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रियो डि जेनेरियो: रियो ओलंपिक में पहलवान योगेश्वर दत्त आज (रविवार) पुरुषों के 65 किलोग्राम वर्ग फ्रीस्टाइल कुश्ती के शुरुआती दौर में मंगोलिया के एम गंजोरिग से हार गए। योगेश्वर पर देश भर की निगाहें लगी हुई हैं। योगेश्वर 65 किलोग्राम भार वर्ग के फ्रीस्टाइल में भाग ले रहे हैं। योगेश्वर ने लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। देश को उम्मीद थी कि योगेश्वर इस बार स्वर्ण पदक जीतेंगे। आज रियो ओलंपिक का आखिरी दिन है। गौरतलब है कि भारत को अब तक रियो ओलंपिक में एक रजत और एक कांस्य पदक मिला है। लंदन ओलंपिक के मुकाबले भारत ने इस बार खराब प्रदर्शन किया है। देश भर में योगेश्वर की जीत के लिए जगह जगह हवन किया गया। पूरे देश में योगेश्वर की जीत के लिए दुआएं मांगी गईं। रियो ओलंपिक अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है लेकिन भारत के हिस्से अभी तक गोल्ड मेडल नहीं आया है। योगेश्वर के पैतृक गांव भैंसवाल कला में हवन किया गया जिसमें उनकी जीत की दुआ मांगी गई। ग्रामीणों ने कहा योगेश्वर सबसे मजबूत है। पूरे देश की दुआ उनके साथ है। गांव के लोगो ने कहा कि बड़ी स्क्रीन लगा कर उनके मैच देखेंगे और उनकी जीत के बाद गांव में दिवाली से पहले ही दिवाली मनाई जाएगी।

पोर्ट ऑफ स्पेन: भारत और वेस्टइंडीज के बीच चौथे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट के तीसरे दिन बारिश और मैदान गीला होने के कारण एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी। मैच में तीन दिन के दौरान अब तक सिर्फ 22 ओवर का खेल हो पाया है जिसमें वेस्टइंडीज ने दो विकेट पर 62 रन बनाए। कल भी बारिश के कारण एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी थी। इस तरह यह मैच ड्रा की ओर बढ़ रहा है जिससे भारतीय टीम अपनी शीर्ष टेस्ट रैंकिंग गंवा देगी और दूसरे स्थान पर काबिज पाकिस्तान पहली बार दुनिया की नंबर एक टीम बन जाएगी। अंपायरों ने मैदान को खेलने के लिए अनुपयुक्त पाया जिसके बाद दिन का खेल रद्द कर दिया गया। भारत ने पहले दिन लियोन जानसन (9) और डेरेन ब्रावो (10) को पवेलियन भेजा था जिसके बाद बारिश के कारण खेल रोकना पड़ा। क्रेग ब्रेथवेट 32 जबकि मार्लन सैमुअल्स चार रन बनाकर खेल रहे थे।

नई दिल्ली: विशेषज्ञ भले ही प्रोदुनोवा को ‘वॉल्ट ऑफ डेथ’ मानते हों लेकिन दीपा कर्माकर ऐसा नहीं मानतीं और उनका कहना है कि वह इस जानलेवा वॉल्ट से जुड़े खतरों के बावजूद इसे करती रहेंगी। ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय जिम्नास्ट दीपा उम्मीदों से बेहतर प्रदर्शन करते हुए रियो ओलंपिक के वॉल्ट फाइनल में पहुंची और पदक से मामूली अंतर से चूकते हुए चौथे स्थान पर रहीं। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ जिम्नास्ट ‘वॉल्ट ऑफ डेथ’ के नाम से मशहूर प्रोदुनोवा वॉल्ट करने से बचते हैं लेकिन दीपा इसका अपवाद हैं। उन्होंने रियो से यहां लौटने पर हुए अपने शानदार स्वागत के बाद कहा, ‘मैं प्रोदुनोवा करती रहूंगी, मैं इस समय किसी दूसरे वाल्ट के बारे में नहीं सोच रही। मुझे नहीं लगता कि यह एक जानलेवा वॉल्ट है, अगर हम अभ्यास करें तो सबकुछ आसान हो जाता है, मेरे कोच ने मुझसे खूब अभ्यास कराया।’ त्रिपुरा की खिलाड़ी के कोच बिश्वेश्वर नंदी ने कहा, ‘सब में जोखिम है, अगर आप सही से अभ्यास करें तो वह आसान बन जाता है। मैंने दीपा को इस वॉल्ट का खूब अभ्यास कराया और इस तरह प्रोदुनोवा उसके लिए आसान बन गया।’ जिम्नास्ट खिलाड़ी ने फाइनल के अपने अनुभव को याद करते हुए कहा कि प्रोदुनोवा के कारण दर्शकों ने उनके लिए खूब तालियां बजायीं। उन्होंने कहा, ‘मैं अपने वॉल्ट के लिए ओलंपिक में मशहूर हो गयीं, कुछ ने मुझे ‘प्रोदुनोवा गर्ल’ कहा तो दूसरों ने ‘दीपा प्रोदुनोवा’, फाइनल में बहुत सारे लोग मेरे लिए तालियां बजा रहे थे।

रियो डि जिनेरियो: उसेन बोल्ट ने चार गुणा 400 मीटर में स्वर्ण पदक जीतकर रियो ओलंपिक खेलों में भी अजेय रहकर विदाई ली और इसके साथ खेल महाकुंभ में अपने ओवर ऑल स्वर्ण पदकों की संख्या नौ पर पहुंचा दी। इससे पहले 100 और 200 मीटर के स्वर्ण पदक जीतने वाले बोल्ट ने जमैका की तरफ से सबसे आखिर में दौड़ लगायी और फिर टीम को सोने का तमगा दिलाया। जमैका की टीम ने 37.27 सेकेंड में यह रेस पूरी की। जापान ने उससे दशमलम 33 सेकेंड पीछे रहा और उसे रजत पदक मिला। अमेरिका तीसरे स्थान पर रहा लेकिन माइक रोजर्स ने जस्टिन गैटलिन को सही स्थान पर बैटन नहीं थमायी जिसके कारण उसकी टीम को डिसक्वालीफाई कर दिया गया और इससे कनाडा को कांस्य पदक मिल गया। जमैका के लिये तो आज फिर पार्टी का दिन था। बोल्ट का ओलंपिक फाइनल का रिकॉर्ड अब इस तरह से है। नौ रेस, नौ जीत। इससे पहले कभी किसी ने ऐसा नहीं किया और आगे कोई ऐसा दिखता भी नहीं है जो ऐसा कर सके। बोल्ट के साथ ट्रैक पर उनकी आखिरी स्पर्धा में साथ देने के लिये निकेल एशमीडे, योहान ब्लैक और पूर्व विश्व रिकॉर्ड धारक असाफा पावेल उतरे थे। बोल्ट ने आखिरी दौड़ के लिये एशमीडे से बैटन ली और फिर ऐसी दौड़ लगायी कि जापान के असाका कैम्ब्रिज अैर अमेरिका के ट्रेवोन ब्रोमेल पीछे छूट गये।

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