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नई दिल्ली: कैश फॉर क्वेश्चन मामले में संसद की सदस्यता से निष्कासित टीएमसी नेता महुआ मोईत्रा द्वारा सरकारी बंगला खाली कराने के दिए नोटिस को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई 4 जनवरी तक टल गई है। महुआ मोइत्रा को हाईकोर्ट से फिलहाल राहत नहीं मिली है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि महुआ मोइत्रा की निष्कासन के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है। ऐसे मे हाईकोर्ट इस पर फिलहाल सुनवाई नहीं कर सकता। महुआ ने बंगला खाली कराने के नोटिस पर रोक लगाने की मांग की है।

11 दिसंबर को संपदा विभाग ने बंगला खाली करने का नोटिस दिया है। लोकसभा से निष्कासन के बाद टीएमसी की पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा को संपदा निदेशालय ने 7 फरवरी तक अपना सरकारी आवास खाली करने का आदेश दिया था।

इस याचिका में सांसद ने आग्रह किया है कि संपदा निदेशालय के 11 दिसंबर के आदेश को रद्द कर दिया जाए या मोइत्रा को 2024 लोकसभा के नतीजे आने तक वैकल्पिक रूप से आवास पर कब्जा बनाए रखने की अनुमति दी जाए।

3 जनवरी 2024 को होगी सुनवाई

मोइत्रा को कारोबारी दर्शन हीरानंदानी से उपहार स्वीकार करने और उनके साथ संसद वेबसाइट की अपनी यूजर आईडी और पासवर्ड साझा करने के लिए ‘‘अनैतिक आचरण'' का दोषी ठहराया गया था और आठ दिसंबर, 2023 को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया। लोकसभा द्वारा उन्हें निष्कासित करने की सिफारिश करने वाली आचार समिति की रिपोर्ट को स्वीकार किए जाने के बाद उन्होंने अपने निष्कासन को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है। इस मामले को 3 जनवरी 2024 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

 

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