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नई दिल्ली: भारत और फ्रांस के बीच राफेल लड़ाकू विमान समेत 13 समझौते किए गए है। इस सिलसिले में भारत और फ्रांस के बीच एमओयू साइन किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत और फ्रांस के बीच राफेल डील को लेकर सहमति बन गई है। राफेल डील के आर्थिक पहलुओं को छोड़कर बाकी मुद्दों पर दोनों देश सहमत हो गए हैं। सौर उर्जा, न्यूकिल्यर पावर और पर्यावरण को लेकर भी दोनों देशों के बीच समझौता हुआ है। हैदराबाद हाउस में पीएम नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद की शिखर बैठक लगभग दो घंटे चली। इसके बाद दोनों ने संयुक्त बयान जारी किया। भारत और फ्रांस ने आज 36 फ्रांसिसी लड़ाकू विमान ‘राफेल’ की ब्रिकी के संबंध में अंतर सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किये लेकिन इससे जुड़े कुछ वित्तीय आयामों के चलते अंतिम समझौते पर हस्ताक्षर नहीं हो सका ।

हालांकि उम्मीद है कि कुछ दिनों के भीतर इस मामले को सुलझा लिया जायेगा । दोनों देशों के बीच हुए 14 समझौतों में राफेल का समझौता शामिल है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत की यात्रा पर आए फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बीच व्यापक एवं गहन विचार विमर्श के बाद ये समझौते हुए । इनमें आतंकवाद निरोधी, सुरक्षा एवं असैन्य परमाणु उर्जा में सहयोग को प्रमुखता दी गई है। ओलांद के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में मोदी ने कहा, ‘ वित्तीय आयामों को छोड़ते हुए भारत और फ्रांस ने 36 लड़ाकू राफेल विमानों की खरीद के अंतर सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। हमें उम्मीद है कि राफेल की खरीद से जुड़े वित्तीय आयामों को भी जितना जल्दी संभव होगा, सुलझा लिया जायेगा ।’ आईजीए पर हस्ताक्षर को एक ‘निर्णायक’ कदम बताते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि कुछ वित्तीय मुद्दे हैं जिन्हें ‘कुछ दिनों के भीतर’ सुलझा लिया जायेगा । मोदी की अप्रैल में फ्रांस यात्रा के दौरान इस सौदे की घोषणा के बाद से ही दोनों देश उड़ान भरने की स्थिति वाले 36 लाड़ाकू राफेल विमानों की खरीद को लेकर आपस में बातचीत कर रहे थे । राफेल सौदे को लेकर हालांकि अंतिम समझौता होना अभी बाकी है क्योंकि दोनों पक्ष अभी भी इसकी कीमत को लेकर बातचीत कर रहे हैं । इसकी अनुमानित लागत 60 हजार करोड़ रूपये के लगभग होगी । फ्रांस का एक उच्च स्तरीय दल यहां आया हुआ है और वह अंतिम क्षणों की वार्ता कर रहा है। रक्षा सहयोग के अलावा दोनों नेताओं की बातचीत पिछले नवंबर में पेरिस में और इस महीने पठानकोट में हुए आतंकी हमलों की पृष्ठभूमि में आतंकवाद निरोधी सहयोग पर केंद्रित रही । मोदी ने कहा, ‘ पेरिस से पठानकोट तक हमने साझा चुनौती वाले आतंकवाद के भयानक चेहरे को देखा है.. मैं ऐसे आतंकी हमलों के विरूद्ध आपके मजबूत संकल्प और कार्रवाई की सराहना करता हूं । राष्ट्रपति ओलांद और मैं हमारे आतंकवाद निरोधी सहयोग को नई उंचाइयों पर ले जाने को सहमत हुए हैं जिससे कि हमारे समाज में कट्टरपंथ और आतंकवाद के खतरों से निपटने में मदद मिल सके । ’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ हमारा यह भी मानना है कि वैश्विक समुदाय को आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह प्रदान करने और उन्हें वित्तीय मदद, प्रशिक्षण और आधारभूत संरचना सहयोग देने वालों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने की जरूरत है। ’ बातचीत के बाद जारी संयुक्त बयान में दोनों देशों ने पाकिस्तान से यह अपील दोहरायी कि वह नवंबर 2008 के मुम्बई आतंकी हमलों के षडयंत्रकारियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करे । उस हमले में फ्रांस के दो नागरिक भी मारे गए थे । इसमें यह भी कहा गया कि पाकिस्तान भविष्य में ऐसे हमले नहीं होने देना सुनिश्चित करे।

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