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नर्ई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): संसद के शीतकालीन सत्र में बुधवार (6 दिसंबर) को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से पंडित जवाहरलाल नेहरू को लेकर दिए गए बयान पर लोकसभा में नोंक-झोंक देखने को मिली। वहीं, गृह मंत्री शाह के बयान पर कांग्रेस सदस्यों की ओर से सदन में हंगामा देखने को मिला।

गृह मंत्री अमित शाह ‘जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023’ और ‘जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023’ पर लोकसभा में हुई चर्चा का जबाव दे रहे थे। उन्होंने सदन में पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) का जिक्र करते हुए जम्मू-कश्मीर के संबंध में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू की दो 'गलतियां' याद दिलाई।

शाह ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया:अधीर रंजन चौधरी

पीओके पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर एतराज जताते हुए कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ''अमित शाह तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करते हैं, वह अपने हिसाब से बयान देते हैं, जबकि उस समय स्थिति ऐसी थी कि पंडित नेहरू ने वह फैसला लिया था।''

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि पर बुधवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान पीएम मोदी ने और कहा कि वह न सिर्फ संविधान के शिल्पकार थे बल्कि शोषितों और वंचितों के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले सामाजिक समरसता के अमर पुरोधा भी थे।

पीएम मोदी ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘पूज्य बाबासाहेब भारतीय संविधान के शिल्पकार होने के साथ-साथ सामाजिक समरसता के अमर पुरोधा थे, जिन्होंने शोषितों और वंचितों के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। आज उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें मेरा सादर नमन।' बता दें कि बाबासाहेब आंबेडकर का निधन छह दिसंबर 1956 को नई दिल्ली में हुआ था।

पीएम मोदी बबा साहेब को श्रद्धांजलि अर्पित करने संसद भवन पहुंचे थे। इस दौरान उनके साथ राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला समेत कई अन्य नेता मौजूद रहे।

नई दिल्ली: मध्यप्रदेश चुनाव नतीजों को रद्द करने की मांग को लेकर प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) को एक वकील ने पत्र याचिका भेजा है। पत्र याचिका में कहा गया है कि वोटिंग के दौरान विभिन्न तरह की 15,000 अनियमितता की शिकायतें चुनाव आयोग से की गई थीं। चुनाव आयोग को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) टेंपरिंग, सीसीटीवी बंद हो जाने व अन्य प्रकार की शिकायतें दी गई थीं। ये 15,000 शिकायतें चुनाव आयोग के पोर्टल पर भी मौजूद हैं। पत्र याचिका में आरोप लगाया गया है कि चुनाव आयोग ने इन शिकायतों पर फैसला लिए बिना ही प्रत्याशियों को सर्टिफिकेट जारी किया है। ये पत्र याचिका वकील नरेन्द्र मिश्रा ने दाखिल की है।

बता दें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा में 163 सीट जीत दर्ज कर दो-तिहाई बहुमत हासिल किया, जबकि कांग्रेस 66 सीट पर सिमट गई है। हाल में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में हिंदी पट्टी के तीन राज्यों- राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़- में बीजेपी को मिली जीत के बाद कई विपक्षी नेताओं ने ईवीएम को लेकर सवाल उठाए थे।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): तेलंगाना में कांग्रेस को भारी जीत दिलाने वाले रेवंत रेड्डी को मंगलवार शाम औपचारिक रूप से कांग्रेस विधायक दल का नेता चुन लिया गया। इससे पहले दिल्ली में हुई कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगी थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शपथ समारोह गुरुवार को होगा। रेवंत रेड्डी के नाम का एलान होते ही सीएम पद को लेकर चल रहे तमाम अटकलों पर विराम लग गया।

तेलंगाना विधानसभा चुनाव के पूरे कैंपेन और जीत के बाद साफ हो गया था कि तेलंगाना कांग्रेस प्रमुख रेवंत रेड्डी ही सीएम फेस हैं। रेवंत रेड्डी तेलंगाना में कांग्रेस के इलेक्शन कैंपेन का चेहरा और आवाज थे। उन्हें राहुल और प्रियंका गांधी का समर्थन भी था। ऐसे में वो अघोषित रूप से सीएम कैंडिडेट थे।

रेवंत रेड्डी ने अपने करीबियों को उम्मीदवार बनाने में कड़ी मेहनत की थी। वह अच्छी तरह जानते थे कि अगर उनके पास पर्याप्त संख्याबल नहीं है, तो उन्हें अपनी ही पार्टी में कोई मौका नहीं मिलेगा। अब उनके समर्थकों का कहना है कि रेवंत रेड्डी के पास करीब 42 विधायक हैं।

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