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राजकोट: भारतीय टीम आगामी हफ्ते में जब इंग्लैंड के खिलाफ शुरूआती टेस्ट के लिये यहां मैदान में उतरेगी तो इसमें अंपायरों की निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) पहली बार ट्रायल आधार पर इस्तेमाल की जायेगी। बीसीसीआई हालांकि लंबे समय तक इस प्रणाली का विरोध करता रहा था। भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की सीरीज का पहला टेस्ट मैच नौ नवंबर से शुरू होगा और सौराष्ट्र क्रिकेट संघ :एससीए: इसकी मेजबानी एससीए स्टेडियम खांधेरी में कर रहा है। एससीए द्वारा जारी अधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में मानद सचिव निरंजन शाह ने कहा, ‘डीआरएस का इस्तेमाल राजकोट में होने वाले टेस्ट के दौरान किया जायेगा।’ बीसीसीआई ने लंबे समय तक इसका विरोध करने के बाद ट्रायल आधार पर इंग्लैंड के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज में इसका इस्तेमाल करने का फैसला किया। शाह ने कहा, ‘हालांकि यह ट्रायल आधार पर होगा, यह पहला द्विपक्षीय टेस्ट होगा जिसमें इस डीआरएस तकनीक की सभी प्रणालियों जैसे गेंद ट्रैकिंग का इस्तेमाल किया जायेगा जो पूरी सीरीज के दौरान जारी रहेगा।’ एससीए के मीडिया मैनेजर हिमांशु शाह ने कहा कि टीम इंडिया कल यहां पहुंच रही है जबकि मेहमान टीम के अगले दिन आने की उम्मीद है।

नई दिल्ली: इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज केविन पीटरसन का मानना है कि जो रूट और विराट कोहली के बीच तुलना करना उचित नहीं है क्योंकि भारतीय टेस्ट कप्तान आंकड़ों के मामले में यार्कशर के बल्लेबाज से मीलों आगे है। बेहतरीन फार्म में चल रहे कोहली की अक्सर इंग्लैंड के बल्लेबाज जो रूट से तुलना की जाती है जिसके बारे में पीटरसन का कहना है कि यह उचित तुलना नहीं है। पीटरसन ने ‘द क्रिकेटर’ पत्रिका से कहा, ‘कोहली बेहतरीन बल्लेबाज है। वह हमेशा चुनौती के लिये तैयार रहता है। रूट के आंकड़े अच्छे हैं लेकिन जो की तुलना विराट से करना अनुचित है क्योंकि विराट के आंकड़े बेजोड़ हैं।’ उन्होंने कहा, ‘वह इतना आक्रामक होकर खेलता है कि कभी कभी लगता है कि क्या वह गंभीर है। जिस तरह से वह अपनी टीम के लिये बड़ी पारियां खेलता है वह अद्भुत है।’ कोहली का एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में लक्ष्य का पीछा करते हुए औसत 60 से उपर है। इस संदर्भ में पीटरसन ने कहा, ‘मैंने टीवी खोला और उसे धर्मशाला में (न्यूजीलैंड के खिलाफ) नाबाद 85 रन बनाते हुए देखा। यह शानदार पारी थी। उसके पास स्ट्राइक रोटेट करने और गेंद को सीमा रेखा तक पहुंचाने की अद्भुत क्षमता है।’ इंग्लैंड को अब भारत के खिलाफ रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जडेजा और अमित मिश्रा की स्पिन त्रिमूर्ति से जूझना होगा। अश्विन ने हाल में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की 3-0 से जीत में 27 विकेट लिये थे। उन्होंने कहा, ‘बल्लेबाज को भारत को में गेंद को सीमा तक पहुंचाने के विकल्प ढूंढने पड़ते हैं। यह स्ट्राइक रोटेट करने और और क्षेत्ररक्षण के आकलन से जुड़ा है। मुझे भारत में खेलने में दिक्कत नहीं हुई। मैंने यहां खेलने का आनंद उठाया। मैंने यहां काफी शतक बनाये हैं।’ भारत और इंग्लैंड के बीच पहला टेस्ट मैच नौ नवंबर से राजकोट में खेला जाएगा।

