नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित किये जाने के विरोध में आज संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। जिसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही को जबरदस्त नारेबाजी के बीच शुरू होने के कुछ मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर विपक्षी सांसदों का संसद परिसर में प्रदर्शन जारी है। निलंबित सांसदों सहित विपक्षी सांसद, संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
सांसदों को गैरकानूनी ढ़ंग से सस्पेंड करना कहां का न्याय?: खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद परिसर में मीडिया से बात की। उन्होंने पूछा, संसद और सांसदों की सुरक्षा पर जो भारी चूक हुई है, उस पर विपक्ष के सांसदों को गैरकानूनी ढंग से सस्पेंड करना किस तरह का न्याय है? देश के गृहमंत्री, टीवी पर इंटरव्यू दे सकते हैं पर संसद के पटल पर बयान नहीं दे सकते। इंडिया दलों की मांग है कि अमित शाह संसद में वक्तव्य दें और फिर दोनों सदनों में इस पर चर्चा हो। राष्ट्रीय सुरक्षा के इस गंभीर विषय पर आवाज़ उठाना हमारा कर्तव्य है, संसदीय धर्म है।
सोनिया गांधी ने निलंबित सांसदों से मुलाकात की
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने संसद में धरना दे रहे निलंबित सांसदों से मकर द्वार पर मुलाकात की।
सवाल पूछने पर हमें निकाला जा रहा है; अधीर रंजन
अधीर रंजन चौधरी ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा, पीएम मोदी सदन के नेता है उनको सदन में आकर बयान देना चाहिए था। गृह मंत्री को बयान देना चाहिए, हम सवाल पूछ रहे हैं तो हमको निकाला जा रहा है। हम लोग तो लगातार सहयोग कर रहे हैं, लेकिन सरकार मनमानी कर रही है।
बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के खिलाफ हो कार्रवाई
विपक्षी दलों की यह भी मांग है कि लोकसभा की दर्शक दीर्घा से सदन में कूदने वाले व्यक्ति को पास दिलाने के लिए अनुशंसा करने वाले भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
यह संवेदनशील मामला, विपक्ष स्थिति की गंभीरता को समझे
संसद सुरक्षा चूक की घटना पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, "अध्यक्ष ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर जो भी आदेश दिए हैं, उस आदेश का सरकार पालन कर रही है. मामला कोर्ट में है, उच्च स्तरीय जांच चल रही है। उन्होंने कहा, यह संवेदनशील मामला है और उन्हें (विपक्ष को) इसे समझना चाहिए।
सुरक्षा के कड़े कदम उठाए
सुरक्षा में सुरक्षा चूक की घटना के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को संसद भवन के अंदर और उसके आसपास सुरक्षा के कड़े कदम उठाए गए और पुलिस तथा संसद सुरक्षा कर्मचारियों ने परिसर में प्रवेश करने वालों की गहन जांच की। संसद परिसर से कुछ ही मीटर की दूरी पर परिवहन भवन के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने किसी को भी बैरिकेड से आगे जाने की इजाजत तब तक नहीं दी, जब तक कि उन्होंने उनके पहचान पत्र की जांच नहीं कर ली।
कड़ी सुरक्षा के बीच गुजरात के आदिवासी क्षेत्र डांग से आए विद्यार्थियों के एक बड़े समूह ने संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। कृषि भवन के पास तैनात सुरक्षा कर्मियों ने दो पहिया सवारों को रोका और उनके पहचान पत्र आदि देखने के बाद ही उन्हें जाने दिया। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा को ‘मकर द्वार’ से संसद के नए भवन में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। संगमा अपनी कार से उतरे और इमारत में प्रवेश करने के लिए ‘शार्दुल द्वार’ की ओर चले गए।
संसद के एक अधिकारी ने मीडिया से कहा, मंत्रियों के निजी सचिवों और अन्य कर्मचारियों सहित मंत्रालय के अधिकारियों को मकर द्वार से संसद में प्रवेश करने से रोक दिया गया क्योंकि यह सिर्फ सांसदों के प्रवेश के लिए है। उन्हें शार्दुल द्वार से भवन में प्रवेश करने के लिए कहा गया है। नए संसद भवन के मकर द्वार को सांसदों को छोड़कर सभी के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। मीडिया कर्मियों को पुराने संसद भवन के गेट नंबर 12 के पास लॉन में भेज दिया गया।
विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों के नेताओं ने संसद की सुरक्षा में चूक के मामले को लेकर बृहस्पतिवार को एक बैठक की और सरकार से आग्रह किया कि इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह विस्तृत बयान दें तथा दोनों सदनों में इस विषय पर चर्चा कराई जाए।