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नई दिल्ली: वक्फ बोर्ड की शक्तियों की सीमित करने के उद्देश्य से लाए गए वक्फ संशोधन बिल को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया है। इसे लेकर जेपीसी की अब तक चार बैठकें हो चुकी हैं। इस दौरान जेपीसी की ओर से आम जनता से वक्फ संशोधन बिल को लेकर उनके सुझाव मांगे गए थे।

इस मामले में जेपीसी के सामने अब तक करीब 84 लाख सुझाव ईमेल के जरिए आ चुके हैं। इसके साथ ही लगभग 70 बॉक्स लिखित सुझावों से भरे हुए भी संयुक्त संसदीय समिति के पास आए हैं। गौरतलब है कि जेपीसी ने सुझाव देने की आखिरी तारीख 16 सितंबर रात 12 बजे तक के लिए बढ़ा दी थी।

संयुक्त संसदीय समिति की अगली बैठक 19 और 20 सितंबर को होगी। 19 सितंबर को पटना लॉ कालेज के वीसी के साथ ही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के अधिकारी को बुलाया गया है।

26 से 1 अक्टूबर के बीच देश के 6 बड़े शहरों में जेपीसी के सदस्य जाएंगे और वहां के संभ्रांत लोगों और मुस्लिम संगठनों से राय लेंगे। जेपीसी के सदस्य मुंबई, अहमदाबाद, हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु शहरों में जाएंगे।

नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की जमानत पर प्रतिक्रिया दी है। अखिलेश ने लिखा- दिल्ली के लोकप्रिय व जन कल्याणकारी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत ‘संविधान की जीत’ है। संविधान विरोधी ही संविधान का दुरुपयोग करते हैं। न्याय के दरवाज़े पर दी गयी दस्तक हमेशा सुनी जाती है। दुनिया अब तक इसी परंपरा पर आगे बढ़ी है और आगे भी बढ़ती रहेगी।

बता दें सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि अपीलकर्ता की गिरफ्तारी अवैध नहीं थी और जांच के उद्देश्य से किसी ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार करने में कोई बाधा प्रतीत नहीं होती, जो पहले से ही किसी अन्य मामले में हिरासत में हो।

उधर, आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति 'घोटाले' से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में जमानत मिलने पर सुप्रीम कोर्ट का आभार जताया और इसे 'सच्चाई की जीत' करार दिया।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर से संपत्ति को ध्वस्त करने की कार्रवाई पर सख्त टिप्पणी की है। शीर्ष अदालत में तीन जजों की पीठ ने गुजरात के नागरिक निकाय को यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश भी दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने आपराधिक मामले में आरोपी के घर को बुलडोजर से गिराने की धमकी नहीं देने का आदेश दिया। अदालत ने साफ किया कि अपराध में आरोपी की कथित संलिप्तता संपत्ति को ध्वस्त करने का कोई आधार नहीं माना जा सकता।

न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय, जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा, इस देश में कानून का शासन है। राज्य सरकार की कानूनी कार्रवाई भी संविधान के दायरे में होती है। ऐसे में अगर परिवार का एक सदस्य गलत करता है तो संपत्ति ध्वस्त करने जैसी कार्रवाई कर अन्य सदस्यों या पूरे परिवार को आपराधिक कृत्यों की सजा नहीं दे सकते। शीर्ष अदालत ने साफ किया कि संपत्ति विध्वंस की धमकियां कानून के शासन वाले राज्य और देश में कल्पना से परे है। अदालत ने कहा कि वह ऐसी कार्रवाइयों से बेखबर नहीं रह सकती, जिन्हें 'देश के कानूनों पर बुलडोजर चलाने' के रूप में देखा जा सकता हो।

नई दिल्ली: सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी का गुरुवार को दिल्ली एम्स में निधन हो गया। उन्होंने 72 साल की उम्र में आखिरी सांस ली।

19 अगस्त को एम्स दिल्ली में एडमिट किए गए थे येचुरी

सीताराम येचुरी को नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में रेस्पिरेटरी सपोर्ट पर रखा गया था। सीतारमण येचुरी को 19 अगस्त में सीने में संक्रमण के बाद एम्स में भर्ती कराया गया था। हालत बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर भी रखा गया। इससे पहले मंगलवार को सीपीआई-एम ने बयान जारी कर कहा था, येचुरी को आईसीयू में रखा गया है, जहां उनका श्वसन तंत्र में संक्रमण का इलाज चल रहा है।

1974 में की थी राजनीति की शुरुआत

येचुरी ने 2015 में प्रकाश करात की जगह सीपीएम महासचिव का पद संभाला था। येचुरी ने 1974 में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया से जुड़कर छात्र राजनीति की शुरुआत की थी। इसके कुछ दिन बाद वे सीपीआई एम के सदस्य बन गए। बतौर छात्र नेता उन्होंने इमरजेंसी का विरोध किया था। इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा था।

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