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चंडीगढ (जनादेश ब्यूरो): हरियाणा में जाट समुदाय की आरक्षण की मांग की समीक्षा के लिए केंद्रीय मंत्री के अधीन एक समिति गठित करने की भाजपा की घोषणा के बाद आंदोलनकारियों ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में नाकेबंदी हटानी शुरू कर दी है और हिंसाग्रस्त राज्य में जनजीवन आज (सोमवार) फिर से सामान्य होता नजर आ रहा है। कई दिनों तक जनजीवन अस्त व्यस्त रहने के बाद कैथल समेत कुछ शहरों में हालात सामान्य हो रहे हैं और अधिकारियों ने अन्य प्रभावित क्षेत्रों में भी स्थिति में आज उल्लेखनीय सुधार आने की उम्मीद व्यक्त की है। अधिकारियों ने कैथल और इसके निकटवर्ती कस्बे कलायत से कल कर्फ्यू हटा लिया। जाट आंदोलन के मुख्य केंद्र रोहतक में अब भी कर्फ्यू लगा हुआ है। वहां पिछले 24 घंटे के दौरान हिंसा और आगजनी की किसी घटना की सूचना नहीं मिली है। रोहतक के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आज कहा, ‘रोहतक में पिछले 24 घंटों में कोई बड़ी अप्रिय घटना नहीं हुई और कल रात स्थिति शांतिपूर्ण रही। उन्होंने कहा कि हालांकि रोहतक में कुछ स्थानों पर अब भी सड़क पर नाकेबंदी है, दिन में हालात सुधरने की उम्मीद है।

जारी हिंसा और आगजनी की घटनाओं के बाद रोहतक, झज्जर, जींद, हिसार, हांसी, सोनीपत और सोनीपत के गोहाना कस्बे में कर्फ्यू लगाया गया था। यमुनानगर में सहानपुर-अंबाला, पोंटा साहिब-यमुनानगर, अंबाला-कैथल, सहारनपुर-पिपली-कुरक्षेत्र, जीकरपुर-परवाणू और लाडवा-शाहाबाद समेत कुछ राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों से कल रात नाकाबंदी हटा दी गई। अन्य इलाकों से मिली रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली-पानीपत राष्ट्रीय राजमार्ग से सड़क नाकेबंदी हटाई जा रही है ताकि यातायात बहाल हो सके। रिपोर्ट के अनुसार कुरूक्षेत्र और झज्जर में भी नाकेबंदी हटा ली गई है। जाट आंदोलन के हिंसक हो जाने के बाद रोहतक और अन्य इलाकों में सार्वजनिक और निजी सम्पत्ति को बड़ा नुकसान हुआ है। विभिन्न राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर यातायात अभी पूरी तरह बहाल नहीं हो पाया है। रेल विभाग ने ट्रेनों के आज और कल रद्द रहने की घोषणा कर दी है इसलिए ट्रेन सेवा आज बहाल नहीं होगी। भाजपा ने आंदोलन कर रहे जाटों के दबाव के सामने झुकते हुए एक केंद्रीय मंत्री के नेतृत्व में पांच सदस्यीय एक समिति गठित करने की कल रात घोषणा की थी जो सरकारी नौकरियों में इस समुदाय के आरक्षण की मांग पर गौर करेगी। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू की अगुवाई में समिति का गठन किया गया है जो केंद्र सरकार की नौकरियों में जाटों के लिए आरक्षण की मांग पर गौर करेगी। उन्होंने कहा था, ‘मैं मौजूदा विरोध प्रदर्शन के संदर्भ में चीजें स्पष्ट करना चाहता हूं। अभी, हमने एक समिति का गठन किया है जिसकी अध्यक्षता हमारे वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री वेंकैया नायडू करेंगे। समिति से कहा गया है कि वह मुद्दे के समाधान के लिए वह जल्द से जल्द एक समग्र रिपोर्ट दायर करे।’

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