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नई दिल्ली: मध्यप्रदेश चुनाव नतीजों को रद्द करने की मांग को लेकर प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) को एक वकील ने पत्र याचिका भेजा है। पत्र याचिका में कहा गया है कि वोटिंग के दौरान विभिन्न तरह की 15,000 अनियमितता की शिकायतें चुनाव आयोग से की गई थीं। चुनाव आयोग को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) टेंपरिंग, सीसीटीवी बंद हो जाने व अन्य प्रकार की शिकायतें दी गई थीं। ये 15,000 शिकायतें चुनाव आयोग के पोर्टल पर भी मौजूद हैं। पत्र याचिका में आरोप लगाया गया है कि चुनाव आयोग ने इन शिकायतों पर फैसला लिए बिना ही प्रत्याशियों को सर्टिफिकेट जारी किया है। ये पत्र याचिका वकील नरेन्द्र मिश्रा ने दाखिल की है।

बता दें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा में 163 सीट जीत दर्ज कर दो-तिहाई बहुमत हासिल किया, जबकि कांग्रेस 66 सीट पर सिमट गई है। हाल में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में हिंदी पट्टी के तीन राज्यों- राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़- में बीजेपी को मिली जीत के बाद कई विपक्षी नेताओं ने ईवीएम को लेकर सवाल उठाए थे।

कुछ ने हालांकि कहा कि उन्हें ईवीएम पर भरोसा है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जब भी वे चुनाव जीतने में असफल होते हैं, तो वे ईवीएम को दोष देते हैं।

उन्होंने कहा, “नया कुछ भी नहीं है। विपक्ष, चाहे कोई भी हो, जब जीतता है तो उसे ईवीएम से कोई परेशानी नहीं होती, लेकिन जब हारता है, तो इसका ठीकरा ईवीएम पर फोड़ता है।

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