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रेवाड़ी (हरियाणा): केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज (बुधवार) कहा कि 500 और 1,000 रूपए के पुराने नोटों का चलन बंद होने के कारण हो रही दिक्कतें करीब एक महीने तक बनी रह सकती हैं। उन्होंने इस कदम को आर्थिक और सामाजिक स्वतंत्रता हासिल करने की दिशा में पहला कदम बताया। राजनाथ सिंह ने यहां एक रैली में लोगों से कहा कि वे और कुछ दिनों तक इन दिक्कतों को झेलें क्योंकि यही उन्हें उज्जवल भविष्य की ओर लेकर जाएगा। उन्होंने कहा, ‘यह छोटा फैसला नहीं था। हम स्वीकार करते हैं कि लोगों को कम से कम एक महीने तक तकलीफ होगी, लेकिन लंबी अवधि में यह लाभदायक होगा। कुछ राजनीतिक दल इसका विरोध कर रहे हैं। लेकिन कुछ वक्त तक इसे बर्दाश्त करें। हम आपको उज्जवल भविष्य देंगे।’ राजनाथ सिंह ने कहा, ‘भारत को राजनीतिक आजादी मिली है लेकिन हमें आर्थिक और सामाजिक स्वतंत्रता की जरूरत है। हम आर्थिक असमानता खत्म करना चाहते हैं। 500 और 1,000 रूपए के नोटों का चलन बंद करना इस दिशा में पहला कदम है। इससे भारतीय राजनीति में पारदर्शिता आएगी।’ शहरी विकास और आवास राज्य मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह की ओर से आयोजित ‘शहीद रैली’ में गृहमंत्री ने नरेन्द्र मोदी के 2014 में सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान में जताए गए विश्वास के बाद मिले धोखे को लेकर इस्लामाबाद की आलोचना की। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ‘वन रैंक, वन पेंशन’ के मुद्दे पर कुछ नहीं कहा।

उनकी इस रैली में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, विभिन्न मंत्री और विधायक मौजूद थे। ‘वन रैंक, वन पेंशन’ का मुद्दा यहां ज्यादा महत्वपूर्ण था क्योंकि नरेन्द्र मोदी ने 2014 लोकसभा चुनाव से पहले यहीं से इसका वादा किया था। सर्जिकल स्ट्राइक का हवाला देते हुए राजनाथ सिंह ने सैनिकों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद डरपोक का हथियार है और दावा किया कि इस सरकार ने पिछले दो वषरें में चरमपंथ और नक्सलवाद को महत्वपूर्ण तरीके से कम किया है। राजनाथ ने कहा कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर रैली को संबोधित करने वाले थे, लेकिन बीमार होने के कारण वह नहीं आ सके।

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