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चंडीगढ़: निवेशकों की चिंता दूर करने की कोशिश करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को घोषणा की कि देश में पिछली तिथि से कराधान की विवादास्पद व्यवस्था अब बीते जमाने की बात हो गई है और भारत में यह अध्याय अब दुबारा नहीं खोला जाएगा क्योंकि उनकी सरकार पूर्वानमेय कर व्यवस्था कर रही है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि फ्रांस भारत में एक अरब डॉलर सालाना का निवेश तत्काल शुरू करेगा जिसे बाद में बढ़ाया जाएगा। दोनों पक्षों ने भारत में हेलीकॉप्टरों के निर्माण सहित 16 सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए। फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद की उपस्थित में दोनों देशों के प्रमुख उद्योगपतियों और कंपनी अधिकारियों को संबोधित कर रहे मोदी ने कहा कि उनकी सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि विदेशी निवेशक भारत में आगामी 15 साल तक की टैक्स प्रणाली को लेकर स्पष्ट रहें।

उन्होंने कहा, मैं स्थिर व्यवस्था व भरोसेमंद काराधान प्रणाली के पक्ष में हूं। सरकार यह भरोसा सुनिश्चित करने के लिए अनेक कदम उठा रही है। यह सरकार स्थिर व पूर्वानमेय कर प्रणाली के लिए जानी जाती है। इस संदर्भ में उन्होंने 2012 में आयकर कानून में संशोधन के जरिए लागू की गई पिछली तारीख से कर व्यवस्था का संदर्भ दिया। उसके कारण विशेषकर विदेशी निवेशकों में काफी बेचैनी देखने को मिली और इसके खिलाफ बहुत शोर हुआ। मोदी ने भारत-फ्रांस व्यापार शिखर सम्मेलन में कहा, पिछली तारीख से कराधान बीती बात हो गई। वह अध्याय अब दुबारा नहीं खुलेगा। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि उस अध्याय को न तो यह सरकार और न ही भावी सरकारें खोल सकें। मोदी ने कहा, जो भी देश में निवेश कर रहा है उसे अगले पांच साल, 10 साल, 15 साल की कराधान प्रणाली की जानकारी होनी चाहिए। आईटी कानून में संशोधन ब्रिटिश दूरसंचार कंपनी वोडाफोन की कर देयता के मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले को अप्रभावी करने के लिए लाया गया जो कि करीब 11,000 करोड़ रूपये की थी। फ्रांस के राष्ट्रपति ओलांद ने अपनी तीन दिवसीय भारत यात्रा की शुरुआत आज यहां से की। उनके साथ फ्रांसीसी कंपनियों के कार्याधिकारियों (सीईओ) का बड़ा प्रतिनिधि मंडल आया है। ओलांद के साथ सीईओ की द्विपक्षीय फोरम में हिस्सा लेने वाले मोदी ने कहा कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने उन्हें बताया है कि उनका देश भारत में तत्काल एक अरब डॉलर सालाना का निवेश करेगा और बाद में यह राशि बढ़ा दी जाएगी। ओलोंद ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में फ्रांस को पूरा भरोसा है और दोनों देश सौर उर्जा, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, परिवहन, सड़क, अंतरिक्ष उद्योग, स्वास्थ्य, कृषि और परमाणु उर्जा के क्षेत्र में साथ काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं उनका कार्यान्वयन किया जाना चाहिए और उन्हें हकीकत का रूप दिया जाना चाहिए। स्थिर प्रशासन और पूर्वानुमेय कर व्यवस्था का वादा करते हुए मोदी ने कहा कि 400 से अधिक फ्रांसीसी कंपनियां पहले ही भारत में हैं और उनसे जुड़ी 1000 से अधिक फर्में भी कार्य कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, फ्रांस का बड़ा निवेश भारत में हैं। भारत और फ्रांस संयुक्त रूप से कई बड़े काम कर रहे हैं। उनके अनुभव बहुत सकारात्मक हैं। भारत को उसकी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के