पर्थ: दक्षिण अफ्रीका ने अपने स्टार तेज गेंदबाज डेल स्टेन के चोटिल होने के बावजूद आज यहां शुरूआती टेस्ट के दूसरे दिन शानदार वापसी करते हुए आस्ट्रेलिया को दूसरी पारी में 244 रन पर समेट दिया। दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में 242 रन बनाये थे। आस्ट्रेलियाई टीम सुबह बिना विकेट गंवाये 158 रन पर अच्छी स्थिति में थी लेकिन उसने अपने 10 विकेट महज 86 रन के अंदर गंवा दिये और टीम पहली पारी के आधार पर केवल दो रन की ही बढ़त हासिल कर सकी। लंच से पहले कंधे की चोट के कारण स्टेन स्कैन कराने मैदान से बाहर चले गये, इससे पहले उन्होंने आस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर :97 रन: का विकेट हासिल किया था। लेकिन इसके बाद पूरी पारी के दौरान वह मैदान पर नहीं उतरे। उनकी अनुपस्थिति में वर्नोन फिलैंडर (56 रन देक चार विकेट), कागिसो रबाडा (78 रन देकर दो विकेट) और पदार्पण कर रहे स्पिनर केशव महाराज :56 रन देकर तीन विकेट: ने अपनी टीम के लिये अहम भूमिका निभायी। आस्ट्रेलियाई टीम वार्नर के आउट होने से पहले पूरी तरह दबाव बनाये थी लेकिन उसे महज 23 रन के अंदर अपने चार विकेट गंवा दिये। आठ रन बाद ही स्टेन मैदान छोड़कर चले गये। ऐसा लग रहा था कि उनका परेशान करने वाला कंधा फिर से चोटिल हो गया। वार्नर वाका मैदान पर अपने चौथे टेस्ट शतक को पूरा करने के करीब थे लेकिन वह पहली स्लिप में खड़े हाशिम अमला को कैच देकर आउट हो गये। इसके बाद विकेट गिरने का सिलसिला शुरू हुआ। स्टेन ने उस्मान ख्वाजा को गेंदबाजी की और इसके बाद मैदान छोड़कर चले गये।

नई दिल्ली: भारतीय टेस्ट टीम में पहली बार शामिल किये गये आलराउंडर हार्दिक पंड्या ने कहा कि आस्ट्रेलियाई दौरे के दौरान भारत ए के कोच राहुल द्रविड़ के मार्गदर्शन ने उन्हें ‘मानसिक रूप से मजबूत’ बनाया। हार्दिक ने आज से कहा, ‘मेरे लिये, भारत ए टीम के साथ आस्ट्रेलिया के मेरे दौरे के बाद सारी चीजें बदल गयीं। इस दौरे ने बतौर क्रिकेटर मुझे काफी बदल दिया। मैं राहुल द्रविड़ के योगदान के लिये उनका आभार व्यक्त करता हूं। मैं समझता हूं कि खेल के बारे में मानसिक पहलू हैं जिन पर काम किये जाने की जरूरत है। उन्होंने (द्रविड़) ने मुझे मानसिक रूप से मजबूत बनाया।’ उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि मैंने उन डेढ़ महीनों में राहुल सर की अगुवाई में जो कुछ सीखा, उससे कहीं ज्यादा मैंने कहीं और से सीख ली। वह मुझे बताते थे कि मुझे किन चीजों की कोशिश करनी चाहिए। मैं मानसिक रूप से मजबूत था लेकिन उनसे बात करने के बाद मैं सीख गया कि मैं इससे भी बेहतर हो सकता हूं। अगर आज मेरी गेंदबाजी की बात हो रही हे तो यह राहुल सर और भारत ए के गेंदबाजी कोच पारस महाम्ब्रे की वजह से ही है।’

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