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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: देश का राजकोषीय घाटा सितंबर महीने के अंत तक चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान के करीब 93 प्रतिशत के बराबर पर पहुंच गया। बृहस्पतिवार को जारी सरकारी आंकड़ों में इसकी जानकारी दी गयी। पिछले वित्त वर्ष में यह सितंबर अंत तक बजट अनुमान के 95.30 प्रतिशत पर था। महालेखानियंत्रक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 30 सितंबर की स्थिति के अनुसार राजकोषीय घाटा (सरकार के खर्च और राजस्व के बीच की खाई) 6,51,554 करोड़ रुपये था। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 7.03 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान व्यक्त किया है। सरकार का लक्ष्य राजकोषीय घाटा को सकल घरेलू उत्पाद के 3.30 प्रतिशत पर सीमित रखने का है।

आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से सितंबर के दौरान राजस्व संग्रह बजट अनुमान का 41.60 प्रतिशत रहा। पिछले वित्त वर्ष में समान अवधि में यह 40.10 प्रतिशत रहा था। इस दौरान 8,16,467 करोड़ रुपये के राजस्व का संग्रह हुआ। पूरे वित्त वर्ष में 19.62 लाख करोड़ रुपये का राजस्व जमा होने का अनुमान है।

नई दिल्ली: भारत दौरे पर आए विश्व बैंक के प्रमुख डेविड मलपास ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। पीएमओ ने दोनों की मुलाकात की फोटो ट्वीट की। हालांकि पीएमओ ने यह नहीं बताया कि दोनों के बीच किन मुद्दों पर वार्ता हुई। मालूम हो कि विश्वबैंक के प्रमुख ने इसी महीने कहा था कि अपने भारत दौरे के दौरान वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर वित्तीय क्षेत्र में आ रही चुनौतियों पर चर्चा करेंगे जहां प्रगति की जा सकती है, ताकि भारत और तेजी से विकास कर सके। इसके साथ ही मलपास कई और नेताओं से मिलने का भी कार्यक्रम है।

97 परियोजनाओं में भारत की मदद का वादा पूरा करेगा

विश्व बैंक विश्व बैंक ने एक बार फिर देश में चल रही 97 परियोजनाओं को पूरा करने के लिए आर्थिक मदद देने का वादा दोहराया है। इस वैश्विक वित्तीय संस्थान के अध्यक्ष डेविड मलपास ने शनिवार को कहा कि विश्व बैंक इन परियोजनाओं के लिए भारत को 24 अरब डॉलर उपलब्ध कराने को प्रतिबद्ध है।

नई दिल्ली: सरकार ने घाटे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों एमटीएनएल और बीएसएनएल के पुनरुत्थान पैकेज के तहत बुधवार को दोनों कंपनियों के विलय का फैसला किया। वित्तीय तंगी से गुजर रही सार्वजनिक क्षेत्र की इन दोनों कंपनियों के लिये पुनरुत्थान योजना के तहत सरकारी बांड जारी किये जायेंगे , संपत्तियों का मौद्रीकरण होगा और कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) की पेशकश की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक लिये गये फैसलों के बारे में दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने संवाददाताओं को जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि सरकार दोनों सार्वजनिक कंपनियों को पटरी पर लाने के लिए 29,937 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। योजना के तहत 15,000 करोड़ रुपये के सरकारी बांड जारी किए जाएंगे और अगले चार साल में 38,000 करोड़ रुपये की संपत्ति की बिक्री या उसे पट्टे पर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लागत में कटौती के लिये कर्मचारियों के लिये स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना लायी जाएगी।

नई दिल्ली: मोदी सरकार ने दिवाली से पहले देश के किसानों के लिए एक बड़ी सौगात का ऐलान किया है। रबी फसलों की बुवाई शुरू होने से पहले सरकार सीजन की प्रमुख फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि की घोषणा कर दी गई है। सूत्रों ने बताया कि बुधवार को होने वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में चालू फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) की आगामी रबी सीजन की फसलों का एमएसपी बढ़ाने पर फैसला किया गया। कैबिनेट में गेहूं की एमएसपी में 85 रुपये और बाजरा की एमएसपी में 85 रुपये की बढ़ोतरी करने का फैसला ले लिया गया है। कैबिनेट के फैसले के बाद गेहूं का समर्थन मूल्य 1,840 रुपये से बढ़कर 1,925 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि एमएसपी बढ़ाने के फैसले से सरकार के ऊपर अतिरिक्त 3,000 करोड़ रुपये का बोझ आएगा।

कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) द्वारा रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि की सिफारिश किए जाने के बाद काफी समय से इसकी घोषणा का इंतजार किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, सीएसीपी ने चालू रबी सीजन में गेहूं का एमएसपी बढ़ाकर 1,925 रुपये, जौ का 1,525 रुपये, सरसों का 4,425 रुपये, चना का 4,825 रुपये, मसूर का 4,800 रुपये और कुसुम का 5,215 रुपये प्रति कुंटल करने की सिफारिश की थी।

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