नई दिल्ली: खाने, पीने की चीजों के दाम बढ़ने से फरवरी में खुदरा मुद्रास्फीति दर बढ़कर 2.57 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह इसका चार माह का उच्चस्तर है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति की दर इससे पहले जनवरी में 1.97 प्रतिशत तथा एक साल पहले फरवरी में 4.44 प्रतिशत पर रही थी। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के तहत केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार फरवरी माह की खुदरा मुद्रास्फीति की दर अक्टूबर, 2018 के बाद सबसे ऊंची है। अक्टूबर 2018 में यह 3.38 प्रतिशत रही थी।
माह के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति शून्य से 0.66 प्रतिशत नीचे रही, जो इससे पिछले साल इसी महीने में 3.26 प्रतिशत थी। प्रोटीन वाली वस्तुओं मसलन मांस और मछली तथा अंडों की मुद्रास्फीति फरवरी में क्रमश: 5.92 प्रतिशत और 0.86 प्रतिशत रही। फलों के दाम माह के दौरान 4.62 प्रतिशत घटे। वहीं सब्जियां 7.69 प्रतिशत सस्ती हुईं। जनवरी में इनके दाम क्रमश: 4.18 प्रतिशत और 13.32 प्रतिशत घटे थे। ईंधन और प्रकाश की श्रेणी में मूल्यवृद्धि की दर घटकर 1.24 प्रतिशत रह गई, जो जनवरी में 2.20 प्रतिशत थी।
आरबीएल बैंक की अर्थशास्त्री रजनी ठाकुर ने कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति बढ़कर 2.57 प्रतिशत पर पहुंची है, जबकि औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर आश्चर्यजनक रूप से घटकर 1.7 प्रतिशत पर आ गई है, ऐसे में रिजर्व बैंक के पास अप्रैल की मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में 0.25 प्रतिशत कटौती की गुंजाइश है।