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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष आक्रामक है। वहीं सरकार का साफ कहना है कि जांच के आदेश दे दिए गए हैं और विपक्ष को इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। इस बीच लोकसभा के 13 और राज्यसभा के एक विपक्षी सांसद को बाकी बचे मौजूदा सत्र से निलंबित कर दिया गया।

कांग्रेस बोली- बिल्कुल विचित्र मामला है

इससे पहले इस लिस्ट में लोकसभा के 14 सांसदों का नाम था। हालांकि बाद में डीएमके के एक सांसद एसआर पार्थिबन का निलंबन वापस ले लिया गया। संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि आज दिन में निलंबित लोकसभा सदस्यों की सूची में से पार्थिबन के नाम को वापस ले लिया गया है। सदस्य की पहचान करने में कर्मियों की ओर से गलती हुई थी।

जोशी ने कहा, ‘‘मैंने लोकसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया है कि सदस्य का नाम वापस लिया जाए, क्योंकि यह पहचान में त्रुटि का मामला है।’’ लोकसभा अध्यक्ष ने इस सुझाव को स्वीकार कर लिया है।

वहीं इस फैसले पर विपक्षी दलों ने तंज कसा है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने कहा कि कल लोकसभा में जो हुआ वह बेहद चिंताजनक था। आज लोकसभा में जो हुआ वह बिल्कुल विचित्र है। तमिलनाडु के एक सांसद जो सदन में मौजूद ही नहीं थे, वह दरअसल नई दिल्ली से ही बाहर थे, उन्हें भी कार्यवाही में बाधा डालने के लिए निलंबित कर दिया गया! इस बीच, जिस बीजेपी सांसद की मदद से आरोपी सदन के भीतर पहुंचे उनके खिलाफ़ कोई भी एक्शन नहीं लिया जा रहा है।

कांग्रेस के सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा, ''इस निलंबन में कॉमेडी है। एसआर पार्थिबन आज लोकसभा में भी नहीं थे, उनका नाम लिस्ट में है। मुझे लगता है कि वे एक तमिलन को दूसरे से अलग नहीं कर सकते।''

किन-किन सांसदों को किया गया निलंबित?

लोकसभा के 13 और राज्यसभा से तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओब्रायन को निलंबित किया गया है। लोकसभा से कांग्रेस के वीके श्रीकंदन, बेनी बेहनन, मोहम्मद जावेद, मणिकम टैगोर, टीएन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस, डीएमके की कनिमोझी, माकपा के एस वेंकटेशन और पी आर नटराजन और भाकपा केके सुब्बारायन का निलंबन हुआ है।

क्यों हुआ निलंबन?

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, प्रह्लाद जोशी ने कहा कि जब सदन का कामकाज नए संसद भवन में स्थानांतरित हो गया था, तो अध्यक्ष ने कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में प्रस्ताव दिया था कि सदस्यों को इस संकल्प के साथ काम करना होगा कि सदन में तख्तियां नहीं दिखाई जाएंगी।

उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रस्ताव पर सर्वसम्मति से सहमति जताई गई थी। किसी ने इसका विरोध नहीं किया था।’’ मंत्री ने कहा कि बीएसी की बैठक में लिये गए निर्णय का उक्त 13 सांसदों ने उल्लंघन किया है और वे सदन में तख्तियां लेकर आए थे और इसलिए उन्हें निलंबित कर दिया गया है।

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