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जयपुर: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने भारतीय सीमा में घुस आए एक पाकिस्तानी युवक को गिरफ्तार किया है, जो भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा की हत्या करने की मंशा से भारत में घुसा था। युवक के पास से चाकू और अन्य सामान बरामद हुआ है। पुलिस अधिकारी ने इसके बारे में जानकारी दी है। श्रीगंगानगर के जिला पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा ने मंगलवार को बताया कि 16-17 जुलाई की रात को जिले के हिंदुमलकोट थाना क्षेत्र में पाकिस्तान से लगी सीमा पर एक युवक भारतीय सीमा में घुस गया।

सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने उसे पकड़ लिया और उसे पुलिस के हवाले कर दिया। शर्मा के अनुसार जांच एजेंसियों की संयुक्त पूछताछ में युवक ने अपना नाम रिजवान अशरफ (24) बताया है। वह पाकिस्तान के मंडी बहाउद्दीन शहर का रहने वाला है। शर्मा ने कहा, 'युवक ने बताया कि उसने भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा की हत्या के इरादे से सीमा पार की है।' अधिकारियों के अनुसार युवक 'धार्मिक रूप से बहुत अधिक प्रभावित है और वह अजमेर भी जाना चाहता था।'

नई दिल्ली: गुजरात पुलिस की एसआईटी की ओर से कोर्ट में दाखिल हलफनामे पर बयानबाजी का सिलसिला थम नहीं रहा है। एसआईटी के बयान को लेकर जहां भाजपा ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है, वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पटलवार किया है। गहलोत ने एक ट्वीट कर भाजपा पर बदले की राजनीति का आरोप लगाया और कहा कि अहमद पटेल अपना पक्ष रखने के लिए हमारे बीच नहीं हैं तो राजनीतिक लाभ के लिए उन पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।

अशोक गहलोत ने एक ट्वीट के जरिये भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, "आज श्री अहमद पटेल अपना पक्ष रखने के लिए हमारे बीच नहीं हैं तो राजनीतिक लाभ के लिए उन पर मिथ्या आरोप लगाए जा रहे हैं। यह बदले की राजनीति भाजपा-आरएसएस के चरित्र का प्रमाण है।" साथ ही गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर बीजेपी के आरोपों को राजनीतिक प्रतिशोध की पराकाष्ठा बताया. साथ ही पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पर लगे आरोपों पर भी बीजेपी को जमकर फटकार लगाई है।

नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश की न्याय व्यवस्था और पीएम मोदी पर शनिवार निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में देश के अंदर तनाव और हिंसा का माहौल है। ऐसे में पीएम मोदी को चाहिए कि वो हिंसा के खिलाफ देश को संदेश दें। अगर पीएम लोगों से अपील करेंगे तो लोग उनकी सुनेंगे। इस दौरान गहलोत ने न्याय व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। उन्होंने बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट के जजों द्वारा नूपुर शर्मा मामले में टिप्पणी करने पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने कहा कि हमे सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों द्वारा जो कहा गया उसे सोचना और समझना चाहिए। इन दोनों जजों ने केवल देश की स्थिति के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की थी, लेकिन इसके बावजूद भी उनके खिलाफ 116 लोगों जिनमें सेवानिवृत न्यायधीश भी शामिल थे, ने बयान दिया। मुझे नहीं पता कि ये कैसे किया और उन्होंने ऐसा क्यों किया। गहलोत ने कहा कि यह कोई पहला मौका नहीं है जब सुप्रीम कोर्ट के जज ने खुले तौर पर अपनी बात रखी हो। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के चार जज देश के सामने आए थे और उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र खतरे में है।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने जल्दबाजी और अंधाधुंध गिरफ्तारियों और अपराधियों को जमानत मिलने में हो रही देरी पर कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने कहा कि आज जैसे हालात हैं, उसमें हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली की प्रक्रिया ही सजा है। साथ ही साथ विचाराधीन कैदियों को लंबे समय तक जेल में रखने के मुद्दे पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। हमे आपराधिक न्याय प्रशासन की दक्षता को भी बढ़ाने के लिए एक समग्र योजना की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि पुलिस का प्रशिक्षण, संवेदीकरण और जेल प्रणाली का आधुनिकीकरण आपराधिक न्याय के प्रशासन में सुधार का एक पहलू है। इसके बाद सीजेआई ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए विपक्ष को भी मजबूत करने की मांग होती है। हमारे पास सरकार का एक रूप है जहां कार्यपालिका, राजनीतिक और संसदीय दोनों, विधायिका के प्रति जवाबदेह हैं। जवाबदेही लोकतंत्र का मूल सिद्धांत है। उन्होंने आगे कहा कि मैनें कई मौकों पर संसदीय बहसों और संसदीय समितियों के महत्व पर प्रकाश डाला है।

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