कारण पूरी दुनिया के लिए उम्मीद और विश्वास का एक स्रोत बताते हुए मोदी ने फ्रांसीसी कंपनियों, विशेषकर रक्षा क्षेत्र की फ्रांसीसी कंपनियों को भारत में विनिर्माण के लिए न्योता दिया और कहा कि वे यहां कम लागत का फायदा उठाए। मोदी के अनुसार भारत उन्हें व्यापार की बड़े अवसरों की पेशकश करता है। प्रधानमंत्री ने कहा, भारत रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में उतरना चाहता है.. मैं यहां मौजूद फ्रांसीसी कंपनियों विशेष रक्षा विनिर्माण क्षेत्र की कंपनियों को आश्वस्त करना चाहूंगा कि हम रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में काफी कुछ कर सकते हैं। मोदी ने कहा कि फ्रांस ने नागपुर, पुडुचेरी और चंडीगढ़ में स्मार्ट सिटी परियोजना में योगदान करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, हम जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए काम कर रहे हैं। हम अच्छे प्रशासन की दिशा में काम कर रहे हैं। ये दो पहले हैं जिनकी ओर सारी दुनिया आकर्षित हुई है। उन्होंने कहा कि भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 40 प्रतिशत बढोतरी हुई है और उसने खुद को विदेशी पूंजी के लिए महत्वपूर्ण गंतव्य के रूप में स्थापित किया है। मोदी ने कहा कि उनकी सरकार के कार्यभार संभालने के बाद थोड़े से ही समय में व्यापार सुगमता की रैंकिंग में भारत 12 पायदान ऊपर चढ़ा है। उन्होंने कहा, थोड़े से ही समय में एफडीआई में 40 प्रतिशत बढोतरी इस बात का सबूत है कि दुनिया ने महत्वपूर्ण गंतव्य के रूप में भारत को पहचाना है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत व फ्रांस के बीच विभिन्न क्षेत्रों में काम करने के अवसर हैं। उन्होंने कहा, यह एक दूजे के लिए बने जैसा है। आप (फ्रांस) के पास जो है वह हमारी जरूरत है और जो आपको चाहिए वह बाजार हमारे पास है। प्रधानमंत्री ने देश के बुनियादी ढांचे, रेल नेटवर्क व नवोन्मेष में सुधार के लिए फ्रांस की मदद चाही। मोदी ने कहा, हमारे विकास मॉडल को फ्रांस की विशेषज्ञता की जरूरत है। हमें बुनियादी ढांचे, रेल, समुद्री व जलमार्ग के क्षेत्र में आगे बढना है। उन्होंने कहा कि भारत वायुमंडल का तापमान बढ़ने की चुनौती से निपटने की वैश्विक लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहता है। मोदी ने कहा, हम कार्बन उत्सर्जन (फुटप्रिंट) घटाना चाहते हैं और जलमार्ग की ओर बढना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार रेलवे को डीजल से इलेक्ट्रिक मॉडल पर ले जाने की प्रक्रिया में है। मोदी ने कहा, हम अपने रेल बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाना चाहते हैं। हम 50 मेट्रो स्टेशनों के लिए बुनियादी ढांचा खड़ा करना चाहते हैं और फ्रांस में यह करने की क्षमता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नवोन्मेष फ्रांस की सबसे बड़ी ताकत है। मोदी ने कहा कि भारत व फ्रांस दोनों इस क्षेत्र में मिलकर काम कर सकते हैं। रक्षा को महत्वपूर्ण विषय बताते हुए उन्होंने कहा, यह अब केवल युद्ध क्षेत्र से जुड़ा नहीं है। अब यह साइबर सुरक्षा का मुद्दा बन गया है जो कि बहुत महत्वपूर्ण है। एक कमरे में बैठा हुआ बारहवीं कक्षा का एक छात्र भी अब कहीं भी समस्या खड़ी कर सकता है। भारत में आईटी के क्षेत्र में युवा प्रतिभाएं हैं और फ्रांस के पास निर्माण की क्षमता है। उन्होंने यह भी कहा कि फ्रांस का चंडीगढ़ के साथ एक अटूट रिश्ता है क्योंकि इस शहर की डिजाइन एक फ्रांसीसी वास्तुविद ली कार्बूजियर ने तैयार की थी।

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