चंडीगढ़: हरियाणा में जाट आरक्षण की मांग को लेकर हंगामा बढ़ता जा रहा है। इसके चलते झज्जर और सोनीपत में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है, वहीं रोहतक में मोबाइल और इंटरनेट सेवा बंद कर कर दी गई है। जाट आरक्षण की मांग को लेकर हिंसक होते प्रदर्शन के बीच खट्टर सरकार ने आज (शुक्रवार) सर्वदलीय बैठक बुलाई है। गुरुवार को रोहतक कोर्ट परिसर में आरक्षण की मांग को लेकर दो गुटों के आपस में भिड़ंत के बाद यह बैठक बुलाई गई है। पुलिस की मौजूदगी में ही दोनों गुटों के बीच टकराव हुआ और जमकर कुर्सियां चलीं। राज्य सरकार ने रोहतक, झज्जर और सोनीपत में अतिरिक्त पुलिस बल भेजने का फ़ैसला लिया है। पिछले कई दिनों से आरक्षण की मांग को लेकर हरियाणा में जाट प्रदर्शन हो रहा है। यूपीए सरकार के समय से जाटों को मिले आरक्षण को पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था।
इससे पूर्व गुरुवार को हरियाणा में अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत आरक्षण की मांग को लेकर जाटों के प्रदर्शन से राज्य के कई हिस्सों में रेल एवं सड़क यातायात प्रभावित हुआ। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईबीसी) के लिए आरक्षण का कोटा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने की घोषणा भी की। उन्होंने साथ ही सालाना आय की सीमा 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर छह लाख रुपये करने की भी घोषणा की, ताकि इस श्रेणी के तहत अधिकतम लोगों को लाभ हो सके। दिन में जाटों का प्रदर्शन रोहतक-झज्जर क्षेत्र से सोनीपत, भिवानी, हिसार, फतेहाबाद और जींद जिलों तक फैल गया। प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हो गईं। सोनीपत में प्रदर्शनों में जहां वकील शामिल हुए, बड़ी संख्या में छात्रों ने रोहतक में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत आरक्षण की मांग कर रहे हैं। ऑल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि सरकार ने अपना प्रस्ताव दे दिया है, लेकिन लोग उतने खुश नहीं हैं। यद्यपि इसका परिणाम एक या दो दिनों में पता चलेगा (प्रदर्शन जारी रहता है या समाप्त होता है)। Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल कर