नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा सोमवार को संसद में एक हैंडबैग के साथ पहुंचीं, जिस पर "फिलिस्तीन" लिखा हुआ था। यह कदम फिलिस्तीनी लोगों के समर्थन और एकजुटता प्रदर्शित करने के रूप में देखा जा रहा है। प्रियंका के इस प्रतीकात्मक कदम पर पाकिस्तान में भी चर्चा शुरू हो गई है।
पाकिस्तानी सांसद ने कहा- हमारे सांसदों में ऐसी हिम्मत नहीं
फिलिस्तीन बैग से जुड़े मामले पर पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद हसन चौधरी ने प्रियंका गांधी की तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर साझा की। उन्होंने लिखा कि जवाहरलाल नेहरू जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी की पोती से हम और क्या उम्मीद कर सकते हैं? बौनों के बीच प्रियंका गांधी तनकर खड़ी हैं। यह शर्म की बात है कि आज तक किसी पाकिस्तानी संसद सदस्य ने ऐसा साहस नहीं दिखाया है।
प्रियंका गांधी के हैंडबैग में "फिलिस्तीन" शब्द के साथ तरबूज का चित्र भी था। तरबूज फिलिस्तीनी एकजुटता का प्रतीक माना जाता है और इसे फिलिस्तीनी संस्कृति का हिस्सा बताया जाता है।
फिलिस्तीन के समर्थन में अक्सर तरबूज की इमेज और इमोजी का उपयोग होता है।
गाजा संघर्ष पर प्रियंका गांधी का रुख
प्रियंका गांधी लंबे समय से गाजा में इजरायल की कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाती रही हैं। अक्टूबर में जब हमास और इजरायल के बीच युद्ध को एक साल पूरा हुआ था, प्रियंका ने इजरायल पर अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन और "नरसंहारकारी" हिंसा का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि 7,000 लोगों की हत्या के बावजूद हिंसा का सिलसिला नहीं रुका। इनमें 3,000 मासूम बच्चे भी शामिल हैं।
बीजेपी का हमला, कहा- ये 'तुष्टीकरण की राजनीति'
प्रियंका गांधी के इस कदम पर बीजेपी ने निशाना साधा है। बीजेपी नेता और सांसद संबित पात्रा ने कहा कि गांधी परिवार हमेशा से तुष्टीकरण का बैग ढोता रहा है। चुनावों में उनकी हार का कारण यही तुष्टीकरण की राजनीति है।"
प्रियंका गांधी और फिलिस्तीन के मुद्दे
वायनाड में चुनाव प्रचार के दौरान प्रियंका गांधी ने फिलिस्तीन का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। जून में प्रियंका ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की आलोचना की थी और गाजा में इजरायली कार्रवाई को "नरसंहार" करार दिया था। हाल ही में फिलिस्तीन दूतावास के प्रभारी अबेद एलराज़ेग अबू जाजर ने प्रियंका गांधी से मुलाकात कर उनकी चुनावी जीत पर बधाई दी थी।