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नई दिल्ली: विपक्ष के बढ़ते दबाव के बीच समझा जाता है कि निर्वाचन आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से राजस्थान में दिए गए उस भाषण के खिलाफ दर्ज शिकायतों की पड़ताल शुरू कर दी है। जिसमें उन्होंने दावा किया था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वह लोगों के धन को मुस्लिमों में वितरित करेगी। कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने मोदी द्वारा रविवार को दिए गए भाषण को लेकर आयोग को अलग-अलग शिकायतें दी थीं।

मोदी ने रविवार को दावा किया था कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वह लोगों की संपत्ति को मुसलमानों में वितरित करेगी और उन्होंने अपने इस दावे के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की इस टिप्पणी का हवाला दिया था कि देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यक समुदाय का है। सूत्रों ने बताया कि आयोग ने प्रधानमंत्री के भाषण के खिलाफ शिकायतों की पड़ताल शुरू कर दी है।

कांग्रेस ने आयोग से राजस्थान के बांसवाड़ा में की गई मोदी की ''धन के पुनर्वितरण'' वाली टिप्पणियों के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह करते हुए आरोप लगाया कि ये टिप्पणियां 'विभाजनकारी' तथा 'दुर्भावनापूर्ण' हैं।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट को लेकर बुधवार को हुई सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि हम संदेह के आधार पर आदेश जारी नहीं कर सकते हैं। अदालत चुनाव की नियंत्रण अथॉरिटी नहीं है। आपको बता दें कि अदालत ने ईवीएम के मुद्दे पर दो बार दखल दिया है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि हमारे कुछ सवाल थे। जिनके जवाब दे दिए गए हैं। अभी हमने फैसला सुरक्षित रखा है। कोर्ट ने वीवीपैट को लेकर कहा कि अभी तक गड़बड़ी की एक भी रिपोर्ट सामने नहीं आई है। हम साथ में ये भी देख रहे हैं कि क्या ज्यादा वीवीपैट के मिलान का आदेश दिया जा सकता है।

"चुनाव आयोग को कंट्रोल नहीं कर सकते": सुप्रीम कोर्ट

सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपांकर दत्ता ने प्रशांत भूषण से कहा कि क्या हम संदेह के आधार पर कोई आदेश जारी कर सकते हैं? जिस रिपोर्ट पर आप भरोसा कर रहे हैं, उसमें कहा गया है कि अभी तक हैकिंग की कोई घटना नहीं हुई है। हम किसी दूसरे संवैधानिक अथॉरिटी को नियंत्रित नहीं करते है। हम चुनावों को नियंत्रित नहीं कर सकते।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): देश के गृह मंत्री गृह मंत्री अमित शाह ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के बयान की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सैम के बयान से कांग्रेस की असली मानसिकता सामने आ गई है। अमित शाह ने कहा, "सैम पित्रोदा की टिप्पणी के बाद कांग्रेस पूरी तरह बेनकाब हो गई है। सबसे पहले उनके घोषणापत्र में 'सर्वेक्षण' का जिक्र, मनमोहन सिंह का पुराना बयान जो कांग्रेस की विरासत है, वह यह कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का है और अब सैम पित्रोदा की अमेरिका का हवाला देते हुए टिप्पणी कि पैसे के बंटवारे पर विचार-विमर्श होना चाहिए। इससे कांग्रेस की मानसिकता का पता चलता है।

"कांग्रेस का मकसद देश के सामने आ गया": अमित शाह 

अमित शाह ने कहा कि अब जब पीएम मोदी ने यह मुद्दा उठाया, तो राहुल गांधी, सोनिया गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी इस बात पर बैकफुट पर आ गई है। वह कह रहे हैं उनका मकसद यह कभी नहीं था। देश के गृह मंत्री ने कहा कि आज सैम पित्रोदा के बयान से देश के सामने कांग्रेस का मकसद साफ हो गया है।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): भारत में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं। ऐसे में राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर बना हुआ है। जहां कांग्रेस देश की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के अमीरों के हित वाली पार्टी होने का आरोप लगाती रहती है। वहीं, भाजपा भी कांग्रेस पर परिवारवाद को लेकर निशाना साधती रहती है। इस बीच, इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने कुछ ऐसा बयान दे दिया है जिसने भारत की राजनीति में हलचल मचा दी है।

यूएस में लगता है विरासत टैक्स, भारत में भी होना चाहिए: पित्रोदा

सैम पित्रोदा ने कहा, 'अमेरिका में विरासत कर (टैक्स) लगता है। अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45 फीसदी अपने बच्चों को दे सकता है। 55 फीसदी सरकार द्वारा हड़प लिया जाता है। यह एक दिलचस्प नियम है। यह कहता है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब आप जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए। हालांकि पूरी नहीं, आधी ही। ये जो निष्पक्ष कानून है मुझे अच्छा लगता है।'

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