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नई दिल्ली: लोकसभा के 49 और सदस्यों को सदन से निलंबित किए जाने के बाद विपक्षी सांसदों ने मंगलवार को सरकार पर निशाना साधते हुए संसद को ‘‘संविधान की कब्रगाह'' बताया और इसकी तुलना उत्तर कोरियाई सदन से की। निचले सदन में मंगलवार को 49 विपक्षी सदस्यों को संसद के वर्तमान शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। इससे पहले कुल 78 सासंदों (निचले सदन से 33 और उच्च सदन से 45 सांसदों) को कार्यवाही में बाधा डालने के लिए संसद से निलंबित कर दिया गया था।

संविधान की कब्रगाह नजर आ रही है: हरसिमरत कौर

शिरोमणि अकाली दल की नेता एवं सांसद हरसिमरत कौर बादल ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘यहां संविधान की कब्रगाह नजर आ रही है।'' उन्होंने संसद के बाहर कहा, ‘‘विपक्षी सांसदों का काम संसद में सवाल पूछना है, लेकिन उन्हें अपना काम करने पर बाहर निकाल दिया जाता है...देखिए, यह नया भारत है।''

नई दिल्ली: दौसा से बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रही जसकौर मीना ने लोकसभा में महिलाओं को बात रखने के लिए उचित समय नहीं देने पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने लोकसभा के पीठासीन राजेन्द्र अग्रवाल से कहा कि हमें उचित समय मिलना चाहिए, हम भी तैयारी करते हैं।

बोलने के लिए बनाएं नियम

उन्होंने कहा, 'समानता का दर्जा तो आप लोग भी हमें नहीं दे रहे हैं। हम आज सुबह से ही है। पहले भी दिन से ही समय पर यहां आ जाते हैं। इन सबके बावजूद हम सोचते हैं कि भाई सतपाल जी, कानून मंत्री व अन्य लोगों ने जिस तरीके से अपनी विस्तार से बात रखी, क्या हम नहीं रख सकते हैं। हम भी अपनी बात रख सकते हैं, लेकिन उचित समय देना चाहिए।'

मीना ने आगे कहा, 'हम व्हिप चेयर से भी अनुरोध करेंगे महिलाओं के बोलने के लिए आप सुनिश्चित करें कि दो या तीन के बाद हमें बुलाया जाए।

नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के 12वें दिन मंगलवार (19 दिसंबर) को 49 सांसदों के निलंबन के साथ ही लोकसभा में विपक्ष के अब तक 95 सांसद निलंबित किए जा चुके हैं। ऐसे में सदन में विपक्ष की ताकत घटकर एक-तिहाई रह गई है। इसी बीच केंद्र सरकार ने मौजूदा आपराधिक कानूनों को बदलने के लिए 3 विधेयकों को संसद में विचार के लिए रखा है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आपराधिक कानून संशोधन से जुड़े तीन नए बिलों को लोकसभा में पेश किया। गृहमंत्री अमित शाह तीनों बिलों पर बुधवार दोपहर 2:30 बजे लोकसभा में जवाब देंगे।

आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता बिल 2023, सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक-2023 को सदन में रखा गया है। इन विधेयकों को अगस्त में हुए संसद के मॉनसून सत्र में गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में रखा था। बाद में उन्हें रिव्यू के लिए संसदीय स्थायी समिति के पास भेजा गया था। पिछले सप्ताह विधेयकों का नया संस्करण लाया गया।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): विपक्षी गठबंधन इंडिया की मंगलवार (19 दिसंबर) को बड़ी बैठक दिल्ली में हुई। इस बैठक के बाद गठबंधन के स्वरूप को लेकर तस्वीर लगभग साफ हो गई। सबसे बड़ी बात प्रधानमंत्री चेहरे को लेकर हुई। सूत्रों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने सभी को चौंकाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम विपक्ष के प्रधानमंत्री चेहरे के लिए पेश किया। दिलचस्प बात ये रही कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इसका समर्थन किया।

कांग्रेस अध्यक्ष बोले- 'जीत के बाद करेंगे तय'

हालांकि खड़गे ने अपने इरादे साफ कर दिए और कहा कि पीएम कौन बनेगा, ये बाद में फैसला हो जाएगा। सूत्रों ने बताया कि गठबंधन इंडिया जनवरी के दूसरे हफ्ते में सीट शेयरिंग को लेकर फैसला ले सकता है। कई दलों ने दिसंबर में ही सीट शेयरिंग पर अंतिम फैसला लेने की बात कही। मल्लिकार्जुन खड़गे ने तृणमूल कांग्रेस की चीफ ममता बनर्जी के प्रस्ताव पर कहा कि पहले हमें सीट जीतने पर ध्यान देना चाहिए।

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