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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): विपक्षी गठबंधन इंडिया की मंगलवार (19 दिसंबर) को बड़ी बैठक दिल्ली में हुई। इस बैठक के बाद गठबंधन के स्वरूप को लेकर तस्वीर लगभग साफ हो गई। सबसे बड़ी बात प्रधानमंत्री चेहरे को लेकर हुई। सूत्रों के मुताबिक, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने सभी को चौंकाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम विपक्ष के प्रधानमंत्री चेहरे के लिए पेश किया। दिलचस्प बात ये रही कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इसका समर्थन किया।

कांग्रेस अध्यक्ष बोले- 'जीत के बाद करेंगे तय'

हालांकि खड़गे ने अपने इरादे साफ कर दिए और कहा कि पीएम कौन बनेगा, ये बाद में फैसला हो जाएगा। सूत्रों ने बताया कि गठबंधन इंडिया जनवरी के दूसरे हफ्ते में सीट शेयरिंग को लेकर फैसला ले सकता है। कई दलों ने दिसंबर में ही सीट शेयरिंग पर अंतिम फैसला लेने की बात कही। मल्लिकार्जुन खड़गे ने तृणमूल कांग्रेस की चीफ ममता बनर्जी के प्रस्ताव पर कहा कि पहले हमें सीट जीतने पर ध्यान देना चाहिए।

उन्होंने कहा, ''हमारी प्राथमिकता है कि सबसे पहले जीतकर आना है। सांसद नहीं होंगे तो पीएम की क्या बात करना। हम पहले संख्या बढ़ाने के लिए एक साथ लड़कर बहुमत हासिल करने की कोशिश करेंगे। पीएम मोदी को घमंड आ गया है कि मेरे सिवा कोई नहीं है। ऐसे में हम पहले जीतने की कोशिश करेंगे।''

खड़गे ने बताया कि नई दिल्ली के अशोका होटल में हुई चौथी मीटिंग में 28 पार्टियां शामिल हुई। सभी नेताओं ने आगे किस तरीके से गठबंधन का काम चलना चाहिए, इसको लेकर चर्चा की है। उन्होंने आगे कहा कि विपक्षी सांसदों के निलंबन पर हम 22 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करेंगे।

आगे क्या होगा?

खड़गे ने कहा कि आने वाले दिनों में पूरे देश में विपक्षी गठबंधन इंडिया की 8 से 10 मीटिंग होगी। गठबंधन के लोग अगर एक मंच पर नहीं आएगे तो लोगों को कैसे मालूम चलेंगा। ये बहुत अच्छी बात है कि मीटिंग 2 से 3 घंटे तक हुई।

सीट शेयरिंग को लेकर क्या बात हुई?

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सभी लोग मिलकर काम करेंगे और सीट शेयरिंग को लेकर जिस राज्य स्तर पर हमारे लोग हैं, वो एक दूसरे से समझौता तय करेंगे। अगर वहां बात नहीं बनी, तब यहां इंडिया गठबंधन के लोग फैसलर करेंगे। सीट बंटवारे पर राज्य के स्तर पर बात होगी। विवाद की स्थिति में गठबंधन के बड़े नेता दखल देंगे। दिल्ली और पंजाब में भी गठबंधन होगा। समस्या सुलझाई जाएगी।

वहीं समाजवार्दी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी कहा कि सभी दल बहुत जल्दी टिकट बांटकर मैदान में जाने के लिए तैयार हैं। बहुत जल्दी सीटों का बंटवारा होगा। हम सब लोग जनता के बीच में दिखाई देंगे। हम बीजेपी को हराएंगे। यूपी में 80 हराएंगे और बीजेपी देश से हट जाएगी।

साथ ही तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने सीट बंटवारे को लेकर कहा कि हर राज्य में जो बड़ी पार्टी वो ही नेतृत्व करे। वहीं जेएमएम की महुआ माजी ने कहा कि सीट शेयरिंग को लेकर मुख्य बातें हुई। पीएम पद को लेकर भी चर्चा हुई। कुछ लोग चाह रहे थे कि 1 जनवरी से पहले ही सीट शेयरिंग हो जाए ताकि तैयारियों के लिए समय मिल जाए।

कितनी साझा रैली होगी?

सूत्रों ने बताया कि इंडिया गठबंधन आने वालों दिनों में पूरे देश में करीब दस रैलियां करेगी। गठबंधन के प्रमुख नेताओं के पहली बैठक बिहार की राजधानी पटना से शुरू हो सकती है।

पुराने विवादों पर बात

सूत्रों ने बताया कि बैठक में पुराने विवाद पर भी बात हुई। सूत्रों ने कहा कि यह तय हुआ है कि पहले जो हुआ सो हुआ, अब आगे की बात की जाएगी। अब इंडिया अलायंस की बड़ी बैठक के बजाय अलायंस द्वारा बनाई बैक चैनल कमेटी आगे की रणनीति पर काम करेंगी।

क्या यूपी में होगा गठबंधन?

सूत्रों ने बताया कि मीटिंग में शामिल रहे समाजवार्दी पार्टी (सपा) के नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि हम लोग सुन रहे हैं कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी से बात कर रही है, लेकिन हम बसपा के साथ नहीं जाएंगे। रामगोपाल यादव ने ये बात ऐसे समय पर उठाई है जब मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सपा को सीट नहीं मिलने पर अखिलेश यादव और कांग्रेस के बीच बयानबाजी हुई थी।

यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं। ऐसे में इस कारण इस राज्य को विपक्ष के लिए काफी अहम माना जा रहा है।

ईवीएम पर क्या हुई बात?

सूत्रों के मुताबिक गठबंधन ने बैठक में सांसदों के निलंबन और ईवीएम के मुद्दे पर एक प्रस्ताव भी पास किया। प्रस्ताव में कहा गया है कि वीवीपैट को बैलट पेपर समझा जाए, इसको लेकर चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपा जाएगा। बता दें कि विपक्षी गठबंधन इंडिया की इससे पहले तीन बैठकें हो चुकी है।

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