चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की 20 दिन की पैरोल को मंजूरी दे दी है। चुनाव आयोग की स्वीकृति मिलने के बाद मंगलवार को सरकार ने इस संबंध में फैसला लेकर रोहतक के मंडल आयुक्त को सूचित कर दिया है। मंडल आयुक्त की अधिकारिक स्वीकृति के बाद बुधवार को गुरमीत राम रहीम रोहतक की सुनारियां जेल से बाहर आ सकता है।
शिकायत में चुनाव परिणाम प्रभावित होने की जताई आशंका
इसी बीच कांग्रेस ने डेरामुखी को पैरोल का विरोध करते हुए भारतीय चुनाव आयोग में शिकायत दी है। हरियाणा कांग्रेस के लीगल सेल के अध्यक्ष केसी भाटिया ने चुनाव आयोग को भेजी शिकायत में कहा है कि डेरामुखी के जेल से बाहर आने पर चुनाव परिणाम प्रभावित होने की आशंका है। इसलिए डेरामुखी को पैरोल नहीं दी जाए। वहीं, निर्वाचन विभाग के नोडल अधिकारी मनीष कुमार लोहान का कहना है कि डेरामुखी को कानूनन पैरोल का अधिकार है। इसलिए निर्वाचन विभाग ने डेरामुखी को सशर्त पैरोल की मंजूरी दी है। पैरोल के दौरान डेरामुखी को हरियाणा में कहीं भी जाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
सुनारिया जेल प्रशासन को पैरोल के लिए किया था आवेदन
राम रहीम ने सामान्य प्रक्रिया के तहत सुनारिया जेल प्रशासन को पैरोल के लिए आवेदन किया था। इसके बाद सोमवार की रात निर्वाचन आयोग ने सशर्त राम रहीम को पैरोल दिए जाने के लिए अपनी सहमति देते हुए कहा था कि यह निर्णय लेना सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है।
आयोग द्वारा कहा गया था कि पैरोल की अवधि के दौरान राम रहीम किसी प्रकार के राजनीतिक कार्यक्रम में भाग नहीं लेगा। डेरामुखी हरियाणा में नहीं आएगा और इंटरनेट मीडिया पर किसी तरह का राजनीतिक बयान नहीं देगा।
बीस दिन की मिली है पैरोल
इस उठापटक के बीच मंगलवार की शाम कार्यवाहक मुख्यमंत्री ने गुरमीत राम रहीम को बीस दिन की पैरोल दिए जाने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। मुख्य सचिव कार्यालय की तरफ से औपचारिकता पूर्ण करते हुए इस संबंध में केस अगली कार्रवाई के लिए जेल महानिदेशक तथा रोहतक के मंडल आयुक्त को भेज दिया गया है।
नियमानुसार रोहतक के मंडल आयुक्त उस जिले के प्रशासन को सूचित करेंगे जहां पैरोल की अवधि के दौरान राम रहीम ठहरेगा। इसके अलावा रोहतक मंडल आयुक्त की तरफ से सुनारिया जेल प्रशासन को राम रहीम की पैरोल के संबंध में निर्देश जारी किए जाएंगे। जिसके बाद राम रहीम जेल से बाहर निकलेगा।