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नई दिल्ली: कर्नाटक में एक महिला के साथ कथित तौर पर मारपीट और उसे निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। कर्नाटक से राज्यसभा सांसद सीतारमण ने उच्च न्यायालय की टिप्पणी का एक स्क्रीनशॉट साझा किया, जिसमें मामले को संभालने के राज्य सरकार के तरीके की भारी आलोचना की गई है।

महिला को निर्वस्त्र घुमाने को लेकर कांग्रेस पर साधा निशाना

स्क्रीनशॉट साझा करते हुए देश की वित्त मंत्री ने लिखा कि कांग्रेस में एससी और एसटी के लिए कोई 'न्याय' नहीं है। कर्नाटक के बेलगावी में हुई हालिया घटना उसी श्रेणी में आती है, जिस श्रेणी में हाल ही में कांग्रेस शासित राजस्थान और छत्तीसगढ़ में दलितों के खिलाफ बार-बार होने वाले अत्याचार देखे गए थे। कांग्रेस के लिए दलित वर्ग सिर्फ वोटबैंक है। स्क्रीनशॉट में विस्तार से बताया गया है कि कैसे बेलगावी जिले में 42 वर्षीय महिला को एक खंभे से बांध दिया गया और दो घंटे तक पीटा गया। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने आज इसे एक "असाधारण मामला" करार दिया।

नई दिल्ली: लोकसभा से निष्कासन के खिलाफ महुआ मोइत्रा की याचिका पर अब सुप्रीम कोर्ट अगले साल 3 जनवरी को सुनवाई करेगा। टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा की याचिका पर जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच सुनवाई की। आज सुनवाई शुरू होते ही बेंच के अध्यक्ष जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि उन्होंने याचिका को नहीं पढ़ा है। वह इसे पढ़ने के बाद ही सुनवाई करना चाहेंगे।

इससे पहले महुआ मोइत्रा ने इस मामले की जल्द सुनवाई के लिए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) चंद्रचूड़ से मांग की थी। सीजेआई ने महुआ के वकील से कहा था कि वह जल्द सुनवाई की मांग को लेकर एक ईमेल करें। इसके बाद याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करेंगे।

बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई की मांग पर सीजेआई के पास जाने को कहा था। जस्टिस एसके कौल ने महुआ की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि वो जल्दी सुनवाई के लिए सीजेआई से अनुरोध करें। सीजेआई ही जल्द सुनवाई पर फैसला लेंगे।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित किये जाने के विरोध में आज संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। जिसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही को जबरदस्त नारेबाजी के बीच शुरू होने के कुछ मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर विपक्षी सांसदों का संसद परिसर में प्रदर्शन जारी है। निलंबित सांसदों सहित विपक्षी सांसद, संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

सांसदों को गैरकानूनी ढ़ंग से सस्पेंड करना कहां का न्याय?: खड़गे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद परिसर में मीडिया से बात की। उन्होंने पूछा, संसद और सांसदों की सुरक्षा पर जो भारी चूक हुई है, उस पर विपक्ष के सांसदों को गैरकानूनी ढंग से सस्पेंड करना किस तरह का न्याय है? देश के गृहमंत्री, टीवी पर इंटरव्यू दे सकते हैं पर संसद के पटल पर बयान नहीं दे सकते। इंडिया दलों की मांग है कि अमित शाह संसद में वक्तव्य दें और फिर दोनों सदनों में इस पर चर्चा हो। राष्ट्रीय सुरक्षा के इस गंभीर विषय पर आवाज़ उठाना हमारा कर्तव्य है, संसदीय धर्म है।

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की महिला जज की इच्छामृत्यु वाली वायरल चिट्ठी पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट से रिपोर्ट तलब की है। सूत्रों के मुताबिक, देर रात सीजेआई ने सुप्रीम कोर्ट सेकेट्री जनरल अतुल एम कुरहेकर को इलाहाबाद हाई कोर्ट प्रशासन से स्टेटस रिपोर्ट मांगने का आदेश दिया। सेकेट्री जनरल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखकर महिला जज द्वारा दी गई सारी शिकायतों की जानकारी मांगी। इसके साथ ही शिकायत से निपटने वाली आंतरिक शिकायत समिति के समक्ष कार्यवाही की स्थिति के बारे में भी पूछा। ये कदम सोशल मीडिया पर चिट्ठी वायरल होने के बाद उठाया गया।

क्या है महिला जज की चिट्ठी का मामला?

वायरल हो रही चिट्ठी के मुताबिक यूपी की एक महिला जज ने यौन प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए इच्छामृत्यु की मांग की है। बांदा ज़िले में तैनात एक महिला जज की वायरल हो रही एक चिट्ठी में दावा किया कि एक पोस्टिंग के दौरान ज़िला जज और उनके करीबियों ने उनके साथ मानसिक और शरीरिक शोषण किया।

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