीं बनाती है। इस बार राजस्थान में फिर कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए शीघ्र निर्णय करना जरूरी है। सूत्रों के अनुसार, पायलट ने सत्ता और संगठन में बदलाव को आवश्यक बताया है। पायलट ने प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल किए जाने का समर्थन किया।

करौली: करौली हिंसा को लेकर भाजयुमो और भाजपा नेताओं की न्याय यात्रा को करौली बॉर्डर पर रोक दिया गया। जिसके बाद कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई। हालात काबू करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। उसके बाद भाजपा युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया सहित 400 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर महुआ थाने ले जाया गया। गिरफ्तार भाजपा नेता सतीश पूनिया, तेजस्वी, सांसद मनोज, सांसद रंजीता कोली, भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु शर्मा सहित सभी बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं को दौसा बॉर्डर पर लाकर छोड़ दिया गया है। मौके पर पुलिस बल अभी भी तैनात है। जब तक सभी कार्यकर्ताओं की रवानगी नहीं होती, पुलिस मौके पर ही बनी रहेगी। पूनिया ने कहा कि हमने नामजद गिरफ्तारियां दी है। हमने सरकार को नंगा कर दिया है, जो न्याय की जगह लाठियों पर बल देती है। 2023 में इसका जवाब मिलेगा।

वहीं तेजस्वी सूर्या ने कहा कि ये ट्रेलर है पिक्चर बाकी है। राजस्थान की हिंदू विरोधी सरकार को आज पूरे देश ने देखा है। लड़ाई लंबी है। युवा मोर्चा अपनी ऊर्जा बनाए रखें क्योंकि ये लड़ाई सरकार बदलने तक जारी रहेगी।

जयपुर: राजस्थान के करौली में सोमवार को तनावपूर्ण शांति रही। कर्फ्यू लगातार जारी है। इंटरनेट पर रोक मंगलवार तक बढ़ाई गई है। सरकारी दफ्तर और मेडिकल की दुकानों को छोड़कर निजी कार्यालय व दुकानें बंद रहीं। पुलिस के पहरे में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं आयोजित की गईं। जिला प्रशासन की तरफ से घरों में दूध और राशन सामग्री का वितरण किया गया। जिला पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह ने बताया कि हिंसा फैलाने वालों की पहचान कर ली गई है। अब तक डेढ़ दर्जन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। शेष की तलाश जारी है। कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा कि अब शहर में शांति है। लोगों को घरों से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। शांति समिति और जन प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर पूरी तरह से शांति स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। हिंसा में आधा दर्जन पुलिसकर्मियों सहित 45 लोग घायल हुए थे।

उधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को हिंसा के दौरान एक बच्ची और तीन महिलाओं की जान बचाने वाले पुलिस के कांस्टेबल नेत्रेश शर्मा से मोबाइल पर बात की।

जयपुर: गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के नेता रहे कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का गुरुवार को यहां निधन हो गया। बैंसला कई दिनों से बीमार चल रहे थे। बैंसला के सहयोगियों ने बताया कि गुर्जर आरक्षण को लेकर देश-दुनिया में चर्चा में रहे बैंसला कुछ दिन से बीमार थे। केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने गुर्जर नेता के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट किया,‘‘कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के निधन का समाचार दुखद है। समाज सुधार एवं समाज को संगठित करने में आपका योगदान अविस्मरणीय रहेगा।''

विधायक जोगेंद्र सिंह अवाना ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बैंसला का निधन गुर्जर समाज और उनके खुद के लिए व्यक्तिगत क्षति है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे गुर्जर गांधी चले गए, इससे बड़ा दुख गुर्जर समाज के लिए हो नहीं सकता।''

कर्नल बैंसला से जुड़े रहे शैलेंद्र सिंह धाभाई ने इसे गुर्जर समाज के लिए अपूरणीय क्षति करार दिया।

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