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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): सांसदों के निलंबन पर लोकसभा और राज्यसभा में आज भी हंगामा जारी है। स्पीकर ने कहा है कि आप सदन के अंदर तख्तियां लेकर नहीं आ सकते हैं। चाहे जो भी हो लेकिन संसद नियम से ही चलेगी। सदन में जबरदस्त शोरशराबे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ने एक बार स्थगन के बाद लोकसभा की कार्यवाही के 12:30 बजे तक के लिए स्थगित की दी गई।

दोपहर 12:30 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि आप मर्यादा का लगातार उलंघन किया है। आपने मुझे आप सब को नामित करने के लिए विवश किया है। सदन में हंगामें के बीच संसदीय कार्यमंत्री ने 49 सांसदों के निलंबन का प्रस्ताव पेश किया। जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। उसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक ​के लिए स्थगित कर दी गई। इन सांसदों में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस नेता शशि थरूर और कार्ति चिदंबरम, एनसीपी की सुप्रिया सुले और समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव शामिल हैं। जिन्हें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज कार्यवाही बाधित करने के लिए निलंबित कर दिया है।

इससे इस सत्र में निलंबित सांसदों की कुल संख्या 141 हो गई है, जो अब तक की सबसे अधिक संख्या है। 

मोदी-शाह ने सदन की गरिमा का किया अपमान: खड़गे

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी-शाह ने सदन की गरिमा का अपमान किया है। गंभीर सुरक्षा चूक के बावजूद वो संसद में आकर बयान नहीं देते। उन्होंने कहा, मुझे बहुत दुःख है कि इतिहास में पहली बार इतने सांसदों को ससपेंड किया गया। ये लोकतंत्र की धज्जियाँ उड़ाने जैसा है, सदन की मर्यादा पर गहरी ठेस है।

वहीं, राज्यसभा में सभापति ने विपक्षी सांसदों ने शांत रहकर सदन की कार्यवाही चलने देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि सदस्यों का व्यवहार पूरी तरह नियमों के खिलाफ है। लेकिन विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी जारी रखी। हंगामें के बीच सभापति ने एक बार स्थगन के बाद राज्यसभा की कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित की दी।

मोदी जी पर असुर शक्ति सवार हो गई है: अधीर रंजन चौधरी

18 दिसंबर को दोनों सदनों से 92 सांसदों के निलंबन पर लोकसभा में कांग्रेस के विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि मोदी जी का अहंकार लोग देख रहे हैं। उन पर असुर शक्ति सवार हो गई है। सभी लोगों ने देखा है कि क्या हो गया है। बंगाल में भी हम लोग काफी लड़ाई लड़ रहे हैं। इंडिया अलायंस में क्या होगा ये पार्टी हाईकमान तय करेगा।

'इडिया' गठबंधन के सांसदों की बैठक

संसद का सत्र शुरू होने से पहले सभी विपक्षी पार्टियों के सभी फ्लोर लीडर्स कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के ऑफिस में मिले और उनके साथ आगे की रणनीति पर चर्चा की।

संसद पुस्तकालय भवन में बीजेपी संसदीय दल की बैठक

संसद पुस्तकालय भवन में बीजेपी संसदीय दल की बैठक शुरू। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा मौजूद हैं।

विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों ने लोकसभा से 33 तथा राज्यसभा से 45 विपक्षी सदस्यों के निलंबन को ‘‘तानाशाही’’ भरा कदम करार देते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष को रौंदने के लिए संसद में बुलडोजर चला रही है।

लोकसभा में आसन की अवमानना के आरोप में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी समेत कुल 33 सदस्यों को सोमवार को सदन से निलंबित कर दिया गया। इनमें से 30 सदस्यों को मौजूदा शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए और तीन सदस्यों को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित किया गया है।

राज्यसभा ने सदन की कार्यवाही बाधित करने के लिए विपक्षी दलों के 34 सदस्यों को मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए तथा 11 सदस्यों को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक के लिए निलंबित कर दिया। कुछ दिन पहले ही लोकसभा के 13 सदस्यों और राज्यसभा के एक सदस्य का निलंबन हुआ था।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘सबसे पहले कुछ लोगों ने संसद पर हमला किया। फिर (नरेन्द्र) मोदी सरकार संसद और लोकतंत्र पर हमला कर रही है। निरंकुश मोदी सरकार द्वारा 47 सांसदों को निलंबित करके सभी लोकतांत्रिक मानदंडों को कूड़ेदान में डाला जा रहा है।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘विपक्ष विहीन संसद के साथ मोदी सरकार अब बिना किसी चर्चा के महत्वपूर्ण लंबित कानूनों को पारित कर सकती है, विरोध की आवाज कुचल सकती है।’’ तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी सांसदों के निलंबन पर कहा कि इससे पता चलता है कि बीजेपी डरी हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘क्या आपको लगता है कि दो राज्य जीतने की वजह से वे (बीजेपी) इतने अहंकारी हो गए हैं...वे डरे हुए हैं इसलिए उन्होंने सांसदों को निलंबित कर दिया।’’

निलंबन के बाद अधीर रंजन चौधरी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि इस सरकार में ‘‘तानाशाही’’ चरमसीमा पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा, ‘‘हम लोग चर्चा करना चाहते थे. लेकिन सरकार को लगता है कि बहुमत के बाहुबल का डंडा घुमाकर सबको ठंडा कर देंगे।’’

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘13 दिसंबर को हुई खतरनाक सुरक्षा चूक पर गृह मंत्री से बयान देने की मांग करने की वजह से 14 दिसंबर को ‘इंडिया’ के 13 सांसदों को लोकसभा से निलंबित कर दिया गया था। आज ‘इंडिया’ के 33 और सांसदों को पूरी तरह से वैध मांग करने के लिए लोकसभा से निलंबित कर दिया गया। इनमें कई दलों के सदन के नेता भी हैं।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘तानाशाही का दूसरा नाम मोदीशाह है। यह सिर्फ सांसदों का नहीं लोकतंत्र का निलंबन है।’’ लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता और निलंबित सदस्यों में शामिल गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष को रौंदने के लिए संसद में बुलडोजर चला रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह देश के लोगों के मौलिक अधिकारों को रौंदने की प्रक्रिया है। यह साफ-साफ जाहिर करता है कि सरकार की मंशा सदन चलाने की नहीं है, सिर्फ गृह मंत्री की विफलता को छिपाने की है.’’ कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि संसद अब चर्चा की नहीं, बल्कि निलंबन की जगह बन गई है।

शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘यह तानाशाही का कदम है. हम तानाशाही के खिलाफ लड़ेंगे.’’ निलंबित सांसद और जनता दल (यूनाइटेड) के नेता कौशलेंद्र कुमार ने कहा, ‘‘लोकसभा अध्यक्ष, सरकार और बीजेपी का प्रयास है कि विपक्ष के ज्यादा से ज्यादा लोगों को निलंबित करके विधेयक पारित कर लें। मुझे लगता है कि एकपक्षीय कदम उठाया जा रहा है।’’

राष्ट्रीय जनता दल के नेता मनोज झा ने कहा कि ‘लोकतंत्र के इस काले दौर’ में निलंबन सम्मान की बात है। उन्होंने कहा, ‘‘जो सरकार संसद भवन में सुरक्षा चूक के मामले पर नहीं बोल पा रही है, वह गलवान पर क्या बोलेगी? जो सांसद बचे हुए हैं, उन्हें भी निलंबित कर दीजिए...विपक्ष मुक्त संसद मुबारक हो, मोदी जी।’’

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