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नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को चेताया कि समाज में संभावित ‘‘विद्रोह’’ की स्थिति को देखते हुये पूंजीवाद पर "गंभीर खतरा" दिखता है। उन्होंने कहा कि विशेषकर 2008 की वैश्विक वित्तीय मंदी के बाद आर्थिक और राजनीतिक व्यवस्था लोगों को बराबर अवसर उपलब्ध नहीं करा पाई है। यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में प्रोफेसर राजन ने बीबीसी रेडियो 4' एस टुडे कार्यक्रम में बताया कि अर्थव्यवस्था के बारे में विचार करते समय दुनिया भर की सरकारें सामाजिक असमानता को नजरअंदाज नहीं कर सकती हैं।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री ने कहा, 'मेरा मानना है कि पूंजीवाद गंभीर खतरे में है क्योंकि इसमें कई लोगों को अवसर नहीं मिल पा रहे हैं और जब ऐसा होता है तो पूंजीवाद के खिलाफ विद्रोह खड़ा हो जाता है।' राजन ने कहा कि मुझे लगता है कि पूंजीवाद कमजोर पड़ रहा है क्योंकि यह लोगों को बराबर अवसर नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा, 'पूंजीवाद लोगों को बराबरी के अवसर नहीं दे रहा है और वास्तव में जो लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं उनकी स्थिति बिगड़ी है।'

नई दिल्ली: खाने, पीने की चीजों के दाम बढ़ने से फरवरी में खुदरा मुद्रास्फीति दर बढ़कर 2.57 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह इसका चार माह का उच्चस्तर है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की दर इससे पहले जनवरी में 1.97 प्रतिशत तथा एक साल पहले फरवरी में 4.44 प्रतिशत पर रही थी। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के तहत केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार फरवरी माह की खुदरा मुद्रास्फीति की दर अक्टूबर, 2018 के बाद सबसे ऊंची है। अक्टूबर 2018 में यह 3.38 प्रतिशत रही थी।

माह के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति शून्य से 0.66 प्रतिशत नीचे रही, जो इससे पिछले साल इसी महीने में 3.26 प्रतिशत थी। प्रोटीन वाली वस्तुओं मसलन मांस और मछली तथा अंडों की मुद्रास्फीति फरवरी में क्रमश: 5.92 प्रतिशत और 0.86 प्रतिशत रही। फलों के दाम माह के दौरान 4.62 प्रतिशत घटे। वहीं सब्जियां 7.69 प्रतिशत सस्ती हुईं। जनवरी में इनके दाम क्रमश: 4.18 प्रतिशत और 13.32 प्रतिशत घटे थे। ईंधन और प्रकाश की श्रेणी में मूल्यवृद्धि की दर घटकर 1.24 प्रतिशत रह गई, जो जनवरी में 2.20 प्रतिशत थी।

नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक में हुए 14 हजार करोड़ रुपये के घोटाले के मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी की संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जब्त करने पर अपीलीय प्राधिकरण ने रोक लगा दी है। आईसीआईसीआई बैंक द्वारा विरोध करने के बाद यह रोक लगाई गई है।

दिसंबर में कोर्ट ने दिया था आदेश

पिछले साल दिसंबर में पीएमएलए कोर्ट ने चोकसी की कंपनी गीतांजलि जेम्स की संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया था। इसके बाद ईडी लगातार चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी की संपत्ति को जब्त करने लगा था।

ईडी ने शुरू की थी कार्रवाई

भारत की नागरिकता छोड़ने वाले पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पूरी रकम वसूलने लगा था। ईडी समेत कई एजेंसियां इस मामले पर नजर बनाए हैं और विभिन्न देशों से संपर्क में हैं। निदेशालय इस घोटाले में अब तक पांच हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति देश-विदेश में जब्त कर चुका है।

मुंबई: आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर बैंक धोखाधड़ी से जुड़े धन-शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष शनिवार को पेश हुए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से कोचर के ठिकानों पर की गई छापेमारी के एक दिन बाद दोनों केंद्रीय एजेंसी के बलार्ड एस्टेट कार्यालय पहुंचे। अधिकारियों ने कहा कि जांच अधिकारी धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कोचर और उनके पति के बयान दर्ज करेंगे।

इससे पहले ईडी ने शुक्रवार को चंदा कोचर के मुंबई और वीडियोकॉन समूह के वेणुगोपाल धूत के औरंगाबाद स्थित परिसरों पर छापेमारी की कार्रवाई की थी। अधिकारियों ने बताया कि कुल पांच परिसरों पर छानबीन की गई है। एजेंसी ने शुक्रवार को कोचर और धूत से पूछताछ भी की। कयास लगाए जा रहे हैं कि वीडियोकॉन समूह के प्रवर्तक धूत भी शनिवार को प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पूछताछ के लिए पेश हो सकते हैं। ईडी ने इस साल की शुरुआत में कोचर, उनके पति दीपक कोचर, धूत एवं अन्य के खिलाफ के धनशोधन कानून के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया था।

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